भारतीय तटरक्षक बल को गृह मंत्रालय के अधीन लाने की मांग | 23 May 2018
चर्चा में क्यों ?
शीर्ष पुलिस अधिकारियों की एक समिति ने सुझाव दिया है कि भारतीय तट रक्षक बल (Indian Coast Guard) को रक्षा मंत्रालय से हटाकर केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन लाया जाना चाहिये, ताकि तटीय सुरक्षा को मजबूत किया जा सके, जो धन की कमी और तटरेखा प्रबंधन करने वाली एजेंसियों की बहुलता के कारण कमज़ोर है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय गृह मंत्रालय पिछले साल के अंत में पुलिस महानिदेशकों के पैनल द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है, जिसमें समुद्री सुरक्षा में सुधार की बात कही गई है।
- समिति ने कहा है कि जब तटरक्षक बल के गठन की कल्पना की गई थी, तो इसे रक्षा मंत्रालय के बजाय गृह मंत्रालय के अधीन रखने की बात की गई थी।
- समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि तटरक्षक बल को गृह मंत्रालय के अधीन लाने से इसका आईबी, रॉ, बीएसएफ, एनसीबी और राज्य पुलिस बलों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित हो सकेगा।
- वर्तमान में भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक को ‘कमांडर ऑफ कोस्टल कमांड’ के तौर नामित किया गया है और यह सीधे रक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट करता है।
- तटरक्षक बल नौसेना के समन्वय में काम करते हैं, जिसे समुद्री सुरक्षा की व्यापक जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन दोनों दोनों एजेंसियों के मध्य सामंजस्य की कमी है।
- अधिकार क्षेत्र का अतिव्यापन, शीर्ष अधिकारियों के बीच मतभेद जैसी वजहों से सामंजस्य की कमी और विलंबयुक्त रेस्पोंस की समस्याएँ आती रहती हैं।
- समिति द्वारा किये गए अध्ययन में यह पाया गया कि वर्तमान में किसी भी सुरक्षा एजेंसी के पास एक साथ समुद्र और जमीन पर पैट्रोलिंग करने की पर्याप्त क्षमता नहीं है।
- गृह मंत्रालय के अधीन स्थानांतरण से तटरक्षक बल सशक्त होगा और इसकी जमीन और जल में कार्य करने की क्षमताओं में बढ़ोतरी होगी। साथ ही, इसके आसूचना एकत्रीकरण तंत्र (intelligence gathering mechanism) में भी सुधार आएगा।
- समिति के अनुसार, नौसेना और तटरक्षक बल की उथले जल में प्रभावी ढंग से कार्य करने में अक्षमता एक बड़ी कमजोरी है, जिसकी गंभीर समीक्षा की आवश्यकता है।
- तटरक्षक बल और नौसेना स्थानीय लोगों तथा राज्यों की पुलिस के साथ बहुत अधिक बातचीत नहीं करते है, जो उनकी आसूचना एकत्रीकरण क्षमताओं को सीमित करता है।
- समिति ने यह सुझाव भी दिया है कि समुद्री तट के लिये एक प्रतिबद्ध आसूचना सेटअप की आवश्यकता है।