शासन व्यवस्था
केंद्र द्वारा क्रिप्टो को PMLA के अधीन लाया गया
- 11 Mar 2023
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प्रिलिम्स के लिये:क्रिप्टो करेंसी, PMLA, ईडी, आभासी डिजिटल परिसंपत्ति(VDA)। मेन्स के लिये:मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत क्रिप्टो। |
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा एक गजट नोटिफिकेशन के ज़रिये आभासी डिजिटल परिसंपत्ति (VDA) या क्रिप्टो करेंसी को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत लाया गया है।ज़ि
प्रमुख बिंदु
- आवश्यकता:
- क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लेन-देन अपारदर्शी बने हुए हैं और इसके बारे में जानकारी करना मुश्किल हो रहा है।
- यह क्रिप्टोकरेंसी व्यापार में पारदर्शिता लाने के लिये क्रिप्टोकरेंसी बाज़ारों की ज़िम्मेदारी को बढ़ाता है।
- वित्त के डिजिटल युग में न केवल निवेशकों बल्कि राष्ट्र के हितों की रक्षा के लिये इसका अनुपालन आवश्यक है। इस संबंध में क्रिप्टो उद्योग का महत्त्व बढ़ रहा है क्योंकि दुनिया भर के नियामक और सरकारें इस तेज़ी से विकसित हो रहे बाज़ार पर अधिक ध्यान दे रही हैं।
- इस उपाय से जाँच एजेंसियों को क्रिप्टो फर्मों के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद मिलने की उम्मीद है।
- क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लेन-देन अपारदर्शी बने हुए हैं और इसके बारे में जानकारी करना मुश्किल हो रहा है।
- मानदंड:
- VDA सेवा प्रदाता/व्यवसाय अब PMLA अधिनियम के तहत 'रिपोर्टिंग संस्था' बन गए हैं और उन्हें अन्य विनियमित संस्थाओं जैसे- बैंकों, प्रतिभूति मध्यस्थों, भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों आदि के समान रिपोर्टिंग मानकों एवं केवाईसी मानदंडों का पालन करना होगा।
- PMLA के अंतर्गत आने वाली गतिविधियांँ:
- आभासी डिजिटल संपत्ति (VDAs) और फिएट मुद्राओं (Fait Currencies) के बीच आदान-प्रदान।
- VDAs के एक या अधिक रूपों के बीच आदान-प्रदान।
- VDAs का स्थानांतरण।
- VDA या VDAs पर नियंत्रण को सक्षम करने वाले उपकरणों की सुरक्षा या प्रशासन।
- किसी जारीकर्त्ता के VDA की पेशकश और बिक्री से संबंधित वित्तीय सेवाओं में भागीदारी एवं प्रावधान।
संबंधित चिंताएंँ क्या हैं?
- अधिसूचना नए मानदंडों का पालन करने के लिये संस्थाओं को पर्याप्त समय प्रदान नहीं करती है। क्रिप्टो उद्योग भी चिंतित है कि एक केंद्रीय नियामक की अनुपस्थिति में क्रिप्टो संस्थाएंँ प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सीधे व्यवहार कर सकती हैं।
- 17 मिलियन उपयोगकर्त्ता फरवरी 2022 में केंद्रीय बजट में कर प्रणाली की घोषणा के बाद से भारतीय VDA उपभोक्ता घरेलू, केंद्रीकृत VDA एक्सचेंजों से विदेशी समकक्षों में स्थानांतरित हो गए हैं।
- भारतीय क्रिप्टो व्यापारियों ने स्थानीय एक्सचेंजों से अंतर्राष्ट्रीय क्रिप्टो प्लेटफॉर्मों पर ट्रेडिंग वॉल्यूम में 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की बढ़ोतरी की है।
- इससे कर राजस्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है, साथ ही लेन-देन का पता लगाने की क्षमता में कमी आएगी, जो मौजूदा नीति संरचना के दो केंद्रीय लक्ष्यों को असफल करता है।
- VDA टैक्स आर्किटेक्चर के नकारात्मक प्रभाव से पूंजी के बहिर्वाह में और तेज़ी आने एवं अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के निवेश की संभावना कम है।
भारत में क्रिप्टो की कानूनी स्थिति:
- केंद्रीय बजट 2022-23 में सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी हेतु टैक्स की घोषणा की है, लेकिन अभी तक कोई नियम नहीं बनाया गया है।
- भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) द्वारा अनुशंसित पूर्व निषेध को सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले द्वारा रद्द कर दिया गया था।
- वित्त मंत्री ने जुलाई 2022 में संसद को सूचित किया कि RBI की चिंताओं के जवाब में किसी भी सफल विनियमन या क्रिप्टोकरेंसी के निषेध के लिये "अंतर्राष्ट्रीय सहयोग" आवश्यक होगा।
- अप्रैल 2022 से भारत ने क्रिप्टोकरेंसी से हुए लाभ पर 30% का आयकर लगाया है।
- जुलाई 2022 में क्रिप्टोकरेंसी पर स्रोत पर 1% कर कटौती के नियम लागू हुए।
आगे की राह
- अगर क्रिप्टो लॉन्ड्रिंग के खिलाफ कानून और दिशा-निर्देश हैं, तो निवेशकों को दंडित किये जाने का डर होगा। चीज़ों को और अधिक सुव्यवस्थित बनाने के लिये भारत में एक्सचेंजो को एक कर वर्ष के भीतर निवेशकों द्वारा निश्चित राशि से अधिक के किये गए हस्तांतरण का पता लगाना चाहिये और कर अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट करनी चाहिये।
- VDA टैक्स निर्माण के प्रभाव को दूर करने के लिये सरकार को अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप अल्पकालिक और दीर्घकालिक लाभ के लिये विभेदित दरों के साथ एक प्रगतिशील कर संरचना को अपनाना चाहिये।
- 2022 में VDA से संबंधित एक नई कर व्यवस्था की घोषणा की गई, जो उपयोगकर्त्ताओं को घरेलू से अंतर्राष्ट्रीय समकक्षों में बदलती है, जिसने पूंजी के बहिर्वाह को आगे बढ़ाया।