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आयोग ने दवाओं के लिए आधुनिक पशु-मुक्त परीक्षण को मंजूरी दी

  • 09 May 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में फार्माकोपिया आयोग ने दवा निर्माताओं को आधुनिक पशु-मुक्त परिक्षण करने की अनुमति प्रदान कर दी है। इस कदम से दवा परीक्षणों के दौरान पशुओं द्वारा सही जाने वाली प्रताड़नाओं से काफी हद तक निजात मिल पाएगी।

प्रमुख बिंदु

  • भारतीय फार्माकोपिया का 2018 का संस्करण , जो उन दवाओं के परिक्षण पर दिशा-निर्देश जारी करता है,  जिनका भारत में निर्माण और विपणन किया जाता है, में आयोग ने संशोधन कर दिया है। 
  • अब खरगोश पर किये जाने वाले पाइरोजन परीक्षण (pyrogen test) और गिनी पिग (guinea pig) तथा चूहों पर किये जाने वाले असामान्य विषाक्तता परिक्षण (abnormal toxicity test) को टेस्ट ट्यूब में संपन्न किया जा सकेगा।
  • इस संस्करण के दिशानिर्देश 1जुलाई, 2018 से प्रभाव में आएंगे।
  • आयोग का कहना है कि दवा निर्माण में मानव सुरक्षा के साथ-साथ पशु सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। यदि वैकल्पिक तरीके उपलब्ध हैं, जिनके माध्यम से पशुओं को पीड़ित होने से बचाया जा सकता है तथा वे भी समान रूप से प्रभावी भी हैं, तो उन्हें प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिये।
  • पाइरोजन परीक्षण अशुद्धता या उन पदार्थों की जाँच के लिये किया जाता है, जो प्रतिकूल दुष्प्रभाव पैदा कर सकते हैं। इस परिक्षण के अंतर्गत दवा को खरगोश के अंदर प्रवेश कराया जाता है और उस पर पड़ने वाले प्रभावों का बारीकी से अध्ययन किया जाता है।
  • असामान्य विषाक्तता परीक्षण वैक्सीन बनाने में संभावित खतरनाक जैविक प्रदूषण की जाँच के लिये किया जाता है। यह परिक्षण दवा को मार्केटिंग के लिये अनुमोदित करने से पहले किया जाता है। 
  • इस परिक्षण के अंतर्गत चूहे या गिनी पिग के शरीर में टीके के माध्यम से वैक्सीन पहुँचाई जाती है और वैज्ञानिक यह निरीक्षण करते हैं कि क्या दवा से किसी जानवर की मृत्यु हुई।

नया आदेश

  • भारतीय फार्माकोपिया आयोग के नए आदेश द्वारा,पाइरोजन टेस्ट को जीवाणुरोधी एंडोटॉक्सिन परीक्षण (bacterial endotoxin test) या एक मोनोसाइट सक्रियण परीक्षण (monocyte activation test) द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा, जिसे टेस्ट ट्यूबों में संपन्न किया जा सकता है। 
  • टीका निर्माता, नेशनल कंट्रोल लेबोरेटरी(National Control Laboratory) से अनुपालन प्रमाण पत्र प्राप्त करके असामान्य विषाक्तता परीक्षण संबंधी छूट के लिये आवेदन कर सकते हैं।
  • पेटा (People for the Ethical Treatment of Animals) पिछले कई वर्षों से जानवरों पर किये जाने वाले परीक्षण के क्रूर तरीकों को बंद करने के लिये दबाव डालता रहा है।
  • असामान्य विषाक्तता के लिये ऐसे परीक्षण अमेरिका और यूरोपीय फार्माकोपिया द्वारा भी बंद कर दिये गए हैं।
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