इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

गणतंत्र दिवस समारोह पर मुख्य अतिथि के रूप में अबू धाबी के शहजादे का आगमन और इसके निहितार्थ

  • 24 Jan 2017
  • 6 min read

सन्दर्भ :

26 जनवरी 2017 को गणतंत्र दिवस समारोह में अबु धाबी के शहज़ादे और यूएई (United Arab Emirates- UAE) की फ़ौज के सर्वोच्च उप कमांडर, शेख मोहम्मद बिन ज़ायद अल नाह्यन (Sheikh Mohamed bin Zayed Al Nahyan) मुख्य अतिथि होंगे । उनको मुख्य अतिथि बनाना भारत सरकार की कूटनीतिक सफलता को दर्शाता है क्योंकि यूएई पाकिस्तान का मित्र देश माना जाता है।

प्रमुख बिंदु :

  • अबु धाबी के शहज़ादे भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि बनने वाले खाड़ी के दूसरे नेता हैं।
  • इससे पूर्व वर्ष 2006 में सऊदी अरब के किंग अब्दुल्ला बिन अब्दुल अजीज अल-सउद गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि थे।
  • यूएई की सेना की एक टुकड़ी भी गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेगी |
  • ज्ञातव्य है, कि वर्ष 2016 में भारत के 67वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद थे और तब फ्रांससी सेना की एक टुकड़ी ने भी भारतीय सेना के साथ राजपथ पर मार्च किया था । 
  • इस प्रकार, यह दूसरा अवसर होगा जब भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में कोई विदेशी सैनिक दस्ता भाग लेगा । 


भारत - यूएई : गहराते सम्बन्ध 

  • इस बार गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि कौन होंगे, इस बात की घोषणा अक्टूबर 2016 में ही उस वक्त हो गई थी जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निमंत्रण स्वीकार करने के लिए शहज़ादे का धन्यवाद करते हुए ट्वीट किया था । 
  • इससे पहले वर्ष 2006 में गणतंत्र दिवस समारोह में खाड़ी देश सउदी अरब के शाह – अब्दुल्ला बिन अब्दुल अजीज़ अल सउद - बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। 
  • वर्ष 2013 में भी भारत ने खाड़ी देश ओमान के सुल्तान को मुख्य अतिथि के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से ओमान के सुल्तान भारत नहीं आ सके थे ।
  • दरअसल, दो साल से भी कम समय में यह ऐसी तीसरी उच्च स्तरीय बैठक है जब भारत और यूएई के उच्च पदस्थ नेता मिल रहे हैं।
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगस्त 2015 में यूएई गए थे और शहज़ादे अल नाह्यान फ़रवरी 2016 में भारत आए थे ।
  • अगस्त 2015 में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान दोनों पक्ष रक्षा संबंध और मज़बूत करने, नियमित युद्धाभ्यास तथा जल, थल, वायु सेवाओं व विशेष सुरक्षा दस्तों के प्रशिक्षण पर भी तैयार हुए थे। इसके बाद मई 2016 में रक्षा क्षेत्र में नई संभावनाओं की तलाश में भारत के रक्षामंत्री पहली बार यूएई गए। 
  • दोनों पक्षों ने पश्चिम एशिया और दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता को पैदा ख़तरे पर भी चिंता जताई। संयुक्त वक्तव्य में आतंकवाद में पाकिस्तान की भूमिका की परोक्षत: निंदा भी की गई ।
  • बात अगर राजनैतिक, आर्थिक और रणनीतिक सम्बन्धों के क्षेत्र में करें तो भारत और यूएई के मज़बूत द्विपक्षीय सम्बन्ध हैं । 
  • चीन और अमरीका के बाद संयुक्त अरब अमीरात भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2015-16 में दोनों के बीच कुल 49.7 अरब अमरीकी डॉलर का व्यापार हुआ। 
  • खाड़ी देशों में तेल और गैस की प्रचुरता है जिसका व्यापार में सर्वाधिक योगदान है । 
  • भारत के साथ यूएई के व्यापार में कई तरह की चीजें शामिल हैं ।
  • व्यापार और वाणिज्य भारत-UAE संबंधों की रीढ़ है और भारत के बहुत से कामगार वहां काम करते हैं। 
  • अनुमानों के मुताबिक, 25 से 30 लाख भारतीय वहाँ रहते हैं और उसके आर्थिक विकास में अपना योगदान दे रहे हैं । भारतीय न केवल विदेशी समुदाय हैं बल्कि कड़ी मेहनत और कौशल के चलते उनका काफ़ी सम्मान भी है। 
  • वर्तमान में भारत और यूएई के रक्षा संबंध भी बढ़ें हैं । 
  • भारत के नौसैनिक पोतों को कई बार आमंत्रित किया गया है और संगठित अपराध तथा आतंक से मुक़ाबला करने के बारे में दोनों देशों के बीच सहयोग जारी है । यूएई ने आतंकी गतिविधियों को धन संबंधी मदद देने वाले कई भारतीयों को प्रत्यावर्तित भी किया है। 
  • भारत खाड़ी तथा पश्चिम एशिया में यूएई का प्रमुख व्यापारिक साझेदार भी है और दोनों पक्ष गोपनीय सूचनाओं के आदान-प्रदान, साइबर सुरक्षा और कट्टरता निरोधक उपायों को लेकर भी सहयोग कर रहे हैं। 
  • खाड़ी देशों के साथ, प्रधानमंत्री मोदी का नियमित संपर्क यह बताता है कि आर्थिक विकास और आतंक से मुक़ाबले को लेकर वो कितने गंभीर है। संयुक्त अरब अमीरात पर भारत का यह फ़ोकस बताता है कि अपनी खाड़ी तथा पश्चिम एशिया की नीति में वह उसे कितना अधिक महत्व देता है । इसलिए, शेख मोहम्मद बिन ज़ायद अल नाह्यान के आगमन से पता चलता है कि भारत और यूएई के बीच संबंध गहरा रहे हैं ।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2