विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
चाँद के 'डार्क साइड' पर पहली बार लैंडिंग करेगा चीन का रोवर
- 10 Dec 2018
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चर्चा में क्यों?
चीन ने अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए 8 दिसंबर को चाँद की दूसरी ओर की सतह (डार्क साइड) पर लैंड कराने के लिये एक रोवर प्रक्षेपित किया जो चंद्रमा के अज्ञात क्षेत्रों का पता लगाएगा। चीन यह मिशन भेजने वाला विश्व का पहला देश है।
प्रमुख बिंदु
- चीन की सरकारी एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, दक्षिण पश्चिमी शिचांग के प्रक्षेपण केंद्र से लाँग मार्च 3बी रॉकेट के ज़रिये ‘चांग ई-4’ की सफल लॉन्चिंग की गई।
- बीजिंग के इस चंद्र अभियान का नाम चीनी पौराणिक कथाओं की चंद्रमा देवी के नाम पर ‘चांग ई-4’ (chang e-4) रखा गया है।
- चाँद के आगे वाले हिस्से जो कि हमेशा धरती के सामने होता है, में कई समतल क्षेत्र हैं और रोवर के लिये वहाँ उतरना काफी आसान होता है।
- चाँद की दूसरी ओर की सतह वाला क्षेत्र पहाड़ी और काफी ऊबड़-खाबड़ है। ऐसे में रोवर की लैंडिंग कराना काफी चुनौतीपूर्ण है।
- इस रोवर को नए साल के आसपास चंद्रमा की सतह पर लैंड किये जाने की उम्मीद है। चांग ई-4 की सफल लॉन्चिंग ने चीन के चंद्र अन्वेषण मिशन की लंबी यात्रा की अच्छी शुरुआत की है, जो अंधेरी सतह पर नए प्रयोगों और असंगत इलाकों का पता लगाएगा।
- 1959 में पहली बार सोवियत संघ ने चंद्रमा की दूसरी तरफ की सतह की पहली तस्वीर ली थी, जिससे चंद्रमा के डार्क साइड के कुछ रहस्यों को सुलझाने में मदद मिली थी। अभी तक कोई भी लैंडर या रोवर चाँद की दूसरी ओर की सतह पर नहीं उतर सका है।
- चाँद की दूसरी ओर की सतह होने के कारण इस मिशन में सबसे बड़ी चुनौती रोबोटिक लैंडर (रोवर) के साथ संपर्क स्थापित करने की थी। इसके लिये चीन ने मई में क्यूक्यिाओ सेटेलाइट को चाँद की कक्षा में स्थापित किया ताकि लैंडर और धरती के बीच डाटा और सूचनाओं का आदान प्रदान किया जा सके।