वैक्सीन अनुसंधान और विकास पर सहयोग | 23 Aug 2017
चर्चा में क्यों ?
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) ने सस्ते एवं उपयोगी टीकों के अनुसंधान और विकास पर सहयोग के लिये अंतर्राष्ट्रीय वैक्सीन संस्थान (International Vaccine Institute-IVI) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। भारत आईवीआई में हिस्सेदारी के लिये प्रतिवर्ष ₹ 3.20 करोड़ देगा।
सफल परियोजना
- आईवीआई भारतीय टीका निर्माताओं, अनुसंधान संस्थानों, सरकार और सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ टीके के विकास, अनुसंधान और प्रशिक्षण पर साझेदारी कर रहा है।
- इस तरह का अब तक का सबसे सफल सहयोग शान्चोल (Shanchol) के विकास पर शांथा बायोटेक के साथ हुआ है।
- शान्चोल विश्व में कॉलरा का सबसे सस्ता ओरल टिका है।
- इस टिके को भारत में 2009 में लाइसेंस मिला था और डब्लूएचओ ने 2011 में अनुमति दी थी ।
- वैज्ञानिक एक दशक से भी अधिक समय से भारत में आईवीआई के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। यह उम्मीद की जा सकती है कि आईवीआई के साथ यह सहयोग टीके के अनुसंधान एवं विकास क्षमता को बढ़ाएगा और साथ ही भारतीय प्रयोगशालाओं और टीका उद्योग को भी लाभ पहुँचायेगा।
किफायती टीके
- उल्लेखनीय है कि भारत विश्व टीका उद्योग का पावर हाउस है जो दुनिया को 60% टीके की आपूर्ति करता है।
- आईवीआई के साथ सहयोग दुनिया को सुरक्षित, प्रभावी और सस्ते टीके प्रदान करने के लिये एक स्वागत योग्य कदम है।