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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

केंद्र सरकार ने सौर ऊर्जा क्षमता को बढ़ाकर 40,000 मेगावाट करने का निर्णय किया

  • 23 Feb 2017
  • 9 min read

गौरतलब है कि भारत सरकार के नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy) ने भविष्य में देश की विद्युत् संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सौर ऊर्जा और अल्ट्रा ऊर्जा पार्कों की उत्पादन क्षमता को 20,000 मेगावाट से बढ़ाकर 40,000 मेगावाट करने का निर्णय लिया है| इसके लिये देश के विभिन्न हिस्सों में 8,100 करोड़ की कीमत वाले 50 अतिरिक्त सौर ऊर्जा पार्कों को विकसित किया जाएगा| 

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि इस नई योजना के तहत हिमालय और अन्य दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में छोटे आकार वाले सौर ऊर्जा पार्कों को स्थापित किया जाएगा जबकि जहाँ-जहाँ राज्यों की ओर से ज़मीनें उपलब्ध कराई जाएंगी वहाँ अल्ट्रा सौर ऊर्जा पार्कों को स्थापित किया जाएगा|
  • ध्यातव्य है कि भारत सरकार ने राज्यों की मांग पर अतिरिक्त सौर ऊर्जा पार्क विकसित करने का निर्णय लिया है।
  • इन नए उच्च क्षमता वाली इस सौर ऊर्जा पार्क  (Solar parks) और अल्ट्रा ऊर्जा पार्क परियोजना (Ultra mega solar power projects) को वर्ष 2019-20  तक स्थापित किया जाएगा|
  • इसके लिये केंद्र की ओर से 8,100 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद प्रदान करने का निर्णय किया गया है|
  • ध्यातव्य है कि इन पार्कों की कुल उत्पादन क्षमता तकरीबन प्रतिवर्ष 64 अरब यूनिट तक की होगी, जिससे  पर्यावरण में हर साल तकरीबन 5 करोड़ 50 लाख टन कार्बन-डाइ आक्साइड (Carbon Dioxide) के उत्सर्जन को रोका जा सकेगा।
  • इसके अलावा सौर परियोजनाओं से जुड़े अन्य उद्योगों में रोज़गार के नए अवसरों का भी सृजन होगा| इतना ही नहीं इसके अंतर्गत परियोजनाओं की स्थापना के लिये बंजर पड़ी ज़मीनों का बेहतर इस्तेमाल भी किया जा सकेगा।
  • उल्लेखनीय है कि इन प्रस्तावित पार्कों को विकसित करने, इनकी स्थापना के लिये  उचित भूमि का चयन करने तथा इनके प्रबंधन आदि का कार्य राज्य और केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों द्वारा केंद्र के सहयोग से किया जाएगा।
  • इसके लिये इन्हें परियोजना संबंधी प्रस्ताव को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के पास मंजूरी के लिये भेजना होगा, जिसके बाद मंत्रालय की ओर से पार्क विकसित करने का अनुबंध प्राप्त करने वाली कंपनियों को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिये 25 लाख रुपए प्रदान किये जाएंगे|
  • ध्यातव्य है कि इसके लिये एक-दो वर्ष के भीतर ही निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी|
  • इस परियोजना को मंजूरी मिलने के बाद केंद्र की ओर से वित्तीय मदद के रूप में 20 लाख रुपए या परियोजना की लागत राशि का 30 फीसदी, जो भी कम होगा जारी किया जाएगा।

नेपाल जल विद्युत परियोजना 

  • इसके अतिरिक्त भारत सरकार ने नेपाल में 5723.72 करोड़ रुपए के निवेश वाली 900 मेगावाट क्षमता वाली अरुण-3 परियोजना को भी आरंभ करने का निर्णय लिया है|
  • ध्यातव्य है कि इस परियोजना के अंतर्गत बनने वाली बिजली का तकरीबन 21.9 फीसदी हिस्सा पूरी तरह मुफ्त में नेपाल को प्रदान किया जाएगा|
  • इस परियोजना का क्रियान्वयन सरकारी क्षेत्र की कंपनी सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा किया जाएगा|
  • इस परियोजना के संबंध में वर्ष 2008 में ही समझौता सम्पन्न कर लिया गया था परन्तु, इस पर अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया गया है|

