विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
COVID-19 और अश्वगंधा
- 20 May 2020
- 5 min read
प्रीलिम्स के लिये:अश्वगंधा, प्रोपोलिस मेन्स के लिये:COVID-19 तथा अश्वगंधा और प्रोपोलिस से संबंधित विषय |
चर्चा में क्यों?
‘भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली’ (Indian Institutes Of Technology- Delhi) और ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड इंडस्ट्रियल साइंस एंड टेक्नोलॉजी’ [National Institute of Advanced Industrial Science and Technology (AIST)- Japan] द्वारा किये गए एक संयुक्त अध्ययन के अनुसार, अश्वगंधा (Ashwagandha) और ‘प्रोपोलिस’ (Propolis) COVID-19 हेतु दवा में मददगार साबित हो सकते हैं।
प्रमुख बिंदु:
- इस शोधकार्य को ‘बायोमॉलिक्यूलर स्ट्रक्चर एंड डायनेमिक्स’ (Biomolecular Structure and Dynamics) पत्रिका में प्रकाशित किया जाएगा।
- IIT दिल्ली और AIST के शोधकर्त्ताओं ने अश्वगंधा और प्रोपोलिस आधारित यौगिकों का उपयोग COVID-19 के एंजाइम को लक्षित करने के लिये किया है, जिसे ‘मेन प्रोटीज़’ (Main Protease) या ‘एम्प्रो’ (Mpro) के रूप में जाना जाता है।
- वायरस के प्रतिलिपि निर्माण में ‘मेन प्रोटीज़’ (Main Protease) या ‘एम्प्रो’ (Mpro) एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- शोधकर्त्ताओं के अनुसार, ‘विथानोन’ [Withanone (Wi-N)] और ‘कैफ्फेसिक एसिड फेनेथाइल एस्टर’ (Caffeic Acid Phenethyl Ester-CAPE) एम्प्रो की पुनरावृत्ति को रोकने में सक्षम है।
- ‘विथानोन’ [Withanone (Wi-N)] अश्वगंधा से प्राप्त एक प्राकृतिक यौगिक है।
- ‘कैफ्फेसिक एसिड फेनेथाइल एस्टर’ (Caffeic Acid Phenethyl Ester-CAPE) न्यूज़ीलैंड प्रोपोलिस का एक सक्रिय संघटक है।
अश्वगंधा (Ashwagandha):
- अश्वगंधा (वैज्ञानिक नाम- विथानिया सोमनीफेरा) एक औषधीय जड़ी बूटी है, जिसे प्रतिरक्षा बढ़ाने हेतु उपयोग में लाया जाता है।
- अश्वगंधा आम तौर पर एक चूर्ण के रूप में भी उपलब्ध होता है जिसे जल, घी या शहद के साथ मिश्रित किया जाता है।
- यह मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के कार्य में बढ़ोतरी करने के साथ ही याददाश्त में भी सुधार करता है।
- यह स्वस्थ यौन और प्रजनन संतुलन को बढ़ावा देने हेतु प्रजनन प्रणाली में भी सुधार करता है।
- अश्वगंधा तनाव को भी दूर करने में मदद करता है।
प्रोपोलिस (Propolis):
- प्रोपोलिस एक प्राकृतिक राल का मिश्रण है जो मधुमक्खियों द्वारा पौधों या कलियों से एकत्रित किये गए पदार्थों से उत्पादित होता है।
- मधुमक्खियाँ मुख्य रूप से चिनार से प्रोपोलिस एकत्रित करती हैं।
- मधुमक्खियाँ अपने छत्ते के निर्माण और मरम्मत में भी प्रोपोलिस का उपयोग करती हैं।
भारत सरकार की कुछ अन्य पहलें:
- ध्यातव्य है कि भारत सरकार ने COVID-19 के मद्देनज़र कुछ आयुर्वेदिक दवाओं पर नैदानिक शोध अध्ययनों को शुरू करने हेतु एक टास्क फोर्स का गठन किया है।
- आयुष संजीवनी एप (AYUSH Sanjivani App):
- ‘आयुष संजीवनी एप’ को आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology- MEITY) द्वारा विकसित किया गया है।
- इस एप से लोगों के बीच आयुष से संबंधित सिफारिशों एवं विभिन्न कदमों की स्वीकार्यता तथा उपयोग के साथ COVID-19 के उन्मूलन में इनके प्रभाव से जुड़ी जानकारियाँ जुटाने में मदद मिलेगी।