शासन व्यवस्था
COVID-19 से राशन वितरण में बाधा
- 13 Apr 2020
- 3 min read
प्रीलिम्स के लिये:एकीकृत बाल विकास योजना मेन्स के लिये:सार्वजनिक वितरण प्रणाली से संबंधित मुद्दे |
चर्चा में क्यों?
COVID-19 के कारण देशभर में लागू लॉकडाउन की वजह से बच्चों एवं महिलाओं हेतु राशन वितरण में बाधा उत्पन्न हुई है।
प्रमुख बिंदु:
- महाराष्ट्र में लॉकडाउन के कारण आँगनवाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया गया है, जिससे कुछ क्षेत्रों में राशन वितरण की प्रक्रिया बाधित हुई है।
- वर्तमान में राज्य के कुछ क्षेत्रों में लाभार्थियों को तैयार किये गए भोजन (Hot Cooked Meals-HCM) के बजाय राशन की आपूर्ति की जा रही है।
- जिन ज़िलों में कुपोषण एक बड़ी समस्या है वहाँ भी राशन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
- वितरण में समस्या:
- पर्याप्त मात्रा में राशन का उपलब्ध न होना।
- आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं के पास पर्याप्त मात्रा में मास्क एवं ग्लब्स का न होना।
- आँगनवाड़ी केंद्रों पर लाभार्थियों के एकत्रित होने से सामाजिक दूरी (Social Distancing) में बाधा उत्पन्न होने से आँगनवाड़ी केंद्रों का बंद होना।
एकीकृत बाल विकास योजना
(Integrated Child Development Services):
- यह योजना वर्ष 1975 में 6 साल से कम आयु के बच्चों के सर्वांगीण विकास (स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा) के लिये एक पहल के रूप में शुरू की गई थी।
- इसका उद्देश्य शिशु मृत्यु दर, बाल कुपोषण को कम करना और पूर्व-विद्यालय शिक्षा प्रदान करना है।
- ICDS योजना की निगरानी संबंधी समग्र ज़िम्मेदारी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development-MWCD) की है।
- ICDS योजना के तहत प्रमुख छह सेवाएँ हैं- प्रतिरक्षा, पूरक पोषण, स्वास्थ्य जाँच, रेफरल सेवाएँ, प्री-स्कूल गैर-औपचारिक शिक्षा, पोषण।
- बाल विकास को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न विभागों के बीच नीति और कार्यान्वयन का प्रभावी समन्वय प्राप्त करना।
- महिलाओं और किशोरावस्था की लड़कियों की पहुँच पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा तक सुनिश्चित किया जाना।
- 6 वर्ष तक की आयु के लगभग 87 लाख बच्चों को 90,000 आँगनवाड़ियों द्वारा सेवा दी जाती है।
आगे की राह:
- योजनाबद्ध तरीके से राशन वितरण प्रक्रिया को संपन्न किया जाना चाहिये।
- आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं को राशन वितरण हेतु एक विशेष वाहन आवंटित किया जाना चाहिये।
- आँगनवाड़ी केंद्रों एवं कार्यकर्त्ताओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है अतः उनकी सुरक्षा पर भी ध्यान दिये जाने की ज़रूरत है।