अंतर्राष्ट्रीय संबंध
चीन और भूटान के बीच सीमा विवाद पर चर्चा
- 25 Jul 2018
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में चीनी उप विदेशमंत्री की दो दिवसीय भूटान यात्रा के दौरान चीन और भूटान ने अपने सीमा विवादों पर चर्चा की और कई समझौतों पर सहमति व्यक्त की।
प्रमुख बिंदु
- चीन ने भूटान को अपनी महत्त्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड परियोजना (बीआरआई) के लिये भी आमंत्रित किया।
- चीन और भूटान के मध्य राजनयिक संबंध नहीं हैं किंतु दोनों देश अपने अधिकारियों की आवधिक यात्राओं के माध्यम से संपर्क बनाए रखते हैं।
- पिछले साल भारत के साथ हुए डोकलाम सैन्य विवाद के बाद यह पहली बार है जब एक वरिष्ठ चीनी अधिकारी ने थिम्पू का दौरा किया।
- चीन ने इस यात्रा के संबंध में कहा कि दोनों पक्षों को सीमा वार्ता आगे बढ़ाने के लिये प्रयास जारी रखना चाहिये, सर्वसम्मति से तय किये गए सिद्धांतों का पालन करना चाहिये, सीमावर्ती इलाकों में संयुक्त रूप से शांति और धैर्य बनाए रखना चाहिये और दोनों देशों के बीच सीमा संबंधित मुद्दे के अंतिम निपटारे के लिये सकारात्मक स्थितियाँ पैदा करनी चाहिये।
डोकलाम विवाद
- डोकलाम भूटान और चीन के बीच विवादित क्षेत्र है, भारत का कहना है कि यह क्षेत्र भूटान का है। चीनी सैनिक इस क्षेत्र में अक्सर घुस आते हैं, जिससे भारत के रणनीतिक हित प्रभावित होते हैं।
- डोकलाम में स्थित ट्राईजंक्शन वह बिंदु है, जहाँ भारत (सिक्किम), भूटान और चीन (तिब्बत) की सीमाएँ मिलती हैं। यह ट्राईजंक्शन ही इस विवाद की जड़ है। भारत दावा करता है कि यह क्षेत्र बटांग ला है, जबकि चीन का दावा है कि यह दक्षिण में 6.5 किमी. दूर जिमोचेन में है।
- दोनों के दावे ब्रिटेन और चीन के बीच 1890 में हुई कलकत्ता संधि की प्रतिस्पर्द्धात्मक व्याख्याओं पर आधारित हैं। 2012 में भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों के बीच हुए समझौते के अनुसार, दोनों पक्ष तब तक यथास्थिति बनाए रखेंगे, जब तक उनके प्रतिस्पर्द्धी दावे को तीसरे पक्ष (भूटान) से परामर्श कर सुलझा नहीं लिया जाता।