चीनी तियांगोंग -1 का अंतिम सफर : दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में समाप्त | 02 Apr 2018
चर्चा में क्यों?
चीनी अंतरिक्ष प्राधिकरण द्वारा प्रदत्त जानकारी के मुताबिक, ग्रीनविच मानक समय 8 : 16 am पर चीनी स्पेस स्टेशन ‘TIANGONG-1' पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हुए दक्षिण प्रशांत क्षेत्र (South Pacific) में नष्ट हो गया।
क्या है TIANGONG-1?
- TIANGONG-1 को सितंबर 2011 में लॉन्च किया गया था। इसे अंग्रेज़ी में हैवेनली प्लेसेज के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
- यह चीन का पहला प्रोटोटाइप स्पेस लैब प्रोजेक्ट था। इसे पृथ्वी की कक्षा से तकरीबन 350 किलोमीटर ऊपर स्थापित किया गया था।
- इस लैब को पहले दो साल की अवधि के लिये शुरू किया गया था, बाद में इसकी समय-सीमा को बढ़ा दिया गया। इस दौरान इसके ज़रिये कई अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्पेस-अर्थ रिमोट सेंसिंग और अंतरिक्ष वातारण संबंधी परीक्षण किये गए।
- TIANGONG-1 एक तरह की रिसर्च लेबोरेटरी है जहाँ पर चीन अपने अंतरिक्ष यात्रियों को भेजता था। जून 2012 में चीन ने अपना Shenzhou 9 मिशन भी TIANGONG-1 पर ही भेजा था।
- इस मिशन पर पहली बार एक चीनी महिला अंतिरक्ष यात्री ‘लियू यांग’ को भेजा गया था। इस मिशन में दो अन्य अंतरिक्ष यात्री ‘जिंग हेईपेंग’ और ‘लि यू वैंग’ भी शामिल थे।
- इसके बाद Shenzhou 10 को TIANGONG-1 पर भेजा गया। इस मिशन के क्रू ने TIANGONG-1 में 12 दिनों का समय बिताया।
अंतरिक्ष से इसके गिरने की वज़ह
- TIANGONG-1 को केवल दो साल की अवधि तक काम करने की लिये तैयार किया गया था। चीन की योजना थी कि इसकी समयावधि समाप्त होने के बाद इसे पृथ्वी की कक्षा से बाहर कर दिया जाएगा, जिससे यह स्वयं ही अंतरिक्ष में नष्ट हो जाएगा।
- परंतु, अपनी योजना में बदलाव करते हुए चीनी अंतरिक्ष एजेंसी ने इसकी समय-सीमा को मई 2011 से मार्च 2016 तक बढ़ा दिया गया।
- तकरीबन 5 साल तक काम करने के बाद यह नियंत्रण से बाहर हो गया, जिसकी वज़ह से यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के चलते वातावरण में प्रवेश कर गया।
पहले भी पृथ्वी पर गिर चुके हैं कई स्पेस स्टेशन
- यह पहला ऐसा मौका नहीं है, जब कोई अंतरिक्ष यान पृथ्वी पर गिरा। तियांगोंग से पहले भी कई स्पेस स्टेशन बेकाबू होकर पृथ्वी पर क्रैश हो चुके हैं।
- जुलाई 1979 में नासा का 85 टन वज़नी स्काईलैब स्पेस स्टेशन हिंद महासागर में गिर गया था। इसका कुछ हिस्सा ऑस्ट्रेलिया के एस्पेरैंस शहर में भी गिरा था, जिसके बाद शहर में गंदगी फैलाने के कारण नासा पर 400 डॉलर का जुर्माना भी लगा था।
- इसी तरह फरवरी 1991 में सोवियत यूनियन का 22 टन वज़नी सैल्युट 7 तथा 2001 में 140 टन वज़नी दुनिया का पहला स्थाई स्पेस स्टेशन मीर (रूस) कुछ ऐसे उदाहरण हैं।