अनुबंध कृषि | 31 Oct 2019
प्रीलिम्स के लिये:
अनुबंध कृषि
मेन्स के लिये:
अनुबंध कृषि से होने वाले लाभ तथा इससे उत्पन्न होने वाली संभावित चुनौतियाँ
चर्चा में क्यों?
अनुबंध कृषि (Contract Farming) पर कानून बनाने वाला तमिलनाडु देश का प्रथम राज्य बन गया है।
प्रमुख बिंदु:
- तमिलनाडु देश का प्रथम राज्य बन गया है जिसने कृषि उपज और पशुधन संविदा खेती तथा सेवा (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम {Agricultural Produce and Livestock Contract Farming and Services (Promotion and Facilitation) Act} को मंजूरी देने के साथ ही अनुबंध कृषि पर कानून बनाया है।
- इसके माध्यम से बाज़ार मूल्य में उतार-चढ़ाव होने की स्थिति में कानून किसानों के हितों की रक्षा हो सकेगी।
- इसके अंतर्गत खरीदारों व किसानों के मध्य हुए फसल-पूर्व समझौते के तहत किसानों को पूर्व-निर्धारित मूल्य का भुगतान किया जाएगा तथा इस प्रकार के समझौतों को कृषि विपणन एवं कृषि व्यवसाय विभाग के नामित अधिकारियों के साथ पंजीकृत कराना होगा।
- केंद्र या राज्य सरकार या भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा प्रतिबंधित किसी भी उपज को अनुबंध खेती के तहत कवर नहीं किया जाएगा।
तमिलनाडु राज्य अनुबंध खेती तथा सेवा (संवर्धन और सुविधा) प्राधिकरण
{Tamil Nadu State Contract Farming and Services (Promotion and Facilitation) Authority}:
- यह एक छः सदस्यीय निकाय है जिसका गठन अधिनियम के समुचित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने, राज्य सरकार को प्रोत्साहन देने तथा अनुबंध खेती के बेहतर प्रदर्शन हेतु सुझाव देने के लिये किया जाएगा।
- इसके अंतर्गत किसान उत्पादकता में सुधार हेतु चारा तथा प्रौद्योगिकी के माध्यम से खरीदारों से समर्थन भी प्राप्त कर सकेंगे।
- इसके अतिरिक्त उत्पादन तथा उसके बाद की गतिविधियों तथा पशुपालन में लगे किसानों को भी कवर किया जाएगा।
- अनुबंधों को पूर्व-उत्पादन (Pre-Production) से अंतिम उत्पादन (Post-Production) के समग्र रूप तक विस्तृत किया जा सकेगा।