जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक-2019 | 03 Jan 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जारी जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (Climate Change Performance Index-CCPI) में मोरक्को को स्वीडन के बाद दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला देश घोषित किया गया है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- उत्तर अफ्रीकी देश मोरक्को (Morocco) ने पिछले पाँच वर्षों में नवीकरणीय वस्तुओं की हिस्सेदारी में अत्यधिक वृद्धि करते हुए नवीकरणीय अक्षय ऊर्जा को बढ़ाया है।
- ग्रिड के लिये दुनिया के सबसे बड़े सौर संयंत्र के कनेक्शन के साथ, मोरक्को 2020 तक 42% स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के मार्ग पर अग्रसर है।
- जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक 2019 में मोरक्को ने 70.48 अंक प्राप्त कर दूसरा स्थान हासिल किया है।
- स्वीडन 76.28 अंकों के साथ शीर्ष पर है।
- भारत 62.93 अंक प्राप्त कर 11वें स्थान पर है, जबकि 2018 में वह 14वें स्थान पर था।
- सूची में शीर्ष पाँच देशों में स्वीडन (Sweden) और मोरक्को (Morocco) के साथ लिथुआनिया (Lithuania), लाटविया (Latvia) और यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) हैं।
- सूची में सबसे निम्न रैंकिंग वाले पाँच देश हैं - सऊदी अरब (SA), यू. एस. (US), ईरान (Iran), दक्षिण कोरिया (South Korea) और ताइवान (Tiavan)।
क्या है जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI)?
- जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI) अंतर्राष्ट्रीय जलवायु राजनीति के बारे में स्पष्ट समझ विकसित करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिये बनाया गया एक महत्त्वपूर्ण उपकरण है।
- पहली बार 2005 में जारी किये जाने के बाद से जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI) जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये देशों द्वारा किये गए प्रयासों की निगरानी करता है।
- इसका उद्देश्य उन देशों पर राजनीतिक और सामाजिक दबाव बढ़ाना है जो अब तक, जलवायु संरक्षण पर महत्त्वाकांक्षी कार्रवाई करने में विफल रहे हैं।
- पेरिस जलवायु समझौते (Paris Climate Agreement) को लागू करने के लिये, देशों को अपनी महत्त्वाकांक्षाओं को बढ़ाने और वैश्विक लक्ष्य में व्यक्तिगत योगदान देने के लिये ठोस उपाय करना चाहिये।
- मानकीकृत मानदंडों के आधार पर सूचकांक 56 देशों और यूरोपीय संघ के जलवायु संरक्षण प्रदर्शन का मूल्यांकन और तुलनात्मक अध्ययन करता है, जो वैश्विक ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन के 90% से अधिक के लिये ज़िम्मेदार है
- CCPI को जर्मनवॉच (Germanwatch), न्यूक्लाइमेट इंस्टीट्यूट( NewClimate Institute) और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क (Climate Action Network) द्वारा सालाना तौर पर प्रकाशित किया जाता है।
- रैंकिंग परिणामों को चार श्रेणियों - ‘GHG उत्सर्जन’, ’नवीकरणीय ऊर्जा’ और ‘ऊर्जा उपयोग’ तथा ‘जलवायु नीति’ के अंतर्गत 14 संकेतकों पर देशों के समग्र प्रदर्शन के आधार पर परिभाषित किया गया है।
- अब तक सूचकांक में किसी भी देश को एक से तीन तक के रैंकिंग पर जगह नहीं मिली, जो यह दर्शाता है कि खतरनाक जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिये किये जाने वाले प्रयास अभी भी अपर्याप्त हैं।