अंतर्राष्ट्रीय संबंध
कजाखस्तान में चीन का नया ‘ड्राय-पोर्ट’
- 05 Jan 2018
- 3 min read
चर्चा में क्यों?
कजाखस्तान की पूर्वी सीमा पर स्थित खोर्गोस (Khorgos) में चीन ने निवेश के माध्यम से एक ड्राय-पोर्ट में हिस्सेदारी हासिल की है। यहाँ चीन की शिपिंग कंपनी ‘कॉस्को’ मालवाहक ट्रेनों पर कंटेनर लादने का काम कर रही है। भविष्य में इस जगह के ट्रांसपोर्ट-हब के रूप में विकसित होने की संभावना है, जो वन बेल्ट-वन रोड का महत्त्वपूर्ण हिस्सा बनकर चीन के सामान की पहुँच सुदूर यूरोप तक संभव बना देगा।
प्रमुख बिंदु
- विश्व के कई समुद्री बंदरगाहों में निवेश करने के बाद चीन द्वारा एक भू-आबद्ध (Landlocked) देश कजाखस्तान में एक ड्राय-पोर्ट के विकास में बड़ा निवेश करना नई बात है।
- खोर्गोस का उत्तरी क्षेत्र शीत युद्ध के दौरान चीन और सोवियत संघ की सेनाओं के बीच तनाव वाला क्षेत्र रहा है।
- खोर्गोस से निकटतम समुद्री तट लगभग 2500 किमी. दूर है।
- कजाखस्तान का यह क्षेत्र अनुर्वर और निर्जन है। यहाँ कार्यरत कंपनियों के कर्मचारियों हेतु आवासीय परिसरों आदि के निर्माण से धीरे-धीरे इस क्षेत्र का विकास हो रहा है।
प्रभाव
- सामान्य तौर पर समुद्री मार्ग द्वारा चीन से यूरोप सामान पहुँचाने में 40-50 दिन लगते हैं, लेकिन इस नए ट्रांसपोर्ट हब से रेलमार्ग द्वारा यह समय घटकर लगभग आधा हो जाएगा।
- चीन आयात से अधिक निर्यात करता है। सामान से लदी ट्रेनें चीन से पश्चिम की ओर यूरोप जाएँगी, जबकि लौटते समय इनमें चीन द्वारा यूरोप से आयातित सामान बहुत कम होगा। इस प्रकार इन ट्रेनों की वास्तविक संचालन लागत का औचित्य प्रश्नगत हो जाता है।
- रूस इस बात से चिंतित होगा कि कजाखस्तान से यूरोप तक इस रेलमार्ग को विकसित कर चीन यहाँ के ट्रांसपोर्ट-बिज़नेस से रूस को पूरी तरह बाहर करना चाहता है।
- इस निवेश से चीन-कजाखस्तान सीमा के नज़दीक दोनों ही ओर के क्षेत्रों, जो निर्जन और अविकसित हैं, का विकास संभव हो सकेगा। चीन के क्षेत्रों में वस्तुओं के विनिर्माण के लिये छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां लगेंगी, वहीं कजाखस्तान के खोर्गोस में भी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार होगा।
- चीन को उम्मीद है कि अभी यहाँ किये जाने वाले निवेश का प्रतिफल 5-10 वर्षों में मिलना प्रारंभ हो जाएगा, जब चीनी सामान की मध्य एशिया के साथ-साथ यूरोप के बड़े बाज़ार तक त्वरित पहुँच बन जाएगी।