अंतर्राष्ट्रीय संबंध
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की स्थापना को केंद्र की मंजूरी
- 11 Nov 2017
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चर्चा में क्यों ?
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा उच्चतर शिक्षा संस्थाओं के लिये प्रवेश परीक्षाएँ आयोजित करने के लिये राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (National Testing Agency - NTA) की स्थापना को मंज़ूरी प्रदान की गई है।
मंत्रिमंडल द्वारा भारतीय सोसायटी पंजीकरण अधिनियम (Indian Societies Registration Act), 1860 के अन्तर्गत सोसायटी के रूप में पंजीकृत एक स्वायत्त एवं आत्मनिर्भर शीर्ष परीक्षा संगठन के रूप में एन.टी.ए. के गठन को स्वीकृति प्रदान की गई है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- शुरुआत में एन.टी.ए. द्वारा उन प्रवेश परीक्षाओं का संचालन किया जाएगा, जिन्हें वर्तमान में सी.बी.एस.ई. द्वारा संचालित किया जा रहा है।
- एन.टी.ए. द्वारा वर्ष में कम से कम दो बार ऑनलाइन पद्धति से परीक्षाएँ आयोजित की जाएंगी। ऐसा करने का उद्देश्य विद्यार्थी को उसके सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये पर्याप्त अवसर प्रदान करना है।
- ग्रामीण छात्रों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये उप-ज़िला/ज़िला स्तर पर परीक्षा केंद्रों को स्थापित किया जाएगा।
- इसके अतिरिक्त जहाँ तक संभव हो सकेगा विद्यार्थियों को ऑनलाइन परीक्षा पद्धति के संबंध में व्यावहारिक प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
- भारत सरकार द्वारा एन.टी.ए. को इसके परिचालन के प्रथम वर्ष में 25 करोड़ रुपए का प्रारंभिक अनुदान दिया जाएगा। तत्पश्चात्, यह अपने संचालन के लिये आत्मनिर्भर (Self-Sustaining) हो जाएगा।
एन.टी.ए. का गठन
- एन.टी.ए. की अध्यक्षता मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा नियुक्त एक प्रख्यात शिक्षाविद् द्वारा की जाएगी।
- इसके सी.ई.ओ. भारत सरकार द्वारा नियुक्त महानिदेशक होंगे।
- इसके अतिरिक्त इसके अंतर्गत एक शासक मंडल भी होगा, जिसके सदस्य प्रयोक्ता संस्थाओं (User Institutions) से होंगे।
इसका प्रभाव क्या होगा?
- एन.टी.ए. की स्थापना से विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं में भाग ले रहे लगभग 40 लाख छात्रों को लाभ होगा। इसकी स्थापना के बाद सी.बी.एस.ई. (Central Board of Secondary Education - CBSE), ए.आई.सी.टी.ई. (All India Council for Technical Education – AICTE) जैसी एजेंसियाँ प्रवेश परीक्षाओं को आयोजित कराने की ज़िम्मेदारी से मुक्त हो जाएंगी।
- इसके अतिरिक्त यह छात्रों की योग्यता, बुद्धिमत्ता तथा समस्या निवारण क्षमता के कठिन स्तरों का आकलन करने के लिये उच्च विश्वसनीयता एवं प्रमाणीकरण लाने की दिशा में भी प्रयास करेगा।
इसकी पृष्ठभूमि क्या है?
- विश्व के अधिकांश उन्नत देशों की भाँति भारत में उच्च शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले हेतु आयोजित की जाने वाली प्रवेश परीक्षाओं को आयोजित करने हेतु कोई विशेषीकृत निकाय मौजूद नहीं है।
- एक विशेषीकृत निकाय की आवश्यकता को समझते हुए वित्त मंत्री द्वारा वर्ष 2017-18 के अपने बजट भाषण में उच्च शैक्षिक संस्थाओं में दाखिले के लिये सभी प्रवेश परीक्षाओं को आयोजित करने हेतु एक स्वायत्त तथा आत्मनिर्भर शीर्ष परीक्षा संगठन के रूप में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (National Testing Agency - NTA) की स्थापना की घोषणा की गई थी।