प्रौद्योगिकी
चाँद के अनदेखे हिस्से का पता लगाने के लिये चीन ने लॉन्च किया ‘रिले’ सैटेलाइट
- 26 May 2018
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चर्चा में क्यों?
चीन ने चाँद के रहस्यमयी अंधकारयुक्त हिस्से की जानकारी एकत्र करने के लिये एक रिले सैटलाइट लॉन्च किया है। यह सैटेलाइट लॉन्ग मार्च 4 सी रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित किया गया। चीन का लक्ष्य रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ 2030 तक एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति बनना है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- इस सैटेलाइट का नाम क्यूकीओ (Queqiao) या मैगपी ब्रिज (Magpie Bridge) है। यह नाम चीन की एक प्राचीन लोककथा के नाम पर रखा गया है।
- इस उपग्रह का वज़न 400 किग्रा है तथा यह 3 वर्षों तक कार्य करेगा।
- इस उपग्रह के प्रक्षेपण के साथ ही वह चन्द्रमा के सुदूर क्षेत्र की स्थिति की जाँच करने के लिये उपग्रह भेजने वाला पहला देश बन गया है।
- चंद्रमा के इस सुदूरवर्ती क्षेत्र को अंधकारयुक्त क्षेत्र (dark side) भी कहते हैं क्योंकि यह पृथ्वी से काफी दुरी पर है तथा तुलनात्मक रूप से अज्ञात है।
- चीन का यह उपग्रह चंद्रमा के अंधकारयुक्त सतह का बड़े पैमाने पर अध्ययन करेगा।
- यह उपग्रह पृथ्वी से 455,000 किमी (282,555 मील) की कक्षा में स्थापित होगा और वहाँ काम करने वाला दुनिया का पहला संचार उपग्रह होगा।
विविध चुनौतियाँ
लॉन्च एक "महत्त्वपूर्ण कदम" है लेकिन सैटेलाइट के मिशन को अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जिसमें शामिल हैं:
- कक्षा में कई प्रकार के समायोजन करना,
- चंद्रमा के पास ‘ब्रेक लगाना’ (braking),
- अपने लाभ के लिये चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण का उपयोग करना आदि ।
पृष्ठभूमि
- चीन ने 2003 में अपना पहला क्रूड स्पेस मिशन आयोजित किया था।
- इसके साथ ही वह रूस और अमेरिका के बाद ऐसा करने वाला तीसरा देश बन गया था।
- उसने कक्षा में दो अंतरिक्ष स्टेशनों की स्थापना भी की थी।
- इससे पहले चीन ने चंद्रमा पर अपने जेड रैबिट रोवर को उतरा था और अगले साल इसकी योजना वहाँ अपनी चांग 5 प्रोब लॉन्च करने की है।
आगे की योजना
- चीन के अगले मिशनों में 20-टन कोर मोड्यूल को लॉन्च करना शामिल है।
- इसके साथ ही 60-टन स्टेशन, जो कि 2022 में ऑनलाइन आएगा, के लिये घटक भेजने की भी योजना है।
- चीन की योजना 2020 के मध्य तक एक मार्स रोवर भेजने की भी है।
- आने वाले साल में चीन अपना मानव अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण शुरू करने की योजना भी बना रहा है।