प्रस्तावित सामाजिक सुरक्षा कानून का होगा चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वयन | 15 May 2017
संदर्भ
श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय अपने प्रस्तावित सामाजिक सुरक्षा कानून का क्रियान्वयन चरणबद्ध तरीके से कर सकता है| आरंभ में इस कानून के तहत छोटे कारखानों को शामिल नहीं किया जाएगा| छोटे कारखाने उन कारखानों को कहा जाता है जो 10 श्रमिकों को रोज़गार देते हैं|
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि मंत्रालय चरणबद्ध तरीके से सामाजिक सुरक्षा कानून का क्रियान्वयन करने की योजना बना रहा है|
- छोटे करखानों को दूसरे चरण में कवर किया जा सकता है जबकि प्रथम चरण में 10 से अधिक श्रमिकों को रोज़गार देने वाले कारखानों और अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों को कवर किया जा सकता है|
- दो वर्ष पश्चात 10 से कम श्रमिकों को रोज़गार देने वाले कारखानों को भी प्रस्तावित सामाजिक सुरक्षा कानून के सम्मिलित किया जा सकता है|
- मंत्रालय ने मार्च में श्रमिक कोड पर एक सामाजिक सुरक्षा कानून को प्रस्तावित किया था| यह कानून देश के संपूर्ण कार्यबल(जिसमें स्वरोज़गार और कृषि श्रमिक शामिल हैं) के लिये सामाजिक सुरक्षा कवर उपलब्ध कराएगा| प्रस्तावित कानून के अनुसार, मात्र एक श्रमिक वाले कारखानों को भी सामाजिक सुरक्षा लाभों में योगदान करना होगा|
- पहली बार केंद्र सरकार ने सभी श्रमिकों को सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिये इस प्रकार के कानून को प्रस्तावित किया है जो केन्द्रीय व्यापार संघ की मुख्य मांगों में से एक है|
- वर्तमान में जिन छोटे और माध्यम उद्योगों को सामाजिक सुरक्षा योजना से बाहर रखा गया है, उन्होंने सरकार के इस प्रस्ताव पर अपनी चिंताएँ व्यक्त की हैं|
- सूक्ष्म स्तर के औद्योगिक उपक्रमों को इस सामाजिक सुरक्षा ढाँचे के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिये क्योंकि इस प्रकार के कानून का वित्तीय प्रभाव बहुत व्यापक होगा|
- भविष्य निधि और पेंशन योगदान (जिसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा प्रशासित किया जाता है) केवल उन कारखानों के लिये ही अनिवार्य है जिनमें वर्तमान में कम से कम 20 श्रमिक कार्य करते हैं| कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम के अंतर्गत दिये जाने वाले चिकित्सकीय लाभ उन कारखानों पर लागू होते हैं जिनमें कम से कम 10 श्रमिक होते हैं| इसके अतिरिक्त, ये लाभ दुकानों, होटल, रेस्टोरेंट और सड़क परिवहन उपक्रमों पर भी लागू होते हैं|
- जो छोटे उद्यमी यह महसूस करते हैं कि सामाजिक सुरक्षा में योगदान करने के कारण उन्हें वित्तीय बोझ उठाना पड़ सकता है, उनके अलावा अन्य कई उद्यमियों ने इस प्रस्तावित कानून पर अपनी प्रतिक्रियाएँ व्यक्त की हैं|
- छठी आर्थिक जनगणना के अनुसार, भारत के कुल उद्यमों (कृषि और गैर-कृषि) में से 98.62% उद्यमों में 10 से कम श्रमिक ही कार्यरत हैं|
- सभी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराना 47वे भारतीय श्रम सम्मेलन का मुख्य विषय होगा| संभव है कि इस सम्मेलन की शुरुआत इस वर्ष के अंत तक की जाएगी|
क्या है कर्मचारी भविष्य निधि संगठन?
- यह भारत का एक अनिवार्य अंशदायी पेंशन और बीमा प्रदान करने वाला शासकीय संगठन है|
- सदस्यों और वित्तीय लेनदेन की दृष्टि से यह विश्व का सबसे बड़ा संगठन है|
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है|