भारतीय अर्थव्यवस्था
चीन की डिजिटल मुद्रा
- 02 May 2020
- 7 min read
प्रीलिम्स के लियेडिजिटल मुद्रा, बिटकॉइन, लिब्रा, क्रिप्टोकरेंसी मेन्स के लियेडिजिटल मुद्रा का महत्त्व और संबंधित चिंताएँ |
चर्चा में क्यों?
कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी और वैश्विक वित्तीय संकट के बीच चीन आने वाले समय में विश्व की पहली डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है।
प्रमुख बिंदु
- इस डिजिटल मुद्रा या डिजिटल युआन को आधिकारिक तौर पर डिजिटल मुद्रा/इलेक्ट्रॉनिक भुगतान (Digital Currency/Electronic Payment-DC/EP) परियोजना के रूप में जाना जा रहा है।
- चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (People’s Bank of China-PBC) के अनुसार, चीन की आधिकारिक डिजिटल मुद्रा का अनुसंधान और विकास कार्य तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, और चीन के चार शहरों (शेन्झेन, सुज़हौ, चेंगदू और शिंजियांग) में इसका परीक्षण किया जा रहा है।
डिजिटल मुद्रा/इलेक्ट्रॉनिक भुगतान (DC/EP)
- रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन का केंद्रीय बैंक वर्ष 2014 से ही अपनी डिजिटल मुद्रा पर अनुसंधान कर रहा है।
- चीन की यह डिजिटल मुद्रा काफी हद तक बिटकॉइन (Bitcoin) और फेसबुक की डिजिटल मुद्रा लिब्रा (Libra) के समान ही है।
- अन्य डिजिटल मुद्राओं की तरह चीन की इस नई मुद्रा को भी डिजिटल वॉलेट (Digital Wallet) में संग्रहित किया जा सकेगा।
- चीन की नई डिजिटल मुद्रा और वर्तमान में प्रचलित अन्य डिजिटल मुद्राओं में सबसे प्रमुख अंतर यह है कि चीन की मुद्रा चीन की सरकार और उसके केंद्रीय बैंक द्वारा नियंत्रित की जाएगी, किंतु मौजूदा डिजिटल मुद्राओं को किसी भी बैंक अथवा सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है।
- विदित हो कि चीन ने अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है और न ही अपनी मुद्रा को लेकर कोई विशेष विवरण जारी किया है।
निजी डिजिटल मुद्रा के पक्ष में नहीं है चीन
- चीन सदैव से ही निजी डिजिटल मुद्रा का विरोधी रहा है, विशेषकर जब फेसबुक ने अपनी डिजिटल मुद्रा लिब्रा (Libra) की घोषणा की थी तो चीन के अधिकारियों ने इसे स्वीकृति नहीं दी थी। चीन ने डिजिटल मुद्रा को चीन की संप्रभुता और अन्य विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिये खतरा बताया है।
- चीन का मत है कि डिजिटल मुद्राओं को केवल सरकारों या केंद्रीय बैंकों द्वारा ही प्रबंधित एवं नियंत्रित किया जाना चाहिये।
चीन की डिजिटल मुद्रा का महत्त्व
- विश्लेषकों का मानना है कि डिजिटल मुद्रा से संबंधित इस परियोजना का लक्ष्य ऐसे समय में चीन की अर्थव्यवस्था की रक्षा करना है जब नई-नई भुगतान प्रणालियाँ प्रचलित हो रही हैं और अर्थव्यवस्था में अवैध धन के प्रवाहित होने की संभावना काफी बढ़ गई है।
- इसके अतिरिक्त चीन की यह डिजिटल मुद्रा दीर्घावधि में चीन की वित्तीय प्रणाली में लेनदेन की दक्षता को सुधारने में महत्त्वपूर्ण साबित होगी।
- कई विश्लेषक चीन की आधिकारिक डिजिटल मुद्रा की शुरुआत को डॉलर के वर्चस्व का मुकाबला करने के लिये चीन के एक कदम के रूप में भी देखा जा रहा है, जिससे वैश्विक निवेशकों और व्यवसायियों को डॉलर के अतिरिक्त किसी अन्य मुद्रा में भुगतान करने का विकल्प प्राप्त होगा।
- चीन अपनी डिजिटल मुद्रा के माध्यम से वैश्विक स्तर पर अमेरिका के प्रभाव को कम करने का प्रयास कर रहा है, ध्यातव्य है कि दीर्घावधि में चीन की डिजिटल मुद्रा विभिन्न देशों के मध्य सीमा पार लेनदेन के लिये एक अलग निपटान तंत्र विकसित करेगी, जो अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता को कम कर सकता है
संबंधित चिंताएँ
- आलोचकों का तर्क है कि चूँकि इस प्रकार की डिजिटल मुद्रा को जारी करने वाले केंद्रीय बैंक अथवा वाणिज्यिक बैंकों द्वारा इसे आसानी से ट्रैक किया जा सकता है, इसलिये यह आम लोगों की गोपनीयता पर एक गंभीर खतरा है।
- हालाँकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन के केंद्रीय बैंक ने आम लोगों को गोपनीयता प्रदान करने और अवैध लेनदेन पर शिकंजा कसने के मध्य संतुलन स्थापित करने का वादा किया है, किंतु ऐसा करना अपेक्षाकृत काफी चुनौतीपूर्ण दिखाई दे रहा है।
डिजिटल मुद्रा
- डिजिटल मुद्रा को समझने से पूर्व आवश्यक है कि हम मुद्रा के अर्थ को समझें।
- विभिन्न अर्थशास्त्रियों के अनुसार, मुद्रा का अभिप्राय ऐसी वस्तु से होता है, जिसका प्रयोग जनसाधारण द्वारा वर्तमान तथा भविष्य के भुगतानों के लिये किया जाता है और इसे शासकीय मान्यता प्राप्त होती है।
- इस प्रकार हम कह सकते हैं कि डिजिटल मुद्रा भुगतान की वह विधि है जो केवल इलेक्ट्रॉनिक रूप में मौजूद है और अमूर्त है अथवा डिजिटल मुद्रा, मुद्रा का वह रूप है जो केवल डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध है, न कि भौतिक रूप में।
- डिजिटल मुद्रा अमूर्त होती हैं और इनका लेनदेन या इनका स्वामित्त्व केवल इंटरनेट या निर्दिष्ट नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटर या इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट का उपयोग करके ही किया जा सकता है। डिजिटल मुद्रा के विपरीत भौतिक मुद्रा जैसे- बैंक नोट और सिक्के आदि मूर्त होते हैं और इनका लेन-देन केवल उनके धारकों द्वारा ही संभव है, जिनके पास उनका भौतिक स्वामित्त्व है।