COVID- 19 और प्रवासी श्रमिक शिविर | 03 Apr 2020

प्रीलिम्स के लिये:

राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष, अधिसूचित आपदाएँ

मेन्स के लिये: 

आपदा प्रबंधन

चर्चा में क्यों?

COVID- 19 महामारी के चलते देश में लगाए गए 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन को दृष्टिगत रखते हुए गृह मंत्रालय ने राज्यों को राजमार्गों पर तत्काल राहत शिविर लगाने तथा नियमित चिकित्सा जाँच के आदेश दिये हैं।

मुख्य बिंदु:

  • मंत्रालय ने राज्यों को श्रमिकों एवं बेघर लोगों के लिये अस्थायी आवास, भोजन, कपड़े, चिकित्सा देखभाल आदि का प्रबंधन करने तथा राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (State Disaster Response Funds- SDRF) का उपयोग करने के लिये अधिकृत किया है।
  • गृह मंत्रालय ने COVID- 19 महामारी को 'अधिसूचित आपदा' (Notified Disaster) के रूप में मानने का फैसला किया है। 
  • इसके अलावा मंत्रालय ने राज्यों को शिविरों में लोगों को प्रदत्त सुविधाओं, ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ (Pradhan Mantri Garib Kalyan- PMGKY) के तहत प्रदत राहत पैकेज आदि के बारे में जानकारी देने के निर्देश दिया है। 

महत्त्व:

  • इस कदम के बाद राज्य सरकारें SDRF अधिसूचित आपदाओं के लिये उपलब्ध SDRF निधि का उपयोग COVID- 19 महामारी के प्रबंधन में कर सकेंगे। 
  • यहाँ ध्यान देने योग्य तथ्य रह कि SDRF को अगले वित्त वर्ष के लिये पहले से ही लगभग 29,000 करोड़ का आवंटन किया जा चुका है।

राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF):

  • आपदा प्रबंधन अधिनियम’, 2005 (Disaster Management Act, 2005) की धारा 48 (1) (a) के तहत राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) का गठन किया गया है। 
  • SDRF राज्य सरकार के पास उपलब्ध प्राथमिक निधि होती है जो अधिसूचित आपदाओं के प्रति तत्काल प्रतिक्रिया करने तथा राहत प्रदान करने के व्यय को पूरा करने में काम आती है।
  • केंद्र सरकार द्वारा वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार, दो समान किश्तों में निधि जारी की जाती है। 
  • केंद्र, सामान्य श्रेणी के राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के लिये SDRF आवंटन में 75% और विशेष श्रेणी राज्यों (पूर्वोत्तर राज्यों, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर) के लिये 90% योगदान देता है।

SDRF में अधिसूचित आपदाएँ: 

  • चक्रवात, सूखा, भूकंप, आग, बाढ़, सुनामी, ओलावृष्टि, भूस्खलन, हिमस्खलन, मेघ प्रस्फुटन, कीट हमला, तुषार तथा शीत लहर।

स्रोत: द हिंदू