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केंद्र ने बढाई NRC को अपडेट करने की अवधि

  • 28 Dec 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?


असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens-NRC) के नवीनीकरण और सुधार कार्य को पूरा करने की अवधि को केंद्र सरकार ने और छह महीने के लिये बढ़ा दिया है। इसका तात्पर्य यह है कि असम में NRC को अपडेट करने की प्रक्रिया अब 30 जून, 2019 तक पूरी की जा सकेगी।

प्रमुख बिंदु

  • इससे पहले असम में NRC को अपडेट करने के की समयावधि 31 दिसंबर, 2018 तक थी लेकिन भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, निर्धारित समय-सीमा तक असम में निवास करने वाले भारतीय नागरिकों को सूचीबद्ध करने का कार्य पूरा करना संभव नहीं है इसलिये इस समयावधि को और 6 माह के लिये बढ़ाया गया है।
  • असम में NRC की प्रक्रिया को पूरा करने के लिये पहली अधिसूचना 6 दिसंबर, 2013 में जारी की गई थी जिसमें सरकार ने इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिये तीन साल का समय निर्धारित किया था। लेकिन तब से अब तक सरकार ने इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिये निर्धारित समयावधि में पाँच बार विस्तार किया है।
  • NRC का मसौदा 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित किया गया था जिसमें कुल 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.9 करोड़ लोगों के नाम को शामिल किया गया था।

राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens-NRC)

  • NRC वह रजिस्टर है जिसमें सभी भारतीय नागरिकों का विवरण शामिल है।
  • इसे 1951 की जनगणना के बाद तैयार किया गया था। रजिस्टर में उस जनगणना के दौरान गणना किये गए सभी व्यक्तियों के विवरण शामिल थे।
  • वर्तमान में इसे अपडेट करने का कार्य किया जा रहा है और इसमें केवल उन्हीं भारतीयों के नाम को शामिल किया जा रहा है जो कि 25 मार्च, 1971 के पहले से असम में रह रहे हैं। उसके बाद राज्य में पहुँचने वालों को बांग्लादेश वापस भेज दिया जाएगा।
  • NRC उन्हीं राज्यों में लागू होती है जहाँ से अन्य देश के नागरिक भारत में प्रवेश करते हैं। NRC की रिपोर्ट ही बताती है कि कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं।

असम में NRC

  • 80 के दशक में अखिल असम छात्र संघ (All Assam Students Union-AASU) ने अवैध तरीके से असम में रहने वाले लोगों की पहचान करने तथा उन्हें वापस भेजने के लिये एक आंदोलन शुरू किया।
  • AASU के छह साल के संघर्ष के बाद 15 अगस्त, 1985 को AASU और दूसरे संगठनों तथा भारत सरकार के बीच एक समझौता हुआ जिसे असम समझौते के नाम से जाना जाता है।
  • इस समझौते के अनुसार, 25 मार्च, 1971 के बाद असम में प्रवेश करने वाले हिंदू- मुसलमानों की पहचान की जानी थी तथा उन्हें राज्य से बाहर किया जाना था।
  • नागरिकों के सत्यापन के लिये यह अनिवार्य किया गया कि केवल उन्हें ही भारतीय नागरिक माना जाएगा जिनके पूर्वजों के नाम 1951 के NRC में या 24 मार्च 1971 तक के किसी वोटर लिस्ट में मौजूद हों।
  • असम में NRC अपडेट को नियंत्रित करने वाले प्रावधान नागरिकता अधिनियम, 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम, 2003 में दिये गए हैं।

स्रोत : द हिंदू

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