कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण का कर्नाटक को निर्देश | 29 May 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (Cauvery Water Management Authority-CWMA) ने जून माह के लिये कर्नाटक को बिलिगुंडलू जलाशय (Biligundlu Reservoir) से तमिलनाडु के लिये जल छोड़ने का आदेश दिया है।
प्रमुख बिंदु
- प्राधिकरण की बैठक में एक मत से यह निर्णय लिया गया।
- जून 2018 में कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण के गठन के बाद यह तीसरी बैठक थी। इस प्राधिकरण की पहली बैठक 2 जुलाई 2018 को हुई थी जिसमें कर्नाटक से जुलाई माह में 31.24 tmcft (हज़ार मिलियन घन फीट) जल छोड़ने को कहा गया था।
- हालिया आदेश में प्राधिकरण ने कर्नाटक से 9.19 हज़ार मिलियन क्यूबिक फीट (Thousand Million Cubic Feet-TMCF) जल छोड़ने के लिये कहा गया है।
- छोड़े जाने वाले जल की मात्रा 16 फरवरी, 2018 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गए आदेश के अनुरूप है।
- सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गए फैसले में कर्नाटक को 284.75 tmcft, तमिलनाडु को 404.25 tmcft तथा केरल और पुद्दुचेरी को क्रमशः 30 और 7 tmcft जल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था।
कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (Cauvery Water Management Authority-CWMA)
- तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल एवं पुद्दुचेरी के बीच जल के बँटवारे संबंधी विवाद को निपटाने हेतु 1 जून, 2018 को केंद्र सरकार ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (CWMA) का गठन किया।
- इस प्राधिकरण के गठन का निर्देश सर्वोच्च न्यायालय ने 16 फरवरी, 2018 को दिया था। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार, केंद्र सरकार को 6 सप्ताह के भीतर इस प्राधिकरण का गठन करना था।
प्राधिकरण की संरचना
- इस प्राधिकरण में एक अध्यक्ष तथा 8 सदस्यों के अलावा एक सचिव शामिल है।
- 8 सदस्यों में से दो पूर्णकालिक और छह अंशकालिक सदस्य हैं।
- अध्यक्ष की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। वर्तमान में इसके अध्यक्ष एस. मसूद हुसैन हैं।
- प्राधिकरण के अध्यक्ष का कार्यकाल 5 वर्ष या आयु के 65 वर्ष पूरे होने तक निर्धारित किया गया है। अन्य सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष निर्धारित किया गया है और इसे पाँच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।