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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

कंपैशन इंटरनेशनल द्वारा भारत में अपने कार्यक्रमों को बंद करने का निर्णय

  • 03 Feb 2017
  • 5 min read

अमेरिका स्थित गैर-सरकारी संगठन “कंपैशन इंटरनेशनल” (Compassion International), जो भारत का सबसे बड़ा गैर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय दानकर्त्ता संगठन है, ने भारत में संचालित अपने सभी कार्यक्रमों को बंद करने की घोषणा की है| संगठन के इस निर्णय के पीछे मुख्य वजह धन की कमी को बताया जा रहा है| गौरतलब है कि 10 माह पूर्व भारत सरकार ने इस संगठन को दान प्राप्तकर्त्ताओं की “पूर्वगामी अनुमति” (Prior Permissions)  की सूची में शामिल कर दिया था|

प्रमुख बिंदु

  • ध्यातव्य है कि बहुत पहले से मोदी सरकार एवं ओबामा सरकार के मध्य ईसाई दान (Christian charity) के मुद्दे पर तनाव का माहौल व्याप्त रहा है|
  • जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में नई दिल्ली की यात्रा पर रहे ‘कंपैशन इंटरनेशनल’ (सीआई) के उपाध्यक्ष स्टीफन ओकले (Stephen Oakley) द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि विगत 30 वर्षों से संगठन ने भारत में तकरीबन 344 एनजीओ को फंडिंग करते हुए प्रति वर्ष तकरीबन 292 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च की है| 
  • ध्यातव्य है कि भारत सरकार द्वारा कई ऐसे साक्ष्य भी प्रस्तुत किये गए जिनसे यह साफ होता है कि सीआई द्वारा वित्त पोषित गैर-सरकारी संगठनों द्वारा लोगों का धर्मांतरण करने संबंधी कार्य किया गया है|

भारत का पक्ष

  • हालाँकि, सीआई द्वारा वित्त पोषित दो गैर-सरकारी संगठनों (चेन्नई अवस्थित कंपैशन बाल विकास ट्रस्ट तथा कंपैशन ईस्ट इंडिया) द्वारा इन आरोपों के विरुद्ध एक रिपोर्ट जारी की गई है|
  • भारत द्वारा अपना पक्ष रखते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि सीआई द्वारा जिन संगठनों पर धर्मांतरण का आरोप लगाया गया है, दरअसल वे संगठन किसी भी धार्मिक गतिविधि के लिये पंजीकृत संगठन नहीं हैं| 
  • साथ ही, सीआई द्वारा वित्त पोषित इन सभी संगठनों को एफसीआरए [ Foreign Contribution (regulation) Act, 2010] के अंतर्गत “पूर्वगामी अनुमति” की सूची के तहत किसी प्रकार की कोई छूट भी नहीं दी गई है|
  • इसके अतिरिक्त, दूसरे नियामक मुद्दों में एक अन्य मुद्दा भी शामिल किया गया है जिसके केंद्र में सीआई द्वारा वर्णित संगठन का मूल उद्देश्य शामिल है| 
  • ध्यातव्य है कि (सीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर उल्लिखित) सीआई द्वारा अपने उद्देश्यों के संबंध में स्पष्ट किया गया है कि संगठन का उद्देश्य “गरीबी का सामना कर रहे बच्चों को ज़िम्मेदार बनाना और ईसाई वयस्क के रूप में तैयार करना है”|  
  • सीआई द्वारा पिछले महीने भारत में बच्चों के प्रायोजकों को लिखे गए अपने एक पत्र में इस बात पर विशेष बल दिया गया है कि इसके द्वारा किसी भी प्रकार के भारतीय नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है|
  • भारत में संचालित कार्यक्रमों को जारी रखने के लिये पर्याप्त मात्रा में धन उपलब्ध न हो पाने के कारण इस संगठन को आगामी 60 दिनों में भारत में अपने कार्यक्रमों को बंद करना पड़ रहा है|
  • हालाँकि, संगठन द्वारा इस बात पर गहरा दुःख व्यक्त किया गया है कि अब संगठन को करुणा संगठन से संबद्ध भारतीय बच्चों एवं उनके प्रायोजकों से अपने संबंधों को समाप्त करना पड़ेगा| 

एफसीआरए

  • विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम,  2010 एक भारतीय अधिनियम है|
  • वस्तुतः इस अधिनियम को राष्ट्रीय हित में विदेशी अंशदान (Foreign Contribution) अथवा व्यक्तियों या संगठनों या फिर कंपनियों के रूप में आने वाले विदेशी आतिथ्य  (Foreign Hospitality) को स्वीकृत करने तथा उसका सटीक नियमन करने और राष्ट्रीय हितों एवं उनसे संबंधित अनुषांगिक बातों को प्रभावित करने वाली किसी भी विदेशी गतिविधि या आतिथ्य अथवा अंशदान को स्वीकृत करने और उपयोग में लाने को प्रतिबंधित करने हेतु लाया गया है|
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