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करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2018

  • 30 Jan 2019
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?


हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल (Transparency International) ने करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2018/ भ्रष्टाचार बोध सूचकांक (Corruption Perception Index -2018) जारी किया है।

सूचकांक में भारत की स्थिति

  • इस सूचकांक के अनुसार, भ्रष्टाचार के क्षेत्र में भारत की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी काफी कुछ किया जाना शेष है।
  • ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी इस सूचकांक के अनुसार, भारत भ्रष्टाचार के मामले में 180 देशों की सूची में 78वें स्थान पर है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में भारत इस सूचकांक में 81वें स्‍थान पर था।
  • इस बार भारत को इस सूचकांक के अंतर्गत 41 अंक प्राप्त हुए हैं, जबकि वर्ष 2017 और 2016 में भारत को 40 अंक प्राप्त हुए थे तथा 2015 में भारत को 38 अंक प्राप्त हुए थे।

भारत के पड़ोसी देशों की स्थिति

  • चीन 39 अंकों के साथ 87वें स्‍थान पर।
  • श्रीलंका और इंडोनेशिया 38 अंकों के साथ 89वें स्‍थान पर।
  • पाकिस्‍तान 33 अंकों के साथ 117वें स्‍थान पर।
  • मालदीव और नेपाल 31 अंकों के साथ 124वें स्‍थान पर।
  • भूटान 68 अंकों के साथ 25वें स्थान पर।
  • म्‍याँमार 29 अंकों के साथ 132वें स्‍थान पर।
  • बांग्लादेश 26 अंकों के साथ 149वें स्‍थान पर।
  • अफगानिस्‍तान 16 अंकों के साथ 172वें स्‍थान पर।

वैश्विक परिदृश्य

  • डेनमार्क 88 अंकों के साथ इस सूचकांक में पहले स्थान पर है, जबकि सोमालिया 10 अंकों के साथ दुनिया का सबसे भ्रष्ट देश है।
  • इस वर्ष के CPI में दो-तिहाई से अधिक देशों का स्कोर औसतन 43 से कम है।

bottom countries

  • पिछले सात वर्षों में केवल 20 देशों ने अपने CPI स्कोर में काफी सुधार किया है, जिनमें एस्टोनिया (Estonia), सेनेगल (Senegal), गुयाना (Guyana) और कोट डी'वायर (Côte D’Ivoire) शामिल हैं।
  • 71 अंकों के साथ, संयुक्त राज्य अमेरिका 2011 के बाद पहली बार CPI के शीर्ष 20 देशों से बाहर हो गया।
  • इसके साथ ही 16 देशों का CPI स्कोर इन्हीं 7 वर्षों के दौरान काफी कम हुआ है जिसमें ऑस्ट्रेलिया, चिली, माल्टा, हंगरी और तुर्की आदि देश शामिल हैं।
  • रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में ऐसे नेताओं द्वारा सत्ता हासिल की जा रही है जो लोकलुभावन वादों के लिये मंचों का उपयोग करते है, ऐसे नेता लोकतंत्र को कमज़ोर करते हैं। भ्रष्टाचार की उच्च दर ऐसे उम्मीदवारों के समर्थन को बढ़ाने में मदद कर सकती है। पूरी दुनिया में इस तरह के 40% नेताओं पर भी भ्रष्टाचार के आरोप भी हैं।
  • पश्चिमी यूरोप और यूरोपीय संघ इस सूचकांक के तहत उच्चतम अंक प्राप्त करने वाला क्षेत्र है। इस क्षेत्र के कुल औसत अंक 66 हैं।

western countries

  • उप-सहारा अफ्रीका इस सूचकांक के अंतर्गत निम्नतम अंक प्राप्त करने वाला क्षेत्र है। इस क्षेत्र के कुल औसत अंक 32 हैं।

africa

भ्रष्टाचार को रोकने के लिये सुझाव

  • संस्थानों को सशक्त किया जाना चाहिये, साथ ही जाँच और संतुलन को बनाए रखना चाहिये।
  • भ्रष्टाचार विरोधी कानून बनाने उन्हें व्यवहार में लाने और उनके प्रवर्तन के बीच के अंतराल को कम किया जाना चाहिये।
  • नागरिकों को अभिव्यक्ति और सरकारों की जवाबदेही तय करने का अधिकार दिया जाना चाहिये।
  • प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा की जाए ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ रिपोर्टिंग करने वाले किसी भी पत्रकार के जीवन को खतरा ना हो।
सूचकांक के बारे में
  • 1995 में अपनी स्थापना के बाद से करप्शन परसेप्शन इंडेक्स, सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार का प्रमुख वैश्विक संकेतक बन गया है। सूचकांक दुनिया भर के देशों और क्षेत्रों की रैंकिंग के आधार पर भ्रष्टाचार के सापेक्ष एक वार्षिक रिपोर्ट प्रदान करता है।
  • वर्तमान में इसके तहत 180 देशों की रैंकिंग की जाती है। रैंकिंग के लिये इस सूचकांक में 0 से 100 के पैमाने का उपयोग किया जाता है, जहाँ शून्य अत्यधिक भ्रष्ट स्थिति को दर्शाता है वहीं, 100 ऐसे देश को दर्शाता है जहाँ भ्रष्टाचार नहीं है।
  • इस सूचकांक के तहत आकलन 13 अलग-अलग डेटा स्रोतों का उपयोग करके किया जाता है।

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल

  • 1993 में कुछ व्यक्तियों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाने का फैसला किया और ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की स्थापना की।
  • वर्तमान में यह 100 से अधिक देशों में मौजूद है।
  • इसका सचिवालय बर्लिन (जर्मनी की राजधानी) में है।

स्रोत : ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल वेबसाइट

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