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भारतीय अर्थव्यवस्था

कॉयर जियो टेक्सटाइल

  • 21 May 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, कॉयर जियो-टेक्सटाइल्स, इंडियन रोड काॅन्ग्रेस

मेन्स के लिये:

बुनियादी ढाँचा क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग 

चर्चा में क्यों?

भारत सरकार ने 20 अप्रैल, 2020 को कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana- PMGSY) के तीसरे चरण के तहत ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों के निर्माण में ‘कॉयर जियो-टेक्सटाइल्स’ (Coir Geo Textiles) का उपयोग किया जाएगा।

Coir-Geo-Textile

प्रमुख बिंदु:

  • ‘कॉयर जियो टेक्सटाइल्स’ एक प्रकार के पारगम्य कपड़े हैं जो प्राकृतिक रूप से मज़बूत, अत्यधिक टिकाऊ, टूट-फूट, मोड़ एवं नमी प्रतिरोधी हैं और किसी भी सूक्ष्मजीवी (माइक्रोबियल) हमले से मुक्त हैं।
  • केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय (Union Ministry of Rural Development) की ‘राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी’ ने कहा है कि PMGSY-III के तहत ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिये ‘कॉयर जियो टेक्सटाइल्स’ का उपयोग किया जाएगा।

तकनीकी दिशा-निर्देश:

  • सड़क निर्माण के लिये PMGSY की नई प्रौद्योगिकी आधारित दिशा-निर्देशों के अनुसार, सड़क निर्माण प्रस्तावों के प्रत्येक बैच की सड़कों की कुल लंबाई के 15% में नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके निर्माण किया जाना है।
  • इसमें से 5% सड़कों का निर्माण ‘इंडियन रोड्स काॅन्ग्रेस’ (Indian Roads Congress- IRC) द्वारा मान्यता प्राप्त प्रौद्योगिकी का उपयोग करके किया जाना है।
    • IRC ने अब ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिये ‘कॉयर जियो टेक्सटाइल्स’ को मान्यता दी है।

इंडियन रोड्स काॅन्ग्रेस

(Indian Roads Congress- IRC):

  • IRC देश में राजमार्ग इंजीनियरों की सर्वोच्च संस्था है।
  • इसकी स्थापना दिसंबर, 1934 में ‘भारतीय सड़क विकास समिति’ की सिफारिशों पर हुई थी जिसे भारत सरकार द्वारा स्थापित ‘जयकर समिति’ के रूप में जाना जाता है। 
  • इसका उद्देश्य भारत में सड़क विकास को बढ़ावा देना है।
  • भारत सरकार ने वर्तमान दशक को ‘समावेशी विकास के लिये नवाचार के दशक के रूप’ में घोषित किया है और संयुक्त राष्ट्र ने इस दशक (2011-2020) को ‘सड़क सुरक्षा की कार्रवाई के दशक के रूप में’ (Decade of Action for Road Safety 2011-2020) घोषित किया है।
  • इन दिशा-निर्देशों के अनुसार, PMGSY-III के तहत ग्रामीण सड़कों की 5% लंबाई का निर्माण ‘कॉयर जियो टेक्सटाइल्स’ का उपयोग करके किया जाएगा।

निर्माण कार्य एवं अनुमानित लागत: 

  • तदनुसार, कॉयर जियो-टेक्सटाइल्स का उपयोग करके आंध्र प्रदेश में 164 किलोमीटर, गुजरात में 151 किमी., केरल में 71 किमी., महाराष्ट्र में 328 किमी., ओडिशा में 470 किमी., तमिलनाडु में 369 किमी. और तेलंगाना में 121 किमी. सड़क का निर्माण किया जाएगा।
  • इस प्रकार 7 राज्यों में ‘कॉयर जियो टेक्सटाइल्स’ का उपयोग करके 1674 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाएगा जिसके लिये एक करोड़ वर्ग मीटर कॉयर जियो-टेक्सटाइल्स की आवश्यकता होगी। इसकी अनुमानित लागत 70 करोड़ रुपए है।

स्रोत: पीआईबी

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