सी.जी.एस.टी. वापसी योजना | 17 Aug 2017
चर्चा में क्यों ?
सरकार ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर और उत्तर-पूर्व की औद्योगिक इकाइयों को 2027 तक केंद्रीय वस्तु और सेवा कर (सी.जी.एस.टी.) वापस करने की एक योजना को मंज़ूरी दी है।
सी.जी.एस.टी. वापसी योजना क्या है ?
- कैबिनेट ने 27,413 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन के साथ सीजीएसटी रिफंड योजना को मंज़ूरी दे दी है, जो फार्मा, ऑटोमोबाइल, एफएमसीजी जैसे क्षेत्रों के लिये बड़ी राहत के रूप में आएगा।
- इन इकाइयों को, जो अब तक केंद्रीय उत्पाद शुल्क से 10 साल की छूट प्राप्त कर रही थीं, सीजीएसटी का 58 प्रतिशत वापस कर दिया जाएगा। जीएसटी कानून के ढाँचे के भीतर प्रत्येक उद्योग 31 मार्च, 2027 तक स्वयं के रिफंड तंत्र के हकदार होंगे।
- 1 जुलाई से लागू नई जीएसटी व्यवस्था में छूट का कोई प्रावधान नहीं है। हालाँकि, केंद्र या राज्य सरकारों को अपने हिस्से के कर को वापस करने का अधिकार है।
सी. जी. एस. टी. क्या है ?
- ‘सी. जी. एस. टी.’ (केंद्रीय वस्तु और सेवा कर) वस्तु और सेवा कर का एक हिस्सा है।
उल्लेखनीय है कि वस्तु और सेवा कर की तीन श्रेणियाँ हैं - सी. जी. एस. टी, आई. जी. एस. टी. और एस. जी. एस. टी. (CGST, IGST, SGST )।
- सी. जी. एस. टी. में केंद्रीय उत्पाद शुल्क, केंद्रीय बिक्री कर, सेवा कर, अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, चिकित्सा और टॉयलेटरिज़ तैयारी अधिनियम के तहत लगने वाले उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त सीमा शुल्क, एस.ए.डी. अधिभार और उपकर को समाहित किया गया है।
- सी. जी. एस. टी. को मानक वस्तुओं और सेवाओं की आवा-जाही पर चार्ज किया जाता है, जिसे एक अलग निकाय द्वारा समय-समय पर संशोधित किया जा सकता है।
- सी. जी. एस. टी. के तहत एकत्र राजस्व केंद्र का होता है।
जी.एस.टी. का प्रभाव
- वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) लागू होने के बाद राज्यों के सीमाओं पर लगी जाँच चौकियों को हटाए जाने से माल की आवा-जाही में लगने वाला समय 30 फीसद कम हो गया है। इससे न सिर्फ करोड़ों रुपये की बचत हो रही है बल्कि समय भी बच रहा है।
- वस्तु एवं सेवा कर ने केंद्र और राज्य स्तर पर लगने वाले दर्जन भर करों को एक कर दिया है। यह सहकारी संघवाद का एक परिणाम है। तकनीक की मदद से बेहद कम समय में जी.एस.टी. कानून का सहज कार्यान्वयन संभव हुआ है।