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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

AI में उच्च आधुनिकतावाद से संबंधित चिंताएँ

  • 12 Jul 2023
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

AI में उच्च आधुनिकतावाद से संबंधित चिंताएँ, ChatGPT, कृत्रिम बुद्धिमत्ता

मेन्स के लिये:

AI में उच्च आधुनिकतावाद से संबंधित चिंताएँ, AI प्रौद्योगिकी के नैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक निहितार्थ

चर्चा में क्यों? 

ChatGPT जैसे विशाल कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के आविर्भाव ने हाल के दिनों में महत्त्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया है। हालाँकि इन AI को डिज़ाइन करने में उच्च आधुनिकतावाद से संबंधित चिंताएँ हैं।

ChatGPT: 

  • ChatGPT जनरेटिव प्री-ट्रेंड ट्रांसफार्मर (GPT) का एक प्रकार है जो OpenAI द्वारा विकसित एक बड़े पैमाने पर तंत्रिका नेटवर्क-आधारित भाषा प्रारूप है।
  • GPT मॉडल को मानव जैसा टेक्स्ट उत्पन्न करने के लिये बड़ी मात्रा में टेक्स्ट डेटा पर प्रशिक्षित किया जाता है।
  • यह विभिन्न विषयों पर प्रतिक्रियाएँ दे सकता है, जैसे- प्रश्नों का उत्तर देना, स्पष्टीकरण प्रदान करना और संवाद में भाग लेना।
  • ChatGPT "अनुवर्ती प्रश्नों" का उत्तर देने के साथ"अपनी गलतियों को स्वीकार कर सकता है, गलत धारणाओं को चुनौती दे सकता है, साथ ही अनुचित अनुरोधों को अस्वीकार कर सकता है।"
  • चैटबॉट को रीइन्फोर्समेंट लर्निंग फ्रॉम ह्यूमन फीडबैक (RLHF) का उपयोग करके भी प्रशिक्षित किया गया था।

AI को डिज़ाइन करने में उच्च आधुनिकतावाद की चुनौतियाँ: 

  • उच्च आधुनिकतावाद का परिचय: 
    • उच्च आधुनिकतावाद ऊपर से नीचे तक की विचारधारा को संदर्भित करता है जो व्यवस्था तथा मापने योग्य प्रगति में विश्वास से प्रेरित है। सामाजिक तथा प्राकृतिक विश्व को फिर से व्यवस्थित करने के साधन के रूप में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में अटूट विश्वास इसकी विशेषता है।
      • यह प्राय: स्थानीय ज्ञान तथा जीवित अनुभवों की उपेक्षा करता है जिससे अनपेक्षित परिणाम होते हैं।
    • यह दृष्टिकोण, जब AI डिज़ाइन पर लागू किया जाता है तो यह मानव विचार की जटिलता एवं विविधता को नज़रअंदाज कर सकता है जिसके परिणामस्वरूप पक्षपाती और अपूर्ण प्रणालियाँ बनती हैं।
  • AI डिज़ाइन में उच्च आधुनिकतावाद की चुनौतियाँ: 
    • विविधता की हानि: GAI को मुख्य रूप से इंटरनेट टेक्स्ट पर प्रशिक्षित किया जाता है, जो कुछ भाषाओं, धर्मों, नस्लों एवं संस्कृतियों के प्रति पक्षपाती है जिससे इन पूर्वाग्रहों को कायम रखने का जोखिम होता है।
      • विविध प्रशिक्षण डेटा की कमी से भाषा की हानि हो सकती है तथा मानव विचार और अभिव्यक्ति की समृद्धि में बाधा आ सकती है।
    • स्थानीय सूचना में कमी: प्रत्यक्ष अनुभव के माध्यम से प्राप्त सूक्ष्म सूचना को अलग करके GAI इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के "एटलस व्यू (Atlas View)" को प्राथमिकता देते हैं।
      • यह दृष्टिकोण सटीक और बहुआयामी समझ के लिये आवश्यक स्थानीय संदर्भ और क्षेत्र-विशिष्ट अंतर्दृष्टि की उपेक्षा करता है। 

AI डिज़ाइन करने में विविधता की भूमिका:

  • मानकीकरण से बचना:  
    • विविध AI मॉडल की कमी के परिणामस्वरूप मानकीकृत, एक आकार के उपयुक्त सभी समाधान हो सकते हैं जो क्षेत्रीय, सांस्कृतिक या व्यक्तिगत विविधताओं को ध्यान में रखने में विफल होते हैं।
    • AI, विकास में विविधता को बढ़ावा देने से कई दृष्टिकोण प्राप्त हो सकते हैं, नवाचार और अनुरूप समाधानों को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
  • समझ में सुधार:  
    •  AI मॉडल में विविधता दृष्टिकोण और ज्ञान की एक विस्तृत शृंखला को अधिकृत करने, पूर्वाग्रहों को कम करने के साथ मॉडल की समझ और प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाने में सहायता प्रदान करती है।
    • यह अधिक समावेशी और न्यायसंगत AI परिदृश्य को बढ़ावा देते हुए विविध भाषाओं, संस्कृतियों तथा अनुभवों को शामिल करने की अनुमति देता है।

GAIs द्वारा उत्पन्न जोखिमों को विफल करने के तरीके:

  • AI व्यावसायीकरण धीमा करना:  
    • AI व्यावसायीकरण की गति को धीमा करने से AI तकनीक के नैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक निहितार्थों के बारे में लोकतांत्रिक निविष्टियों के साथ व्यापक चर्चा की अनुमति प्राप्त होती है। 
    • यह सुनिश्चित करता है कि AI के विकास से संबंधित निर्णय केवल लाभ के उद्देश्यों से प्रेरित नहीं हों बल्कि व्यापक सामाजिक हितों पर भी केंद्रित हों।
  • विविध AI मॉडल को बढ़ावा देना:  
    • विभिन्न AI मॉडलों के निर्माण को प्रोत्साहित करके एक अधिक विकसित और समावेशी AI पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जा सकता है।
    • अलग-अलग उद्देश्यों और भाषाओं वाले मॉडल सामूहिक रूप से विश्व की अधिक व्यापक समझ प्रदान कर सकते हैं। 

निष्कर्ष: 

  • ChatGPT जैसे AI उल्लेखनीय क्षमताओं से पूर्ण हैं, लेकिन इन्हें अभिकप्लित/डिज़ाइन करते समय उच्च आधुनिकतावाद से जुड़े जोखिमों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिये।
  • AI विकास में विविधता को प्राथमिकता, लोकतांत्रिक इनपुट को बढ़ावा और स्थानीय ज्ञान को महत्त्व देने के साथ ही AI से संबंधित जोखिमों को कम करने में मदद कर सकता है और यह सुनिश्चित कर सकता है कि AI प्रौद्योगिकियाँ मानवता की विविध आवश्यकताओं को पूरा करती हों
  • AI प्रणाली के नैतिक विकास और कार्यान्वयन के लिये मानवीय बुद्धिमता को बढ़ाने और इसे बनाए रखने के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है। 

स्रोत: द हिंदू

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