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असम की बाढ़ पर उपग्रह डेटा साझा करेंगे चीन, रूस और फ्रांस

  • 27 Jul 2019
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

असम में बाढ़ के मानचित्रण हेतु चीन, रूस और फ्राँस ने इसरो के साथ उपग्रह डेटा साझा किया है।

प्रमुख बिंदु:

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुरोध के बाद फ्राँस के राष्ट्रीय अंतरिक्ष अध्ययन केंद्र (National Centre for Space Studies), चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (National Space Administration) और रूस के ROSCOSMOS ने धुबरी, मारीगाँव, बारपेटा, लखीमपुर और धेमाजी जिलों में बाढ़ की स्थिति के उपग्रह चित्र इसरो के राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर के साथ साझा किए हैं।
  • यह एक सामान्य प्रक्रिया है तथा इसरो भी इस तरह का अनुरोध मिलने पर अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों को जानकारी प्रदान करता है।
  • अगस्त 2014 में चीन के युन्नान प्रांत में आए भूकंप के समय चीन के अनुरोध पर इसरो ने कार्टोसैट के माध्यम से मानचित्रण डेटा साझा किया था ।
  • अंतरिक्ष एवं प्रमुख आपदाओं पर अंतर्राष्ट्रीय चार्टर ( The International Charter Space and Major Disaster ) के लिये हस्ताक्षरकर्त्ता देश आपदा के समय एक-दूसरे से मानचित्रण और उपग्रह डेटा से संबंधित अनुरोध कर सकते हैं।

अंतरिक्ष एवं प्रमुख आपदाओं पर अंतर्राष्ट्रीय चार्टर

The International Charter Space and Major Disaster

  • यह चार्टर एक बहुपक्षीय व्यवस्था है जिसका उद्देश्य प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं से प्रभावित देशों के लिये उपग्रह आधारित डेटा साझा करना है।
  • विभिन्न अंतरिक्ष एजेंसियाँ आपदा की स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया के लिये संसाधनों और विशेषज्ञता को समन्वित करने की अनुमति देती है।
  • इस समय इसमें 17 चार्टर हैं, जो अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपने द्वारा विकसित किये गए संसाधनों का प्रयोग करते हैं। इस समय यह विश्व के 125 देशों को अपनी सेवाएँ प्रदान कर रहा है।

स्रोत: द हिंदू

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