विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
चैटबाॅट
- 20 Feb 2023
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:चैटबॉट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग। मेन्स के लिये:आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संबंधित नैतिक मुद्दे |
चर्चा में क्यों?
माइक्रोसॉफ्ट के बिंग सर्च इंजन के नए संस्करण में अब एक चैटबॉट शामिल है जो स्पष्ट भाषा में प्रश्नों का उत्तर दे सकता है। हालाँकि कुछ मामलों में इसके द्वारा उत्पन्न उत्तर गलत, भ्रामक तथा विचित्र हैं।
- ऐसा माना जा रहा है चैटबॉट ने अपने परिवेश के प्रति संवेदनशीलता अथवा जागरूकता विकसित कर ली है, और यह चिंता का विषय है
चैटबाॅट:
- चैटबॉट्स कंप्यूटर प्रोग्राम हैं जिन्हें आमतौर पर टेक्स्ट आधारित इंटरफेस जैसे- मैसेजिंग एप या वेबससाइट्स के माध्यम से मानव उपयोगकर्त्ताओं के साथ बातचीत का अनुकरण करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- वे प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (Natural Language Processing- NLP) और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम के उपयोग के माध्यम से उपयोगकर्त्ता इनपुट को समझकर मानव संचार प्रक्रिया की नकल करते हैं।
- ग्राहक सेवा में सुधार और दोहराव वाले कार्यों को स्वचालित करने के लिये खुदरा व्यापार, स्वास्थ्य देखभाल, वित्त और मनोरंजन सहित विभिन्न प्रकार के उद्योगों में उनका उपयोग किया जाता है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित चैटबॉट सूचना को कैसे संसाधित करते हैं?
- कुछ चैटबॉट एक प्रकार की कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा संचालित होते हैं जिसे तंत्रिका नेटवर्क कहा जाता है।
- तंत्रिका नेटवर्क एक प्रकार का मशीन लर्निंग एल्गोरिदम है जो मानव मस्तिष्क की संरचना और कार्य से प्रेरित गणितीय मॉडल का उपयोग करता है।
- इसमें इंटरकनेक्टेड नोड्स या कृत्रिम न्यूरॉन्स होते हैं, जो जानकारी को संसाधित करते हैं तथा बार-बार एक्सपोज़र के माध्यम से डेटा में पैटर्न को पहचानना सीखते हैं।
- जैसा कि तंत्रिका नेटवर्क बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण करता है, यह परिणामों की भविष्यवाणी करने या वस्तुओं को वर्गीकृत करने में अपनी सटीकता में सुधार के लिये अपने मापदंडों को समायोजित कर सकता है।
- शोधकर्त्ताओं ने ‘लार्ज लैंग्वेज मॉडल’ नामक तंत्रिका नेटवर्क का निर्माण शुरू किया जो बड़ी मात्रा में डिजिटल टेक्स्ट, जैसे- किताबें, ऑनलाइन लेख और चैट लॉग से सीखते हैं। उदाहरण: माइक्रोसॉफ्ट का कोपायलट (Copilot) एवं Open AI का ChatGPT।
चैटबॉट्स से संबंधित मुद्दे:
- अशुद्धि: यदि चैटबॉट उपयोगकर्त्ता के इरादे या उसके प्रश्न के संदर्भ को नहीं समझते हैं तो वे गलत या अधूरी जानकारी प्रदान कर सकते हैं। इससे निराशा तथा खराब उपयोगकर्त्ता अनुभव मिल सकता है।
- सुरक्षा और गोपनीयता संबंधी चिंताएँ: चैटबॉट उपयोगकर्त्ताओं से संवेदनशील जानकारी एकत्र कर सकते हैं, जैसे- व्यक्तिगत विवरण या क्रेडिट कार्ड की जानकारी, जो डेटा उल्लंघन या अन्य सुरक्षा खतरों के प्रति संवेदनशील हो सकती है।
- नैतिक विचार: चैटबॉट पूर्वाग्रह या भेदभाव को कायम रख सकते हैं यदि उन्हें समावेशिता (Inclusivity) और विविधता को ध्यान में रखकर डिज़ाइन नहीं किया गया हो।
- इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में चैटबॉट्स के उपयोग को लेकर चिंताएँ हैं, जहाँ गलत या भ्रामक जानकारी के कारण मरीज़ को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
आगे की राह
- नैतिकता और समावेशिता: चैटबॉट्स को नैतिक विचारों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया जाना चाहिये, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे पूर्वाग्रह या भेदभाव युक्त न हों।
- इसके अतिरिक्त चैटबॉट को सभी उपयोगकर्त्ताओं को शामिल करने के लिये डिज़ाइन किया जाना चाहिये, चाहे उनकी पृष्ठभूमि या क्षमता कुछ भी हो।
- सहयोग: मनुष्यों और चैटबॉट्स के मध्य सहयोग चैटबॉट प्रतिक्रियाओं की सटीकता तथा प्रभावशीलता में सुधार करने में मदद कर सकता है, साथ ही उपयोगकर्त्ताओं को अधिक मानवीय अनुभव प्रदान कर सकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. विकास की वर्तमान स्थिति में, कृत्रिम बुद्धिमता (Artificial Intelligence) निम्नलिखित में से किस कार्य को प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1, 2, 3 और 5 उत्तर: (b) |