‘नो फ्लाई’ नियमों का प्रारूप तैयार | 06 May 2017
संदर्भ
केंद्र ने कुछ दिशा निर्देश सुझाए हैं जिनके तहत घरेलू एयरलाइनों को किसी यात्री के अनियंत्रित व्यवहार के लिये उसकी हवाई यात्रा पर तीन माह अथवा जीवनकाल तक प्रतिबंध लगाने की अनुमति प्रदान की गई है।
प्रमुख बिंदु
- नागरिक विमानन आवश्यकताओं के प्रारूप ‘अनियंत्रित और नुकसानदेह यात्रियों पर नियंत्रण’(Handling of unruly or disruptive passengers) के अनुसार, एयरलाइन अनियंत्रित यात्रियों पर निम्नलिखित त्रिस्तरीय प्रतिबन्ध लगा सकते हैं-
→ नुकसानदेह व्यवहार(जैसे-शारीरिक हाव भाव,) के लिये तीन माह का प्रतिबन्ध।
→ शारीरिक रूप से अपमानजनक व्यवहार(जैसे धक्का देना,पैर से मारना और यौन उत्पीड़न करना) के लिये छह माह का प्रतिबन्ध।
→ जीवन को नुकसान(जैसे-विमान की व्यवस्था को क्षति पहुँचाना) पहुँचाने वाले व्यवहार के लिये 2 वर्ष अथवा इससे अधिक वर्षों का प्रतिबन्ध।
- एक अपराध के पश्चात प्रत्येक दूसरे अपराध के लिये अनियंत्रित यात्री पर पहले प्रतिबंध की अवधि से दोगुनी अवधि का प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
- इसके अतिरिक्त, गृह मंत्रालय राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों के लिये पहचाने गए व्यक्तियों को भी प्रस्तावित ‘नो फ्लाई सूची’ में शामिल कर सकता है। इन नियमों के विषय में एक माह तक जनता की टिप्पणियों का स्वागत किया जाएगा जिसके पश्चात अंतिम नियामकों को 30 जून को जारी किया जाएगा।
- नागरिक विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा के अनुसार, भारत ऐसा पहला देश होगा जिसने विमानन सुरक्षा से संबंधित राष्ट्रीय ‘नो फ्लाई’ सूची के प्रारूप को तैयार किया है क्योंकि वर्तमान में अन्य देशों में सुरक्षा संबंधी मुद्दों के लिये कोई ‘नो फ्लाई’ सूची नहीं है।
- एयरलाइन ऐसे यात्री का विवरण रखेंगे जिसे उसके अनियंत्रित व्यवहार अथवा यात्रियों को नुकसान पहुँचाने के आधार पर राष्ट्रीय ‘नो फ्लाई’ सूची में शामिल किया जाएगा। गृह मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों से संबंधित व्यक्तियों को भी राष्ट्रीय नो फ्लाई सूची में शामिल किया जा सकता है।
- नो फ्लाई सूची में शामिल व्यक्ति के विवरण को एयरलाइन द्वारा व्यक्ति को प्रेषित किया जाएगा जिसमें राष्ट्रीय नो फ्लाई सूची में उनके नाम को शामिल करने के कारणों के विषय में भी बताया जाएगा।
- एयरलाइन यात्री के अनियंत्रित व्यवहार के लिये उस पर तुरंत प्रतिबंध लगा सकते हैं। सभी एयरलाइनों को एक आतंरिक समिति बनाने की आवश्यकता होगी जो एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश और सत्र न्यायाधीश,विभिन्न एयरलाइनों के प्रतिनिधि और यात्री संघ अथवा उपभोक्ता फोरम के सदस्यों से मिलकर बनेगी।
- समिति के लिये किसी भी शिकायत के मिलने के पश्चात एयरलाइन द्वारा व्यक्ति पर लगाए गए प्रतिबंध की जाँच कर 10 दिनों के भीतर ही उस पर निर्णय लेना अनिवार्य होगा।
- यात्री प्रतिबंध लगने पर सरकार के पास अपील कर सकता है। सरकार एक अपीलीय समिति का गठन करेगी जिसमें उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, यात्री संघ अथवा उपभोक्ता फोरम के प्रतिनिधि और एक उच्चस्तरीय एयरलाइन कर्मचारी शामिल होंगे।
- यात्री को सभी एयरलाइनों में प्रतिबंध का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालाँकि केंद्र ने अन्य एयरलाइनों को भी शक्ति देने का प्रस्ताव रखा है ताकि वे भी एक एयरलाइन द्वारा यात्री पर लगाए गए प्रतिबंध के आधार पर उस पर प्रतिबंध लगा सकें।
- एयरलाइन किसी भी यात्री पर उसके अनियंत्रित व्यवहार के लिये प्रतिबंध लगा सकती हैं। हालाँकि अपील की प्रक्रिया प्रतिबंध लगने के 10 दिन के भीतर ही पूरी हो जाएगी। नागरिक विमानन सचिव के अनुसार, अन्य एयरलाइन भी यात्रियों पर प्रतिबंध लगाने के लिये ‘नो फ्लाई सूची’ का उपयोग कर सकते हैं।
वे यात्री जो सुरक्षा एजेंसियों के द्वारा पहचाने जाने वाले खतरों के पश्चात राष्ट्रीय ‘नो फ्लाई सूची’ का हिस्सा बनेंगे वे नागरिक विमानन नियामकों के अंतर्गत प्रतिबंध संबंधी निर्णय के लिये अपील करने योग्य नहीं होंगे।
हाल ही में घटित हुई घटनाएँ
- राष्ट्रीय नो फ्लाई सूची की आवश्यकता का विचार तब सामने आया जब सरकार ने वर्तमान नियामकों में कई त्रुटियाँ पाईं जिनके माध्यम से शिव सेना सांसद रविन्द्र गायकवाड़ पर एयर इंडिया के स्टाफ के साथ उनके अनुचित व्यवहार के कारण सभी घरेलू एयरलाइनों ने प्रतिबंध लगा दिया था। हालाँकि ये एयरलाइनें सरकार से आदेश मिलने के पश्चात दो सप्ताह के इस प्रतिबन्ध को हटा चुकी है।