'उलुरू' : ऑस्ट्रेलिया की विशाल 'लाल चट्टान' | 02 Nov 2017
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उलुरू-कैटा जूटा नेशनल पार्क बोर्ड (Uluru-Kata Tjuta National Park Board) ने वर्ष 2019 से विश्व के विशाल मोनोलिथ (monolith) ‘उलुरू’ पर चढ़ाई करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। विदित हो कि इस विशाल लाल चट्टान का सांस्कृतिक महत्त्व है और यह ऑस्ट्रेलिया में आने वाले पर्यटकों के लिये आकर्षण का केंद्र भी है। अतः अनेक पर्यटक इस पर चढ़ाई (climb) करते हैं, जिस कारण वर्तमान में यह एक ‘थीम पार्क’ (theme park) बनता जा रहा है।
प्रतिबंध लगाने का कारण
- मोनोलिथ विशाल पत्थर होता है जिसका उपयोग किसी ढाँचे अथवा स्मारक के निर्माण के लिये किया जाता है
- ‘उलुरू’ पर चढ़ाई करना साहसिक कार्य का प्रतीक है। इसे ‘एयर्स रॉक’ (Ayers Rock) के नाम में भी जाना जाता है।
- नेशनल पार्क बोर्ड का मानना है कि यहाँ आने वाले अधिकांश पर्यटक पारंपरिक आदिवासी लोगों (जिन्हें अनांगु कहा जाता है) की इच्छा के विरुद्ध कार्य करते हैं, जिसे वे पसंद नहीं करते हैं।
- पारंपरिक ‘आदिवासी मालिकों’ का इस स्थल से कई हज़ार वर्ष पुराना संबंध है और इसका उनके लिये काफी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व भी है।
- नेशनल पार्क बोर्ड का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य देश में जाता है और वहाँ कोई पवित्र स्थान है जिसमें प्रवेश प्रतिबंधित हैं, तो वहाँ प्रवेश नहीं करना चाहिये, बल्कि उस स्थान का सम्मान करना चाहिये।
- उलुरू की रेतीली ढलानों पर चढ़ना आसान नहीं है। विगत वर्षों में इस चट्टान पर कई लोगों की मौतें हो चुकी हैं, क्योंकि यहाँ गर्मियों का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस (113 फारेनहाइट) होता है।
उलुरू से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य
- उलुरू संभवतः ऑस्ट्रेलिया का सबसे प्रसिद्ध प्राकृतिक भू-भाग है। यह प्राचीन मोनोलिथ काफी आकर्षक भी है। अतः ऑस्ट्रेलिया आने वाले लगभग सभी पर्यटक इसे देखने ज़रूर आते हैं।
- इसे एयर्स रॉक के नाम से भी जाना जाता है। इसे यह नाम वर्ष 1873 में विलियम गॉस द्वारा सर हेनरी एयर्स के नाम पर दिया गया था।
- इस चट्टान का निर्माण 600 मिलियन वर्ष पूर्व हुआ था और इस क्षेत्र में आदिवासी पिछले 10,000 वर्षों से रह रहे हैं। आरम्भ में यह समुद्र के नीचे था परन्तु वर्तमान में इसकी भूमि से ऊँचाई 348 मीटर है। इसका 2.5 किलोमीटर हिस्सा भूमि के अन्दर (underground) है।
- यह चट्टान लगभग 3.6 किलोमीटर लम्बी और 1.9 किलोमीटर चौड़ी है, जिसकी परिधि 9.4 किलोमीटर है। इसके शीर्ष पर पहुँचने के लिये 1.6 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है जो कि तीव्र ढाल युक्त है, जबकि इसका शिखर सामान्यतः समतल है। यह क्षेत्र घाटियों, टीलों, गुफाओं और अजीबो-गरीब आकृतियों से घिरा हुआ है, जिनका निर्माण लाखों वर्षों से हो रहे अपक्षरण के कारण हुआ है। इसमें चट्टान में उपस्थित लोहे के सतही आक्सीकरण के कारण स्लेटी दिखने वाला उलुरू नारंगी और लाल रंग का दिखाई देता है।
- इसी समय इसके निकट कैटा जूटा (अथवा ओल्गास) का भी उद्भव हुआ था। ऐसा माना जाता है कि आरम्भ में ये दोनों मिलकर एक ही विशाल मोनोलिथ बनाते थे। ये उलुरू- कैटा जूटा नेशनल पार्क का एक भाग है जिसकी स्थापना वर्ष 1950 में ‘एयर्स रॉक माउंट-ओल्गा नेशनल पार्क’ (Ayers Rock-Mount Olga National Park) के नाम से की गई थी। वर्ष 1995 में इसका नाम बदलकर उलुरू- कैटा जूटा नेशनल पार्क कर दिया गया था।
उलुरू कितना बड़ा है?
- 348 मीटर ऊँचा (1141 फीट)
- समुद्र तल से 863 मीटर ऊँचा (2,831फीट)
- 3.6 किलोमीटर लम्बा (2.2 मील)
- 1.9 किलोमीटर चौड़ा (1.2 मील)
- आधार 9.4 किलोमीटर अथवा 5.8 मील
- क्षेत्रफल : 3.33 वर्ग किलोमीटर (1.29 वर्ग मील)