शासन व्यवस्था
COVID-19 प्रबंधन सूचकांक
- 04 Jun 2020
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प्रीलिम्स के लिये:COVID-19 प्रबंधन सूचकांक मेन्स के लिये:महामारी प्रबंधन |
चर्चा में क्यों?
केंद्र सरकार द्वारा 'COVID-19 प्रबंधन सूचकांक' (COVID-19 Management Index) के तहत 10 राज्यों के लिये किये गए विश्लेषण में राजस्थान प्रथम स्थान पर रहा है।
प्रमुख बिंदु:
- COVID-19 महामारी का ‘डबलिंग टाइम’ (पॉज़िटिव रोगियों की संख्या के दोगुने होने का समय) जहाँ देश में 12 दिन है, वहीं राजस्थान में यह 18 दिन का है।
- 'COVID-19 प्रबंधन सूचकांक' में COVID-19 के पॉज़िटिव मामले, सही हो चुके मरीज़, मृत्यु-दर जैसे पैरामीटरों के आधार पर राज्यों का विश्लेषण किया गया है।
राजस्थान की COVID-19 के संदर्भ में वर्तमान स्थिति:
- हालाँकि राजस्थान में COVID-19 पॉज़िटिव मामलों की संख्या 10,000 होने वाली है लेकिन सक्रिय मामलों (Active Cases) का ग्राफ लगातार घट रहा है। अब राज्य में केवल 2,699 सक्रिय मामले हैं।
- राजस्थान में COVID-19 महामारी के कारण होने वाली मृत्यु-दर 2.16% रही जो राष्ट्रीय औसत से काफी कम थी। वही मरीज़ों का 'रिकवरी रेट' 67.59% है।
राजस्थान सरकार द्वारा किये गए प्रयास:
- राज्य में वर्तमान में प्रतिदिन 18,250 परीक्षण किये जा रहे हैं तथा शीघ्र ही 25,000 परीक्षण प्रतिदिन का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा।
- राज्य में विभिन्न शहरों से 11 लाख प्रवासियों की वापसी के बावजूद, ग्रामीण क्षेत्रों में महामारी का व्यापक प्रसार नहीं हुआ क्योंकि महामारी के प्रसार को रोकने के लिये ग्रामों तथा उपखंड स्तर पर 'सूक्ष्म नियोजन' प्रणाली को अपनाया गया था।
राजस्थान सरकार की आगे की रणनीति:
- राज्य का 'चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग' वर्तमान में अन्य स्वास्थ्य सेवाओं, जैसे कि टीकाकरण, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम आदि पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, ताकि राज्य का बुनियादी स्वास्थ्य ढाँचा तथा 'स्वास्थ्य सूचकांक' COVID-19 महामारी के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित न हो।
- राज्य सरकार 15 ज़िलों के 21 केंद्रों पर शीघ्र ही नैदानिक परीक्षण भी शुरू करेगी। इनमें वे ज़िले भी शामिल हैं, जहाँ अन्य राज्यों से सबसे ज्यादा प्रवासी वापस आए हैं।
- प्रत्येक ग्राम में 'स्वास्थ्य जागरूकता' बढ़ाने के लिये दो स्वास्थ्य मित्र प्रशिक्षित तथा नियुक्त किये जाएंगे।
निष्कर्ष:
- COVID-19 महामारी का बेहतर प्रबंधन ही इस महामारी से बचाव का एकमात्र तरीका है। अत: सभी राज्य सरकारों को संस्थानों, संगठनों, निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों के साथ मिलकर महामारी प्रबंधन की योजनाओं को वास्तविक धरातल पर लागू करना चाहिये।