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भारतीय अर्थव्यवस्था

भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में संकुचन

  • 04 Jul 2020
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

पर्चेज़िंग मैनेजर्स इंडेक्स

मेन्स के लिये:

भारतीय सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में गिरावट का कारण एवं प्रभाव

चर्चा में क्यों?

आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विसेज पर्चेज़िंग मैनेजर्स इंडेक्स (IHS Markit India Services Purchasing Managers’ Index) के आधार पर COVID-19 महामारी के चलते देशव्यापी लॉकडाउन के कारण घरेलू मांग एवं निर्यात आर्डर में कमी के कारण भारतीय सेवा क्षेत्र में लगातार जून के चौथे माह में गिरावट दर्ज़ की गई है।

प्रमुख बिंदु:

  • लंदन स्थित IHS मार्किट (IHS Markit) द्वारा जारी सर्वेक्षण के अनुसार, इंडिया सर्विसेज़ ‘पर्चेज़िंग मैनेजर्स इंडेक्स’ (Purchasing Managers’ Index-PMI) में यह संकुचन लगातार बना हुआ है।
  • हालांकि जून में पर्चेज़िंग मैनेजर्स इंडेक्स बढ़कर 33.7 पर पहुँच गया है, जो मई में 12.6% तथा अप्रैल माह में 5.6 अंकों पर था लेकिन PMI अगर 50 अंकों से ऊपर है तो यह प्रसार की स्थिति तथा यदि यह 50 अंकों से नीचे है तो संकुचन की स्थिति को दर्शाता है।
  • IHS मार्किट सर्वेक्षण के अनुसार, देश में कोरोना संकट गहराने के साथ जून माह में भी सेवा क्षेत्र में गिरावट जारी है।
  • सर्वेक्षण के अनुसार कुछ कंपनियों/फर्मों ने अपनी आर्थिक गतिविधियों को स्थिर रखा है जो गिरावट की धीमी दर के स्तर को प्रतिबिंबित करती हैं।
  • लगभग 59 प्रतिशत फर्मों ने मई के बाद से अपने उत्पादन कार्य में कोई परिवर्तन नहीं किया जिसके चलते केवल 4% फर्मों की आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि देखी गई जबकि 37% में कमी दर्ज की गई है।
  • सर्वेक्षण के अनुसार विनिर्माण गतिविधियों में गिरावट देखी गई है जिसका मुख्य कारण क्षेत्रीय लॉकडाउन में विस्तार के कारण मांग में गिरावट तथा श्रम लॉजिस्टिक संबंधी चुनौतियाँ हैं ।

कमी का मुख्य कारण एवं इसका प्रभाव:

  • जून माह में फर्मों को मिलने वाले ऑर्डर में कमी का होना।
  • प्रतिकूल वातावरण के कारण ग्राहकों द्वारा अपने व्यवसाय बंद करना।
  • निर्यात बिक्री में गिरावट।
  • उपभोक्ताओं की आवाजाही पर रोक के चलते मांग का कम होना कुछ ऐसे प्रमुख कारण हैं जिनके कारण सेवा क्षेत्र में गिरावट देखी जा रही है।
  • सर्वेक्षण के अनुसार, यदि देश में संक्रमण की दर नियंत्रित नहीं की गई तो देश एक अभूतपूर्व आर्थिक मंदी की चपेट में जा सकता है जो निश्चित रूप से इस वर्ष की दूसरी छमाही में देखी जा सकती है।

पर्चेज़िंग मैनेजर्स इंडेक्स:

  • पर्चेज़िंग मैनेजर्स इंडेक्‍स मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर की आर्थिक गतिविधियों को मापने का एक इंडिकेटर है।
  • इसके माध्यम से किसी देश की आर्थिक स्थिति का आकलन किया जाता है।
  • यह इंडेक्स सेवा क्षेत्र तथा निजी क्षेत्र की गतिविधियों पर आधारित होता है।
  • इंडेक्स में शामिल सभी देशों की आर्थिक गतिविधयों की तुलना एक जैसे नियम से की जाती है।
  • इसका उद्देश्य देश की आर्थिक स्थिति के बारे में सही जानकारी एवं आँकड़े उपलब्‍ध कराना है, जिससे अर्थव्‍यवस्‍था की स्थिति के बारे में सटीक जानकारी मिल सके।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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