अंतर्राष्ट्रीय संबंध
चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला विश्व का पहला देश : चीन
- 04 Jan 2018
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चर्चा में क्यों?
चीन ने अपने महत्त्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम का प्रदर्शन करने के लिये चंद्रमा से दूर दुनिया की पहली सॉफ्ट लैंडिंग (soft landing) करने के संबंध में अपनी अपनी योजना की घोषणा की है। चीन के इस मिशन को “चैंग’ई 4” परियोजना (Chang’e 4 project) कहा जाता है।
“चैंग’ई 4” परियोजना क्या है?
- “चैंग’ई 4” (Chang’e 4), चीन की चंद्र मिशन (lunar mission) श्रृंखला का चौथा अभियान है।
- चीन द्वारा इसका नाम चीनी चंद्र देवी के नाम पर रखा गया है।
- 425 किलोग्राम रिले सैटेलाइट (relay satellite) वाला यह लॉन्ग मार्च 4 सी रॉकेट (Long March 4C rocket) चंद्रमा से 60,000 किलोमीटर की दूरी से अपना कार्य आरंभ करेगा।
- यह रिले सैटेलाइट पृथ्वी और चंद्रमा से दूरी के बीच एक प्रारंभिक संचार लिंक के रूप में कार्य करेगा।
- ऐसा होने के बाद चीन द्वारा इस मिशन के दूसरे भाग को चालू किया जाएगा।
- इसके अंतर्गत यह चंद्रमा के अनपेक्षित क्षेत्र में एक लैंडर (lander) और रोवर (rover) को भेजेगी ताकि चंद्रमा के विषय में अधिक-से-अधिक महत्त्वपूर्ण जानकरियाँ प्राप्त की जा सके।
प्रमुख बिंदु
- विशेषज्ञों के मुताबिक, चंद्रमा से दूरी बनाते हुए लैंडिंग करने वाला यह मिशन निश्चित रूप से दुनिया के किसी भी देश द्वारा शुरू किये गए सबसे चुनौतीपूर्ण चंद्र मिशनों में से एक है। चंद्रमा के इस दूरी वाले इलाके को 'दक्षिण ध्रुव-एटकेन बेसिन' (South Pole-Aitken Basin) के रूप में जाना जाता है।
- चंद्रमा का यह क्षेत्र अभी तक अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के बीच एक रहस्य बना हुआ है, ऐसे में चीन का यह मिशन चंद मिशन के संबंध में एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगा।
- इस अभियान के दौरान आने वाली सबसे बड़ी कठिनाई संचार संबंधी मुद्दों से उत्पन्न समस्या है।
इस संबंध में चीन द्वारा ट्रांसमिशन माध्यम के अभाव में संवाद स्थापित करने के लिये रेडबोड विश्वविद्यालय के हेनो फाल्के द्वारा विकसित रेडियो टेलिस्कोप जैसे विकल्पों का उपयोग किये जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
चीन के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम का इतिहास
- चीन ने 2007 में 'चैंग’ई 1' (Chang’e 1) के नाम से अपना चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम शुरू किया गया।
- यह एक साधारण चंद्र श्रंखला वाला कार्यक्रम है।
- 'चैंग’ई 2' (Chang’e 2) नामक दूसरे चंद्र अभियान को वर्ष 2010 में तथा इसके कुछ समय बाद तीसरे अभियान 'चैंग’ई 3' (Chang’e 3) को शुरू किया गया।