जैव विविधता और पर्यावरण
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक-2020
- 17 Dec 2019
- 5 min read
प्रीलिम्स के लिये:
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक-2020
मेन्स के लिये:
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक-2020 के घटक
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जारी जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक-2020 में भारत ने अपने रैंक में सुधार करते हुए 9वाँ स्थान प्राप्त किया है।
मुख्य बिंदु:
- कोई भी देश सूचकांक में समग्र रूप से सभी सूचकांक श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन नहीं कर पाया है। इसलिये एक बार फिर पहले तीन स्थान रिक्त रहे।
- इस सूचकांक को मैड्रिड में आयोजित COP-25 के आयोजन के दौरान जारी किया गया।
- जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक-2020 में स्वीडन ने 75.77 अंक प्राप्त कर चौथा स्थान प्राप्त किया है। वहीं इस सूचकांक में अमेरिका 18.60 अंक प्राप्त कर अंतिम स्थान पर है।
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक-2020:
(Climate Change Performance Index-2020)
- जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक को जर्मनवॉच (Germanwatch), न्यूक्लाइमेट इंस्टीट्यूट( New Climate Institute) और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क (Climate Action Network) द्वारा वार्षिक रूप से प्रकाशित किया जाता है।
- यह रैंकिंग चार श्रेणियों - ‘ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन’ ’नवीकरणीय ऊर्जा’, ‘ऊर्जा उपयोग’ तथा ‘जलवायु नीति’ के अंतर्गत 14 संकेतकों पर देशों के समग्र प्रदर्शन के आधार पर जारी की गई है।
- जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक-2020 मानकीकृत मानदंडों के आधार पर 57 मूल्यांकित देशों और यूरोपीय संघ के भीतर जलवायु संरक्षण और प्रदर्शन के क्षेत्र में मुख्य क्षेत्रीय अंतर को दर्शाता है।
- पेरिस समझौता वर्ष 2020 में कार्यान्वयन चरण में प्रवेश कर रहा है, जहाँ देश अपने अद्यतन राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान को पूरा करेंगे, अतः इस सन्दर्भ में जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक का उद्देश्य जलवायु महत्त्वाकांक्षा को बढ़ाने की प्रक्रिया को सूचित करना है।
- इस सूचकांक में रैंक निर्धारित करने वाली चार श्रेणियों को मिलने वाली वरीयता का क्रम निम्न प्रकार है-
- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (40% वरीयता)
- नवीकरणीय उर्जा (20% वरीयता)
- उर्जा उपयोग (20% वरीयता)
- जलवायु नीति (20% वरीयता)
- इस सूचकांक में सबसे निम्न रैंकिंग वाले तीन देश इस प्रकार हैं- संयुक्त राज्य अमेरिका (61), सऊदी अरब (60), ताइवान (59)।
- पहली बार 2005 में जारी किये जाने के बाद से जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI) जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये देशों द्वारा किये गए प्रयासों की निगरानी करता है।
- इसका उद्देश्य उन देशों पर राजनीतिक और सामाजिक दबाव बढ़ाना है जो अब तक जलवायु संरक्षण पर महत्त्वाकांक्षी कार्रवाई करने में विफल रहे हैं।
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक-2020 में भारत का प्रदर्शन:
- भारत जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक-2020 में 66.02 अंक प्राप्त करके इस सूचकांक में 9वें स्थान पर है, जबकि वर्ष 2019 में वह 62.93 अंकों के साथ 11वें स्थान पर था।
- इस प्रकार सूचकांक को निर्धारित करने वाली चार श्रेणियों में भारत का प्रदर्शन इस प्रकार है-
- ग्रीनहाउस गैस- 11वाँ रैंक
- नवीकरणीय उर्जा- 26वाँ रैंक
- उर्जा उपयोग- 9वाँ रैंक
- जलवायु नीति- 15वाँ रैंक