अंतर्राष्ट्रीय संबंध
बाल यौन शोषण तथा दुर्व्यवहार के विरुद्ध राष्ट्रीय गठबंधन के गठन का प्रस्ताव
- 17 Jan 2017
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पृष्ठभूमि
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने देश में बच्चों के साथ होने वाले ऑनलाइन यौन शोषण तथा दुर्व्यवहार के विरुद्ध जंग का ऐलान करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर एक गठबंधन बनाने का फैसला किया है| इसका उद्देश्य बच्चों के माता-पिता, स्कूलों, समुदायों, गैर-सरकारी संगठनों तथा स्थानीय सरकारों के साथ-साथ पुलिस एवं वकीलों की इस विस्तृत सुरक्षा व्यवस्था तक पहुँच सुनिश्चित करना है ताकि बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण के संबंध में निर्मित सभी वैधानिक नियामकों, नीतियों, राष्ट्रीय रणनीतियों एवं मानकों के सटीक क्रियान्वयन को सुनिश्चित किया जा सके|
प्रमुख बिंदु
- इस संदर्भ में मंत्रालय ने गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, बाल अधिकार संरक्षण राष्ट्रीय आयोग और नागरिक समाज संगठनों सहित सभी हितधारकों के साथ 16 जनवरी को सिविल सेवा अधिकारी संस्थान (Civil Services Officer’s Institute -CSOI) में एक दिवसीय परामर्श की मेजबानी की|
- बाल यौन शोषण एक बहुस्तरीय समस्या है, जो बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और अच्छे रहन-सहन पर नकारात्मक प्रभाव डालती है | दुनिया भर के व्यापक अनुसंधान दर्शाते हैं कि लंबे समय तक बच्चों के साथ हिंसा और शोषण उनकी शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक क्षति से जुडे हए हैं|
- आधुनिक डिजिटल तकनीक एवं मोबाइल जैसे माध्यमों से अब बाल-शोषण के नए तरीके और माध्यम उत्पन्न हो गए हैं| ऑनलाइन बाल उत्पीड़न और शोषण ने ऑफलाइन अपराधों के मौजूदा तरीकों में विस्तार किया है और अब ये तरीके पीछा करने और उत्पीड़न के परंपरागत तरीकों से कहीं आगे बढ़ चुके हैं |
- ऑनलाइन उत्पीड़न को किसी देश या क्षेत्र की सीमाओं में नहीं बाँधा जा सकता, वस्तुतः यह बच्चों की तस्करी और यौन शोषण से सबंधित संसाधनों को उपलब्ध कराने और इनके प्रचार-प्रसार में भी सहायक है |
- हालाँकि, भारत में बाल अधिकार संरक्षण (protection of child rights), किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम- 2015, पोस्को (protection of children from sexual offence- 2012 ), शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right To Education Act) 2009 और हाल ही में संशोधित बाल श्रम (सुरक्षा एवं संरक्षण) अधिनियम, 2016 के रूप में एक व्यापक कानूनी ढाँचा विद्यमान है, फिर भी यहाँ माता-पिता, अभिभावकों और खुद बच्चों में भी बाल-शोषण और इसके ऑनलाइन तरीकों के संबंध में बहुत कम जागरूकता है |
- अतः शोषण से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये जागरूकता आवश्यक है एवं सभी हितधारकों को इसके लिये एक-साथ मिलकर काम करना चाहिये।
इस संदर्भ में बाल यौन दुर्व्यवहार और शोषण पर राष्ट्रीय गठबंधन (National Alliance on Child Sexual Abuse and Exploitation) के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
- चाइल्ड पोर्नोग्राफी के संबंध में एक आम परिभाषा सहित अधिनियमों (सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, पोस्को अधिनियम) में संशोधन करना|
- मौजूदा सेवा वितरण प्रणाली को मज़बूत बनाने के लिये एक पोर्टल इनक्लूसिव हॉटलाइन सहित महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में एक बहु-सदस्यीय सचिवालय की स्थापना करना|
- नेटवर्किंग और जानकारी साझा करने के लिये सरकारी/गैर-सरकारी संगठनों और अन्य बाल अधिकार कार्यकर्ताओं के लिये एक मंच प्रदान करना।
- बच्चों के ऑनलाइन शोषण की रोकथाम के संदर्भ में सर्वोत्तम तरीकों और सफलता की कहानियों (सक्सेस स्टोरीज़) व दस्तावेजों का प्रयोग|
- ऑनलाइन बाल उत्पीड़न और शोषण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर माता-पिता, शिक्षकों, सेवा प्रदाताओं और बच्चों को शिक्षित तथा जागरूक करना|
- अनुसंधान और अध्ययन के आधार पर बच्चों के अधिकारों और नीति के लिये एक मंच प्रदान करना|