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आंतरिक सुरक्षा

रक्षा कर्मचारियों के प्रमुख (CDS) की घोषणा

  • 16 Aug 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री ने रक्षा कर्मचारियों के प्रमुख (Cheaf of Defence Staff- CDS) की नियुक्ति की घोषणा की है, जो तीनों सेवा प्रमुखों से ऊपर होगा। यह देश का सबसे बड़ा उच्च स्तरीय सैन्य सुधार है जो कि भारत की जल, थल एवं वायु सेना के एकीकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा व आपस में उनके संपर्क को स्थापित करेगा।

CDS क्या है?

  • CDS का तात्पर्य है सरकार के लिये एक सूत्री सैन्य सलाहकार का होना, जो तीनों सेवाओं के दीर्घकालिक नियोजन, खरीद, प्रशिक्षण एवं लॉजिस्टिक्स का समन्वय करेगा। भविष्य के युद्ध छोटे, शीघ्रगामी और नेटवर्क केंद्रित हो रहे हैं अतः देश की रक्षा प्रणाली को मजबूत करने हेतु तीनों सेवाओं में समन्वय अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
  • देश में किसी भी प्रकार के हमले/गतिरोध से संसाधनों तथा रक्षा बजट पर अधिक पर दबाव बढ़ता है, इसलिये CDS नियुक्ति से संयुक्त योजना व प्रशिक्षण से संसाधनों पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा।
  • CDS तीनों सेवा प्रमुखों में सबसे ऊपर का पद है यह खरीद-फरोख्त को अनुकूलित करने, सेवाओं के बीच दोहराव से बचने तथा प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 
  • भारत एक परमाणु हथियार संपन्न देश है, CDS परमाणु मुद्दों पर प्रधानमंत्री के सैन्य सलाहकार के रूप में भी कार्य करेगा।

पृष्ठभूमि 

  • CDS पद का प्रस्ताव दो दशकों से अस्तित्व में है। इसे सबसे पहले वर्ष 1999 के कारगिल संघर्ष के बाद उच्च सैन्य सुधारों की सिफारिश के लिये नियुक्त के. सुब्रह्मण्यम समिति द्वारा प्रस्तावित किया गया था। लेकिन कुछ मतभेदों के चलते यह आगे नहीं बढ़ सका।
  • वर्ष 2012 में, नरेश चंद्र समिति ने स्टाफ कमेटी (COSC) के स्थायी अध्यक्षों की नियुक्ति की सिफारिश की।
  • लेफ्टिनेंट जनरल डी.बी. शेखतकर द्वारा की गई 99 सिफारिशों में CDS का भी प्रस्ताव किया गया था। समिति ने दिसंबर 2016 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें त्रि-सेवाओं से संबंधित 34 सिफारिशें थीं।

वर्तमान स्थिति 

  • वर्तमान में तीन प्रमुखों के वरिष्ठतम के रूप में कर्मचारी समिति के अध्यक्ष (Chairman of the Chiefs of Staff Committee- COSC) ही प्रमुख का कार्य करते हैं। लेकिन यह एक अतिरिक्त भूमिका है और इसका कार्यकाल बहुत छोटा रहता है। 
    • उदाहरण के लिये एयर चीफ मार्शल (ACM) बी.एस. धनोआ ने निवर्तमान नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा के पश्चात 31 मई को COSC के अध्यक्ष रूप में पदभार संभाला।
  • हालाँकि धनोआ केवल कुछ महीनों के लिये इस भूमिका में रहेंगे क्योंकि वह 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उनके बाद सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत COSC के प्रमुख होंगे। 

अन्य देशों के संबंध में स्थिति 

  • सभी प्रमुख देशों विशेष रूप से परमाणु हथियार वाले राज्यों में एक CDS है। UK. जिसमें भारतीय सशस्त्र बल और रक्षा मंत्रालय हैं, में एक स्थायी सचिव होते हैं, जो रक्षा सचिव के बराबर पद धारण करते हैं साथ ही एक का CDS पद भी है।
  • UK सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, CDS ब्रिटिश सशस्त्र बलों के पेशेवर प्रमुख होते हैं और सैन्य रणनीतिक कमांडर के रूप में संचालन के लिये ज़िम्मेदार होते हैं। वह रक्षा सचिव और प्रधान मंत्री के सबसे वरिष्ठ सैन्य सलाहकार भी होते हैं।
  • स्थायी सचिव रक्षा क्षेत्र के मामले में सरकार के प्रमुख नागरिक सलाहकार हैं। उनके पास नीति, वित्त एवं योजना से संबंधित प्राथमिक ज़िम्मेदारी होती है, साथ ही वे विभागीय लेखा अधिकारी भी हैं।

आगे की राह 

  • सरकारी सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारत में रक्षा मंत्रालय जल्द ही CDS के पद के सृजन के लिये प्रक्रिया प्रारंभ कर सकता है।

स्रोत: द हिंदू

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