भारत-बांग्लादेश सीमा पर मिले मवेशियों की अवैध तस्करी के प्रमाण | 23 Oct 2017

संदर्भ

पिछले दो महीनों में ही भारत-बांग्लादेश सीमा पर होने वाली मवेशियों की तस्करी के कारण सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो सैन्यकर्मी मारे जा चुके हैं। ये हत्याएं दर्शाती हैं कि अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर मवेशियों की तस्करी सीमा की रक्षा के लिये तैनात सुरक्षाकर्मियों के लिये एक बड़ी चुनौती बन गई है।

प्रमुख बिंदु

  • भारत-बांग्लादेश सीमा पर मवेशियों की बरामदगी से संबंधित विश्लेषण यह दर्शाते हैं कि वर्ष 2014 से मवेशियों की तस्करी से संबंधित मामलों में कोई गिरावट नहीं आई है।
  • गृह मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2014 में मवेशियों के 1,09999 सिर बरामद किये गए थे, जबकि वर्ष 2015  और 2016 के लिये यह संख्या क्रमशः 1,53,602 और 1,68,801 थी।
  • वर्ष 2017 के सितम्बर तक इस सीमा पर मवेशियों के 30,99,744 सिर बरामद किये जा चुके हैं। 
  • वर्ष 2014 में ज़ब्त किये गए मवेशियों के 1,09,999 सिरों (लगभग 92%) में से 1,01,751 सीमा सुरक्षा बल के ‘दक्षिण बंगाल सीमांत (south bengal frontier-SBF) में बरामद किये गए थे, परन्तु 2017 में  दक्षिण बंगाल सीमांत में बरामद किये गए मवेशियों के कुल सिरों में 43% की कमी देखी गई थी। इसके अतिरिक्त, 99,774 में से 43,597 मवेशियों के सिर संपूर्ण पूर्वी भाग में बरामद किये गए थे।
  • वर्ष 2014 में सीमा सुरक्षा बल के उत्तर बंगाल सीमांत पर मवेशियों के 6,651 सिर बरामद किये गए थे। वर्ष 2016 में इनकी संख्या 16,020 हो गई और 2017 के सितम्बर तक यह संख्या 11,542 पर पहुँच गई है।
  • वर्ष 2014 तक उत्तर-पूर्व से बमुश्किल ही मवेशियों के सिर बरामद किये गए थे, परन्तु आँकड़े दर्शाते हैं कि मवेशियों के लगभग 40% सिर उत्तर-पूर्व से बरामद किये गए थे।

‘दक्षिण बंगाल सीमांत ’क्षेत्र

  • सीमा सुरक्षा बल के ‘दक्षिण बंगाल सीमांत ’ क्षेत्र का विस्तार पश्चिम बंगाल के सुंदरबन से लेकर मालदा तक है। इसे सीमा पर होने वाली तस्करी के लिये सबसे अधिक कमज़ोर और संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। इस 918 किलोमीटर की सीमा में  केवल एक तिहाई हिस्से पर ही सुरक्षा घेरा बनाया गया है, जबकि इसका 360 किमी. का बड़ा भाग तटवर्ती है, जहाँ दो देशों के मध्य प्रवाहित होने वाली नदियाँ एक अंतर्राष्ट्रीय सीमा का कार्य करती हैं।

भारत-बांग्लादेश सीमा

  • भारत-बांग्लादेश सीमा की लम्बाई 4,096 किलोमीटर (पश्चिम बंगाल से 2,216 किमी. और त्रिपुरा से 856 किमी.) है। वे अन्य राज्य जो बांग्लादेश के साथ अपनी सीमा साझा करते हैं, उनमें  मेघालय(443 किमी.), मिज़ोरम (318 किमी.) और असम.(263 किमी.) शामिल हैं।

क्यों कम नहीं हो रहा है मवेशियों  की  अवैध तस्करी?

  • उत्तर-पूर्व में प्रत्येक राज्य में सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा को प्रबंधित करने के लिये एक समर्पित बीएसएफ फ्रंटियर है। यदि मवेशियों के सिरों की बरामदगी के आधार पर कहें तो यहाँ बड़े पैमाने पर मवेशियों की अवैध तस्करी होती है। हालाँकि, इस क्षेत्र में मवेशियों की तस्करी को रोकना असंभव है क्योंकि इसमें लाभ बहुत अधिक है और सीमा के  दोनों ओर के स्थानीय लोग इससे आर्थिक लाभ प्राप्त करते हैं। 
  • बरामद किये गए मवेशी की एक सिर पर 10,000 से 15,000 रुपए का आर्थिक लाभ प्राप्त होता है जोकि मवेशी के आकार पर निर्भर करता है। आँकड़े दर्शाते हैं कि वर्ष 2014 से अब तक पूर्वी सीमा से लगे क्षेत्रों में बरामद किये गए कि मवेशियों के 5.32 लाख सिरों की कीमत 350 करोड़ थी, जबकि दक्षिण बंगाल फ्रंटियर से लगे क्षेत्रों में बरामद किये गए 3.25 लाख मवेशियों की कीमत 200 करोड़ रुपए थी।