आंतरिक सुरक्षा
त्रिपुरा के साथ शांति समझौता
- 12 Aug 2019
- 5 min read
चर्चा में क्यों?
भारत सरकार, त्रिपुरा और साबिर कुमार देबबर्मा के नेतृत्व में नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT-SD) के बीच 10 अगस्त, 2019 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
पृष्ठभूमि
- यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय सीमापार स्थित अपने शिविरों से हिंसा फैलाने जैसी गतिविधियों में शामिल रहा है।
- वर्ष 2005 से 2015 की अवधि के दौरान NLFT ने तकरीबन 317 उग्रवादी घटनाओं को अंजाम देते हुए हिंसक कार्रवाई की, जिसमें कई सुरक्षा बलों और नागरिकों की जान गई।
- वर्ष 2015 में NLFT के साथ शांति वार्ता शुरू हुई, तब कहीं जाकर वर्ष 2016 के बाद से इस संगठन ने कोई हिंसक कार्रवाई नहीं की है।
- इस शांति वार्ता का परिणाम यह हुआ है कि NLFT (SD) हिंसा के मार्ग को छोड़ने, मुख्यधारा में शामिल होने और भारत के संविधान का पालन करने के लिये सहमत हो गया है।
- संगठन ने अपने 88 सदस्यों के हथियार सहित आत्मसमर्पण करने पर भी सहमति जताई है।
आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास योजना, 2018
Surrender-cum-Rehabilitation Scheme 2018
- आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों को गृह मंत्रालय की आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास योजना, 2018 के अनुसार आत्मसमर्पण लाभ दिया जाएगा।
- त्रिपुरा राज्य सरकार आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों को आवास, भर्ती और शिक्षा जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराने में मदद करेगी।
- राज्य में उग्रवादियों ने समर्पण-सह-पुनर्वास की एक नई विशेष योजना बनाई गई है और 1 दिसंबर, 2012 से कार्यान्वित है।
- इस योजना के तहत लाभों/प्रोत्साहनों में 2.5 लाख रुपए का तात्कालिक अनुदान, 36 महीनों के लिये 4000 रुपए प्रतिमाह की दर से मासिक वृत्ति, समर्पित हथियारों के लिये प्रोत्साहन, समर्पण करने वाले उग्रवादियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाना और समर्पण करने वाले उग्रवादियों के लिये पुनर्वास शिविरों का लगाया जाना शामिल है।
- इसके बाद भारत सरकार ने ‘प्रभावित क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवादियों की आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास योजना’ के लिये दिशा-निर्देशों में संशोधन भी किया जो 1 अप्रैल, 2013 से प्रभावी हुआ।
- संशोधित नीति के पुनर्वास पैकेज में अन्य सहूलियतों के अलावा ऊँचे कैडर वाले उन LWE के लिये 2.5 लाख रुपए और मध्यम/निचले कैडर वाले उन LWE के लिये 1.5 लाख रुपए का अनुदान तत्काल दिया जाता है, जो संबंधित राज्य सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण करते हैं।
- इसके अलावा, आत्मसमर्पण करने वाले LWE को व्यावसायिक प्रशिक्षण के वास्ते अगले तीन वर्षों के दौरान 4,000 रुपए की धनराशि हर महीने दी जाएगी।
नोट: NLFT पर वर्ष 1997 से गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम [Unlawful Activities (Prevention) Act] के तहत प्रतिबंध लगा हुआ है।
त्रिपुरा: एक नज़र में
- राजधानी- अगरतला
- मुख्य भाषा- बांग्ला और कोकबरोक
- कुल क्षेत्रफल 10,491.69 वर्ग किमी.
- क्षेत्रफल की दृष्टि से त्रिपुरा देश का दूसरा सबसे छोटा राज्य है, साथ ही जनसंख्या के आधार पर यह पूर्वोत्तर का दूसरा बड़ा राज्य है।
- राज्य की सीमाएँ मिज़ोरम, असम तथा बांग्लादेश से लगी हुई हैं। उत्तर, दक्षिण तथा पश्चिम में यह बांग्लादेश से घिरा है तथा इसके कुल सीमा क्षेत्र का 84 फीसदी अर्थात् 856 किलोमीटर क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय सीमा के रूप में है।
- त्रिपुरा रियासत ने 15 अक्तूबर, 1949 को भारत संघ के साथ विलय पत्र पर हस्ताक्षर किये। 21 जनवरी, 1972 को इसे पूर्ण राज्य का दर्ज़ा दिया गया।