विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
अतिसूक्ष्म रोबोट बीमारियों का पता लगाएँगे
- 29 Oct 2018
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संदर्भ
हाल ही में मैसेचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (MIT) के वैज्ञानिकों ने अतिसूक्ष्म रोबोट विकसित किया है जिसका उपयोग आयल या गैस पाइपलाइन की निगरानी अथवा मानव शरीर में रोग के निदान में किया जा सकता है। गौरतलब है कि इस रोबोट का आकार लगभग 10 माइक्रोमीटर है।
विनिर्माण
- वैज्ञानिकों ने उस तरीके की भी खोज कर ली है जिसकी सहायता से ऐसे रोबोटों का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सकता है।
- इस अतिसूक्ष्म रोबोटों का नाम ‘syncells’ (Synthetic Cells का सूक्ष्म रूप) रखा गया है।
- वैज्ञानिकों ने इस अतिसूक्ष्म रोबोट की बाहरी संरचना के निर्माण में कार्बन तथा ग्राफीन के द्वि-विमीय प्रारूप का उपयोग किया है।
- मैसेचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (MIT) के एक प्रोफेसर के अनुसार, यह रोबोट किसी जीवित जैविक कोशिका की तरह ही व्यवहार करता है।
- बड़ी मात्रा में ऐसे छोटे रोबोटों को बनाने का आधार परमाणु की तरह पतले, भंगुर सामग्री का प्राकृतिक रूप से टूटने (natural fracturing) की प्रक्रिया को नियंत्रित करने में निहित है।
- वैज्ञानिक 'स्वतः छिद्रण' के माध्यम से 'फ्रैक्चर लाइनों' को सीधे निर्देशित करते हैं ताकि वे अनुमानित आकार और आकृति के कम-से-कम पॉकेट उत्पन्न कर सकें।
- इन पॉकेट्स के अंदर ऐसे इलेक्ट्रॉनिक सर्किट और सामग्रियों के साथ रोबोट जुड़े होते हैं जो आँकड़ों को एकत्रित तथा संगृहीत कर सकते हैं।
संभावित अनुप्रयोग और महत्त्व
- ये रोबोट आयल और गैस पाइपलाइन के अंदर की स्थिति की निगरानी करने तथा रक्त के साथ प्रवाहित होते हुए मानव शरीर में रोगों का निदान करने में सक्षम हैं।
- इन रोबोटों के उत्पादन की प्रक्रिया का इस्तेमाल कई अन्य क्षेत्रों में भी हो सकता है।
- यह बिना किसी बाह्य शक्ति के आँकड़ों को संगृहीत करने में सक्षम है।