ग्रीस के साथ हवाई सेवा समझौता

  • गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा भारत तथा ग्रीस के मध्य एक हवाई सेवा समझौते को मंजूरी प्रदान की गई है| इस समझौते के अंतर्गत दोनों देशों के मध्य अधिक से अधिक व्यापार, निवेश, पर्यटन तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ इन्हें देश के नागरिक विमानन क्षेत्र से संबद्ध किया जाएगा|
  • इस समझौते के अंतर्गत दोनों देशों की विमानन कंपनियों को वाणिज्यिक अवसर मुहैया कराने के साथ-साथ इनकी सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा पहले की अपेक्षा और अधिक बेहतर एवं निर्बाध संपर्क प्रणाली विकसित करने हेतु एक अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की गई हैं|
  • इस समझौते के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि दोनों देशों की नामित विमानन कंपनियों को एक-दूसरे के परिक्षेत्र में अपना कार्यालय खोलने का अधिकार होगा, कंपनियों को विनिर्दिष्ट मार्गों के विषय में सहमति के साथ सेवाओं के संचालन के लिये उचित एवं समान अधिकार प्रदान किये जाएंगे, इन कंपनियों को समान पक्ष, अन्य पक्ष एवं तीसरे देश की नामित कंपनी के साथ सहायक विपणन व्यवस्था करने का अधिकार भी प्रदान किया जाएगा|
  • विनिर्दिष्ट मार्गों के अनुसार, भारतीय विमानन कम्पनियाँ एथेंस (Athens), थेस्सालोनिकी (Thessaloniki),   हेराक्‍लॉयन (HerakIion), तथा कुछ समय बाद निर्धारित किये जाने वाले तीन अन्य शहरों के लिये भारत से उड़ान भर सकती हैं|
  • इसी तरह यूनानी गणराज्य की विमानन कंपनियाँ भी नई दिल्ली, मुम्बई, बेंगलुरु, कोलकाता, हैदराबाद तथा चेन्नई के लिये सीधी उड़ान भर सकती हैं|

विमानन सुरक्षा

  • इसके अतिरिक्त भारत सरकार ने भारत तथा ऑस्ट्रेलिया के मध्य नागरिक विमानन सुरक्षा में वृद्धि तथा विकास के लिये एक सहमति ज्ञापन (Memorandum of Understanding - MoU) पर भी हस्ताक्षर करने के संबंध में अपनी मंजूरी प्रदानत्त की है|
  • गौरतलब है कि इस एमओयू के अंतर्गत भारतीय विमानन सुरक्षा अधिकारियों को अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्षों की विशेषज्ञता साझा करने तथा भारत में समग्र विमानन सुरक्षा के माहौल को और बेहतर करने का अवसर प्राप्‍त होगा|
  • इसके अतिरिक्त इस एमओयू के अंतर्गत दोनों देशों के मध्य सुरक्षा सहयोग के क्षेत्र में वृद्धि को बढ़ावा देने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का अनुपालन करने संबंधी प्रावधानों को भी सुनिश्चित किया जाएगा|

कृषि तथा उससे संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग हेतु पोलैंड के साथ समझौता 

  • गौरतलब है कि भारत सरकार ने कृषि एवं इससे संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग हेतु पोलैंड के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिये मंजूरी प्रदान की है|
  • इस समझौते के अंतर्गत कृषि क्षेत्र  की वर्तमान स्थिति पर सूचनाओं के आदान-प्रदान, फसलों के पादपों की स्थिति, हानिकारक जीवों से उत्पन्न खतरे तथा पशुओं में संक्रामक रोगों के संचरण सहित अन्य गतिविधियों को भी शामिल किया गया है|
  • इस समझौते के क्रियान्वयन से दोनों देशों की अनुबंध करने वाली पार्टियों के मध्य कृषि तथा खाद्य व्यापार अथवा उसके समर्थन सहित संयुक्त आर्थिक गतिविधियों के विकास को भी बढ़ावा प्रदान किया जाएगा|
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