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भारतीय अर्थव्यवस्था

केंद्रीय प्रतिपक्ष

  • 04 May 2023
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

केंद्रीय प्रतिपक्ष (CCPs), यूरोपीय बाज़ार अवसंरचना विनियमन (EMIR), यूरोपीय प्रतिभूति एवं बाज़ार प्रा​धिकरण (EMSA)

मेन्स के लिये:

CCP और वित्तीय बाज़ारों में इसकी कार्यप्रणाली, यूरोपीय बैंकों के लिये भारतीय CCPs की ESMA की मान्यता समाप्त करने के निहितार्थ

चर्चा में क्यों?

यूरोपीय संघ के वित्तीय बाज़ार नियामक, यूरोपीय प्रतिभूति और बाज़ार प्राधिकरण (ESMA) ने यूरोपीय बाज़ार अवसंरचना विनियमन (EMIR) के अनुसार, 30 अप्रैल, 2023 से छह भारतीय केंद्रीय प्रतिपक्षों (CCP) की मान्यता रद्द कर दी है।

  • ये छह CCPs भारतीय समाशोधन निगम (Clearing Corporation of India- CCIL), भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (Indian Clearing Corporation Ltd- ICCL), NSE समाशोधन लिमिटेड (NSE Clearing Ltd- NSCCL), मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज क्लियरिंग (MCX CCL), इंडिया इंटरनेशनल क्लियरिंग कॉर्पोरेशन (India International Clearing Corporation-IFSC) लिमिटेड (IICC) और NSE IFSC समाशोधन निगम लिमिटेड (NSE IFSC Clearing Corporation Ltd- NICCL) हैं।

भारतीय केंद्रीय प्रतिपक्ष (CCP):

  • परिचय:
    • CCP एक वित्तीय संस्थान है जो विभिन्न डेरिवेटिव और इक्विटी बाज़ारों में खरीदारों एवं विक्रेताओं के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है। CCPs ऐसी संरचनाएँ हैं जो वित्तीय बाज़ारों में समाशोधन और निपटान प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने में सहायता करती हैं।
    • CCP का प्राथमिक लक्ष्य वित्तीय बाज़ारों में दक्षता और स्थिरता को बढ़ाना है।
    • CCP प्रतिपक्ष, परिचालन, निपटान, बाज़ार, कानूनी और डिफॉल्ट मुद्दों से जुड़े जोखिमों को कम करता हैं।
    • CCP एक व्यापार में खरीदारों और विक्रेताओं दोनों के प्रतिपक्ष के रूप में कार्य करता है, इसमें शामिल प्रत्येक पक्ष से धन एकत्र करता है और व्यापार की शर्तों की गारंटी देता है।
  • कार्यप्रणाली:
    • समाशोधन और निपटान CCP के दो मुख्य कार्य हैं।
      • समाशोधन में व्यापार के विवरण को मान्य करना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि लेन-देन को पूरा करने के लिये दोनों पक्षों के पास पर्याप्त धन है।
      • निपटान में विक्रेता से खरीदार को व्यापार में सम्मिलित परिसंपत्ति या प्रतिभूति के स्वामित्त्व का हस्तांतरण शामिल है।
  • भारत में विनियामक:

ESMA द्वारा भारतीय CCP की मान्यता समाप्त:

  • कारण:
    • ESMA ने सभी EMIR आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल रहने के कारण भारतीय CCP की मान्यता समाप्त कर दी।
    • ESMA और भारतीय नियामकों- RBI, SEBI और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (International Financial Services Centres Authority- IFSCA) के बीच 'किसी प्रकार की सहयोग संबंधी व्यवस्था की अनुपलब्धता' के कारण यह निर्णय लिया गया।
      • ESMA इन छह CCPs की निगरानी करना चाहता है, भारतीय नियामकों का मानना है कि चूँकि ये घरेलू CCPs भारत में कार्यरत हैं, यूरोपीय संघ में नहीं, इसलिये इन संस्थाओं को ESMA नियमों के अधीन नहीं लाया जा सकता है। भारतीय नियामकों को लगता है कि इन छह CCP के पास ठोस जोखिम प्रबंधन व्यवस्था है, इसलिये किसी विदेशी नियामक को उनका निरीक्षण करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
  • प्रभाव:
    • निकासी के निर्णयों के लागू होने की तिथि के अनुसार, ये CCPs अब यूरोपीय संघ में स्थापित समाशोधन सदस्यों और व्यापारिक केंद्रों को सेवाएँ प्रदान नहीं करेंगे।
    • इस निर्णय का भारत में यूरोपीय बैंकों पर प्रभाव पड़ेगा क्योंकि भारतीय केंद्रीय प्रतिपक्षों से जुड़े लेन-देन के लिये या तो उन्हें अपनी पूंजी आवश्यकताओं को 50 गुना तक बढ़ाने की आवश्यकता होगी या उन्हें अगले 6 से 9 महीने के दौरान उन प्रतिपक्षों के साथ अपनी होल्डिंग को समाप्त करना होगा।

यूरोपीय प्रतिभूति और बाज़ार प्राधिकरण (ESMA):

  • ESMA स्वतंत्र यूरोपीय संघ प्राधिकरण है।
  • ESMA निवेशकों की सुरक्षा और स्थिर एवं व्यवस्थित वित्तीय बाज़ारों को बढ़ावा देता है।
  • ESMA विशिष्ट वित्तीय संस्थाओं जैसे- क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों, प्रतिभूतिकरण रिपॉज़िटरी एवं ट्रेड रिपॉज़िटरी का प्रत्यक्ष पर्यवेक्षक है।

यूरोपीय बाज़ार अवसंरचना विनियमन (EMIR):

  • EMIR अगस्त 2012 में अपनाया गया एक यूरोपीय संघ विनियमन है।
  • इसका उद्देश्य OTC डेरिवेटिव बाज़ार में प्रणालीगत, प्रतिपक्ष और परिचालन जोखिम को कम करना है।
  • यह CCPs और ट्रेड रिपॉज़िटरी हेतु उच्च विवेकपूर्ण मानक निर्धारित करता है।
  • EMIR गैर-निकासी डेरिवेटिव जोखिम न्यूनीकरण रणनीतियों में सुधार करता है।
  • यह तीसरे देश के CCP की पहचान और पर्यवेक्षण हेतु एक ढाँचा स्थापित करता है।

स्रोत: इकॉनोमिक टाइम्स

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