विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
चिकनगुनिया वैक्सीन
- 27 Aug 2021
- 5 min read
प्रिलिम्स के लिये:चिकनगुनिया मेन्स के लिये:चिकनगुनिया को नियंत्रित करने हेतु भारत सरकार की पहल |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में इंटरनेशनल वैक्सीन इंस्टीट्यूट (IVI) ने घोषणा की है कि भारत बायोटेक के चिकनगुनिया वैक्सीन उम्मीदवार (BBV87) ने दूसरे और तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण में प्रवेश किया है। वर्तमान में कोई वाणिज्यिक चिकनगुनिया टीका नहीं है।
प्रमुख बिंदु:
- वैक्सीन के संदर्भ में:
- BBV87 एक निष्क्रिय वायरस वैक्सीन है, जो Covaxin के समान है।
- निष्क्रिय टीकों में वायरस होते हैं जिनकी आनुवंशिक सामग्री ऊष्मा, रसायनों या विकिरण से नष्ट हो गई हो, इसलिये वे कोशिकाओं को संक्रमित नहीं कर सकते हैं और उन्हें दोहरा नहीं सकते हैं, लेकिन फिर भी एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर कर सकते हैं।
- निष्क्रिय विषाणु प्रौद्योगिकी में एक सुरक्षा प्रोफाइल है जो संभावित रूप से इस टीके को विशेष आबादी, जैसे कि प्रतिरक्षा-समझौता और गर्भवती महिलाओं के लिये सुलभ बनाता है।
- भारत बायोटेक के चिकनगुनिया वैक्सीन उम्मीदवार को इंटरनेशनल वैक्सीन इंस्टीट्यूट (IVI) के साथ साझेदारी में विकसित किया गया था।
- चिकनगुनिया वैक्सीन का विकास संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की एक पहल है, जो ग्लोबल चिकनगुनिया वैक्सीन क्लिनिकल डेवलपमेंट प्रोग्राम (GCCDP) के हिस्से के रूप में है।
- इसे भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के Ind-CEPI मिशन के महामारी की तैयारी में नवाचारों हेतु गठबंधन (CEPI) के द्वारा वित्तपोषित किया गया था।
- BBV87 एक निष्क्रिय वायरस वैक्सीन है, जो Covaxin के समान है।
- चिकनगुनिया:
- परिचय:
- चिकनगुनिया एक मच्छर जनित वायरल बीमारी है जिसके पहचान पहली बार वर्ष 1952 में दक्षिणी तंजानिया में इसके संक्रमण के दौरान की गई थी।
- यह नाम स्थानीय किमाकोंडे भाषा से लिया गया है और इसका अर्थ है "विकृत हो जाना" तथा इस बीमारी के कारण होने वाले जोड़ों के तीव्र दर्द से पीड़ित रोगियों की अवस्था का वर्णन करना।
- संचरण:
- यह संक्रमित मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है।
- यह सबसे अधिक बार एडीज़ एजिप्टी और एडीज़ एल्बोपिक्टस मच्छरों द्वारा लोगों में फैलता है। ये वही मच्छर हैं जो डेंगू वायरस फैलाते हैं।
- संक्रमित इंसानों या जानवरों को काटने से मच्छरों में संक्रमण फैलता है।
- मौसम की स्थिति भी उनके प्रजनन और अस्तित्व को प्रभावित करती है।
- यह संक्रमित मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है।
- लक्षण:
- इसके लक्षणों में गंभीर जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, मतली, थकान और चकत्ते शामिल हैं।
- इलाज:
- वर्तमान में चिकनगुनिया के इलाज के लिये कोई टीका या एंटीवायरल दवाएँ उपलब्ध नहीं हैं और उपचार केवल संक्रमण से जुड़े लक्षणों पर केंद्रित है।
- मामलों में वृद्धि का कारण: शहरी, उपनगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में वेक्टर जनित रोग की घटनाओं में वृद्धि हुई है, इसका कारण है:
- अव्यवस्थित शहरीकरण।
- पानी और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की कमी के कारण मच्छरों के प्रजनन स्थलों का प्रसार।
- विशिष्ट एंटीवायरल दवा या टीके का अभाव।
- परिचय:
- चिकनगुनिया को नियंत्रित करने के लिये सरकार की पहल:
- राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजार, जापानी इंसेफेलाइटिस (JE), डेंगू तथा चिकनगुनिया जैसे वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिये एक व्यापक कार्यक्रम है।