बढ़ते कॉर्पोरेट ऋणों के कारण निवेश को पहुँचती क्षति | 19 Apr 2018
चर्चा में क्यों?
आईएमएफ ने अपनी वार्षिक विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि बैलेंस शीट से संबंधित कमज़ोरियाँ कई उभरती हुई बाज़ार अर्थव्यवस्थाओं के लिये मध्यम-अवधि में विकास की संभावनाओं के संदर्भ में नकारात्मक हो सकती हैं, इसलिये इसके समाधान के लिये तत्काल नीतिगत कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
प्रमुख बिंदु
- आईएमएफ के अनुसार बैलेंस शीट की कमज़ोरियाँ (Balance Sheet Vulnerabilities) जो कि जोखिम पैदा कर सकती हैं, से निपटने के लिये आवश्यक नीतिगत कार्रवाई करना ज़रूरी है।
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार कॉर्पोरेट ऋण की अधिकता और संबद्ध बैंकिंग क्षेत्र की ऋणों की गुणवत्ता संबंधी चिंताएँ भारत में निवेश को क्षति पहुँचा रही हैं।
- आईएमएफ के अनुसार, भारत में प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिये 2017 में घोषित पुनर्पूंजीकरण योजना, पूंजी बफर स्टॉक को फिर से भरने में मदद करेगी और आर्थिक विकास की गति को तीव्र करने के लिये बैंकिंग क्षेत्र की क्षमता में सुधार करेगी।
- आईएमएफ के अनुसार हालाँकि, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रशासन में सुधार एवं वित्तीय सुधारों के लिये पुनर्पूंजीकरण एक व्यापक पैकेज का हिस्सा होना चाहिये, इसके साथ ही बैंकों के ऋण वसूली तंत्र को और अधिक सुदृढ़ बनाया जाना चाहिये।
- आईएमएफ के मुताबिक, तुर्की में बैलेंस शीट में विद्यमान अंतर, मुद्रा की मांग और पूर्ति में अंतर और विदेशी मुद्रा से संबंधित जोखिम को कम करना तात्कालिक प्राथमिकताएँ हैं।
- इसके अनुसार टर्म प्रीमियर का पुनरीक्षण करके पोर्टफोलियो में बदलाव किया जाना चाहिये। इसके साथ ही अल्पकालिक उधार पर अत्यधिक निर्भरता से बचने के लिये इससे संबंधित जोखिम को कम करना महत्त्वपूर्ण है।
- चीन में नियामकों ने सेडो बैंकिंग (Shadow Banking) में लगाम लगाने और वित्तीय गतिविधियों को बैंकों के अंतर्गत वापस लाने के लिये महत्त्वपूर्ण उपाय किये हैं।
कॉर्पोरेट ऋण
- कॉर्पोरेट ऋण बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा लिये गए ऋण को कहा जाता है। कॉर्पोरेट एक बड़ी कंपनी या कंपनियों के समूह को कहा जाता है।