पर्यटन क्षेत्र के विकास हेतु पहल | 28 Aug 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में 15वें वित्त आयोग ने पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय को पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये राज्यों को प्रोत्साहित करने के उपाय सुझाए।
प्रमुख बिंदु
- पर्यटन और संस्कृति क्षेत्र बहुत महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि वे रोज़गार सृजन, आय में वृद्धि तथा राष्ट्र के एकीकरण का अभिन्न अंग हैं और अंतर्राष्ट्रीय संबंध बनाने के वाहक हैं।
- वित्त आयोग ने सुझाव दिया कि ASI कानून, 1958 में बड़े बदलावों की आवश्यकता है, जो वर्तमान समय के अनुकूल नहीं है तथा संरक्षित स्मारकों को बनाए रखने के लिये निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये और अंतर्राष्ट्रीय तथा घरेलू पर्यटकों के बीच स्मारकों का आक्रामक प्रचार किया जाना चाहिये।
- घरेलू पर्यटन पर बल देने हेतु स्कूली छात्रों को देश के विभिन्न भागों में भेजना अनिवार्य किया जाना चाहिये। इसे स्कूल पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिये। बैठक में होटल उद्योग के सामने आने वाली समस्याओं और देश भर में पर्यटन के विकास में बाधा बन रही कनेक्टिविटी के बुनियादी ढाँचे की कमी पर चर्चा की गई।
विकास और संवर्द्धन हेतु पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय के प्रयास
- पर्यटन मंत्रालय द्वारा विकास और संवर्द्धन के लिये निम्न क्षेत्रों की पहचान की गई है: समुद्री पर्यटन, साहसिक पर्यटन, चिकित्सा (जिसे चिकित्सा यात्रा, स्वास्थ्य पर्यटन या वैश्विक स्वास्थ्य सेवा भी कहा जाता है), तंदुरुस्ती (भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (आयुष), गोल्फ, पोलो, प्रोत्साहन सम्मेलन और प्रदर्शनियाँ (एमआईसीई), इको-पर्यटन, फिल्म पर्यटन, सतत् पर्यटन।
- सेवा प्रदाताओं के लिये क्षमता निर्माण द्वारा मानव संसाधन प्रबंधन और आतिथ्य शिक्षा का आधार व्यापक बनाकर पर्यटन स्थलों तक आसानी से पहुँच प्रदान करना तथा इसके लिये अंतर्राष्ट्रीय परिवहन और सुविधाएँ बहाल करना मंत्रालय के लिये चिंता का प्रमुख विषय हैं।
- पर्यटन मंत्रालय पर्यटन के बुनियादी ढाँचे को बढ़ाने, वीज़ा व्यवस्था को आसान बनाने, पर्यटन सेवा प्रदाताओं की सेवाओं में गुणवत्तापूर्ण मानकों का आश्वासन देने, देश को 365 दिनों के पर्यटन स्थल के रूप में उभारने तथा पर्यटन को बिना किसी बाधा के बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करेगा।
- पर्यटन मंत्रालय, पर्यटन स्थलों को विश्व स्तर के अनुरूप तैयार करने के लिये समग्र विकास को प्राथमिकता देगा। इसके लिये अन्य केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों और उद्योग के साझेदारों के साथ तालमेल स्थापित कर बुनियादी ढाँचे, सुविधाओं, दुभाषिया केंद्रों एवं कौशल विकास को बढ़ावा देने सहित सामूहिक दृष्टिकोण का इस्तेमाल करेगा।
पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु पर्यटन मंत्रालय की प्रमुख योजनाएँ:
- विशिष्ट विषय वस्तुओं- स्वदेश दर्शन के आसपास पर्यटक सर्किट का एकीकृत विकास।
- तीर्थस्थल कायाकल्प और आध्यात्म पर राष्ट्रीय मिशन संवर्द्धन अभियान (प्रसाद)।
- पर्यटन के बुनियादी ढाँचा विकास के लिये केंद्रीय एजेंसियों को सहायता।
- आतिथ्य सत्कार सहित घरेलू पर्यटन का प्रसार और प्रचार (DPPH)।
- विपणन विकास सहायता (MDA) सहित विदेशी पर्यटकों का प्रसार और प्रचार।
- IHM/FCI आदि को सहायता।
- सेवा प्रदाताओं के लिये क्षमता निर्माण (CBSP)।
पर्यटन मंत्रालय द्वारा दिये गए सुझाव
- पर्यटन हेतु भूमि प्रदान करके, कम ज्ञात पर्यटन स्थलों का विकास, सड़क के किनारे सुविधाओं में वृद्धि और आतिथ्य उद्योग के क्षमता निर्माण के प्रावधान द्वारा राज्य सरकारों को पर्यटन स्थलों के बुनियादी ढाँचे के विकास में योगदान करने के लिये ज़ोर दिया जाना चाहिये।
- मंत्रालय ने सुझाव दिया कि पर्यटन क्षेत्र में राज्यों के प्रदर्शन को विदेशी मुद्रा आय और विदेशी पर्यटकों के परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है। हालाँकि अर्जित की गई विदेशी मुद्रा राष्ट्रीय स्तर पर RBI द्वारा संकलित की जाती है और इसलिये राज्यों के लिये अलग-अलग आँकड़े प्राप्त करना संभव नहीं है।
- पर्यटन मंत्रालय के पास विभिन्न राज्यों में विदेशी पर्यटकों की यात्रा की जानकारी रखने के लिये एक तंत्र है जिसका उपयोग पर्यटन क्षेत्र में राज्यों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिये किया जा सकता है। राज्यों को प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन प्रदान करने के लिये प्रतिदर्श सर्वेक्षण द्वारा विदेशी पर्यटकों की भावनाओं के बारे में राज्यों के दावों की जाँच की जा सकती है।