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राष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग ने लगाया कोल इंडिया पर ज़ुर्माना

  • 25 Mar 2017
  • 3 min read

समाचारों में क्यों ?

विदित हो कि भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (सीसीआई) ने सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया पर 591 करोड़ रपये का जुर्माना लगाया है। कंपनी पर यह जुर्माना ईंधन आपूर्ति समझौतों में कथित तौर पर अनुचित शर्तें रखने के लिये लगाया गया है।

क्यों लगाया गया है ज़ुर्माना ?

भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग ने 56 पृष्ठ के अपने आदेश में कंपनी को प्रतिस्पर्द्धा नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया और कहा कि कंपनी बिजली उत्पादों को गैर-कोकिंग कोल की आपूर्ति के मामले में अनुचित व भेदभावपूर्ण शर्तें लगाकर प्रतिस्पर्द्धा नियमों का उल्लंघन कर रही है।कोल इंडिया ने ईंधन आपूर्ति समझौते संबंधी नियम व शर्तें किसी साझी प्रक्रिया के जरिये तय ही नहीं किया था बल्कि इन्हें एकतरफा तरीके से क्रेताओं पर थोप भी दिया था।

भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग क्या है ?

अर्थव्यवस्था में निष्पक्ष प्रतिस्पर्द्धा के सृजन और इस संदर्भ में ‘सबको समान अवसर प्रदान’ करने के लिये संसद द्वारा 13 जनवरी 2003 को प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम 2002 को लागू किया गया। 14 अक्टूबर 2003 में केन्द्र सरकार द्वारा भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (सीसीआई) की स्थापना की गई। इसके बाद प्रतिस्पर्द्धा (संशोधन) अधिनियम, 2007 द्वारा इस अधिनियम में संशोधन किया गया। 20 मई 2009 को प्रतिस्पर्द्धा-विरोधी समझौते और प्रमुख स्थितियों के दुरुपयोग से संबंधित अधिनियम के प्रावधानों को अधिसूचित किया गया। उल्लेखनीय है कि यह अधिनियम जम्मू-कश्मीर के अलावा संपूर्ण भारत में लागू होता है। प्रतिस्पर्द्धा आयोग के उद्देश्य निम्नलिखित हैं।

  • प्रतिस्पर्द्धा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली पद्धतियों को रोकना।
  • बाज़ार में प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देना और इसे बनाए रखना।
  • उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना।
  • भारतीय बाज़ार अथवा आनुषांगिक रूप से जुड़े मामलों के लिये अन्य प्रतिभागियों द्वारा किये जाने वाले व्यापार की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना।
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