2019-24 के लिये टैरिफ नियमों को जारी करने की तैयारी में सीईआरसी | 24 May 2018
चर्चा में क्यों ?
केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (Central Electricity Regulatory Commission) जल्द ही अगले पाँच वर्षों की टैरिफ नियंत्रण अवधि के लिये टैरिफ नियमों के निर्धारण की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। यह अवधि 2019 से शुरू होगी।
प्रमुख बिंदु
- आयोग का कहना है कि बिजली कंपनियों द्वारा इको-फ्रेंडली उपकरणों पर किये गए पूंजीगत व्यय की रिकवरी संबंधी समस्या को सुलझाने के लिये तत्काल एक तंत्र स्थापित करने की आवश्यकता है।
- आयोग ने पाया कि इस समस्या के शुरुआती समाधान की आवश्यकता पर बिजली उत्पादन कंपनियों और वितरण कंपनियों के बीच आम सहमति थी।
- केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) इस तरह के प्रतिष्ठानों के लिये बेंचमार्क लागत की गणना करने संबंधी काम कर रहा है।
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने दिसंबर 2015 में देश में कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों के उत्सर्जन पर नियंत्रण के लिये संशोधित मानकों को अधिसूचित किया था।
- विद्युत मंत्रालय ने इस अधिसूचना का पालन करने के लिये समय मांगा और इन संशोधित मानकों के अनुसार सयंत्रों को तैयार करने के लिये परियोजनानुसार प्लान तैयार किया।
- केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण एनटीपीसी की हालिया निविदाओं के आधार पर उपकरणों के रेट्रोफिटिंग मूल्य हेतु बेंचमार्क स्थापित करने पर काम कर रहा है।
- ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ऐसे उपकरणों के लिये लागत एनटीपीसी और निजी बिजली उत्पादकों की निविदाओं के बीच ज्यादा भिन्न नहीं होगी।
- विद्युत मंत्रालय पहले ही सलाह दे चुका है कि इन सयंत्रों को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिये बिजली के डिस्पैच ऑर्डर की तैयारी के दौरान ऐसी लागत शामिल नहीं की जाएगी। बिजली उत्पादकों ने मंत्रालय और विनियामक से पर्यावरण मानदंडों को पूरा करने के लिये आवश्यक लागत वहन करने संबंधी स्पष्टीकरण की मांग की थी।
- एनटीपीसी ने केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग के समक्ष विद्युत अधिनियम, 2003 के सेक्शन 79 के याचिका दायर की थी, जिसमें संशोधित पर्यावरणीय मानदंडों के अनुपालन हेतु थर्मल-सयंत्रों में विभिन्न प्रदूषण नियंत्रक प्रणालियों की स्थापना के लिये व्यय संबंधी मंजूरी की मांग की गई थी।
- सीईआरसी 2019-24 की अवधि के लिये टैरिफ नियमों को तैयार करने संबंधी दृष्टिकोण पत्र को अंतिम रूप देने के करीब है।
- इस पत्र को अगले 10 दिनों में सार्वजनिक परामर्श हेतु जारी किये जाने की संभावना है।
- आयोग का कहना है कि उसने टैरिफ नियमों के लिये विचार-विमर्श के दायरे को बढ़ाने की पूरी कोशिश की है और उनकी टीमों ने दृष्टिकोण पत्र तैयार करने हेतु जोनल स्तर तक पहुँच स्थापित की है तथा विद्युत क्षेत्र में प्रत्येक बहस योग्य पहलू को इसमें शामिल करने का प्रयास किया गया है।
- दृष्टिकोण पत्र पर सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के पश्चात् ड्राफ्ट टैरिफ नियम जारी किये जाएंगे। फाइनल नियमों के दिसंबर तक तैयार हो जाने की उम्मीद है।