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भारतीय अर्थव्यवस्था

एटीएम से कार्डलेस नकद निकासी

  • 13 Apr 2022
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

आरबीआई, यूपीआई, कार्ड स्किमिंग या कार्ड क्लोनिंग।

मेन्स के लिये:

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस और इसकी उपलब्धियाँ, डिजिटल इंडिया।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने देश भर के एटीएम से कार्डलेस नकद निकासी की घोषणा की, जो उपभोक्ताओं को स्वचालित टेलर मशीन (ATM) से नकदी निकालने के लिये अपने स्मार्टफोन पर यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) का उपयोग करने में सक्षम बनाएगी।

महत्त्व:

  • नकद निकासी की सुरक्षा:
    • यह कार्ड स्किमिंग और कार्ड क्लोनिंग जैसी धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेगा।
  • उपयोगकर्त्ताओं को किसी भी एटीएम से नकद निकासी हेतु सक्षम करना:
    • वर्तमान में केवल कुछ बैंकों के मौज़ूदा ग्राहकों को बिना कार्ड और विशिष्ट बैंक के एटीएम नेटवर्क से नकदी निकालने की अनुमति है।
      • हालाँकि कार्डलेस निकासी में इंटरऑपरेबिलिटी की अनुमति देने के आरबीआई के कदम से उपयोगकर्त्ता किसी भी या सभी एटीएम से नकदी ले सकेंगे।
  • भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना:
    • यह कदम लोगों की आगे की समस्याओं को हल करने तथा भारत में भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में और अधिक लोगों की भागीदारी को सुनिश्चित करने में मदद करेगा।

कार्ड स्किमिंग या कार्ड क्लोनिंग:

  • क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग या स्किमिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड की अनधिकृत प्रतियाँ बनाने का अवैध कार्य है।
  • यह अपराधियों को कार्डधारक के पैसे को प्रभावी ढंग से चोरी करने और/या कार्डधारक के कार्ड का उपयोग करने में सक्षम बनाता है।
  • एक बार जब डिवाइस डेटा हासिल कर लेता है, तो इसका उपयोग उपयोगकर्त्ता के बैंकिंग रिकॉर्ड तक अनधिकृत पहुँच प्राप्त करने के लिये किया जा सकता है।
  • चोरी की गई जानकारी को एक नए कार्ड पर कोडित किया जा सकता है, एक प्रक्रिया जिसे क्लोनिंग कहा जाता है तथा इसका उपयोग भुगतान करने और अन्य बैंक खातों के साथ लेन-देन करने के लिये किया जा सकता है।

कार्डलेस नकद निकासी सुविधा की चुनौतियाँ:

  • नकद निकासी पर सीमा:
    • वर्तमान में आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई अपने उपयोगकर्त्ताओं को कार्डलेस नकद निकासी की अनुमति देते हैं। लेकिन इस सुविधा तक पहुँचना बोझिल है क्योंकि इसमें निकासी की कुछ सीमाएँ है, साथ ही लेन-देन पर शुल्क भी लगाया जाता है।
  • इस सुविधा की मापनीयता:
    • इस सुविधा की मापनीयता एक चुनौती हो सकती है क्योंकि यह देखना होगा कि कितने बैंक अपने ग्राहकों के लिये इसे जल्दी से शुरू करते हैं।
  • सुरक्षा संबंधी समस्या:
    • कार्डलेस निकासी में कार्ड की सुरक्षा भेद्यता कम-से-कम होती है, लेकिन यह ज़ोखिम जल्द ही मोबाइल-सक्षम सुविधा में स्थानांतरित हो जाएगा।
      • मोबाइल अब लेन-देन का केंद्र बन सकता है, जिससे धोखेबाज़ी में वृद्धि हो सकती है।

भविष्य में डेबिट कार्ड का उपयोग:

  • कार्ड जारी करना बंद नहीं किया जाएगा क्योंकि उनके पास नकद निकासी के अलावा कई अन्य सुविधाएँ होंगी। उनका उपयोग किसी रेस्टोरेंट, दुकान या किसी विदेशों में भुगतान के लिये किया जा सकता है।
  • डेबिट कार्ड एक विकसित वित्तीय उत्पाद है और अपनी वर्तमान पूर्णता तक पहुँचने के लिये पहले से ही कई पुनरावृत्तियों से गुज़र चुका है।
  • इस प्रकार डेबिट कार्ड का उपयोग अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्सों में जारी रहेगा।

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI):

  • यह तत्काल भुगतान सेवा (Immediate Payment Service- IMPS) जो कि कैशलेस भुगतान को तीव्र और आसान बनाने के लिये चौबीस घंटे धन हस्तांतरण सेवा है, का एक उन्नत संस्करण है।
  • UPI एक ऐसी प्रणाली है जो कई बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लीकेशन (किसी भी भाग लेने वाले बैंक के) द्वारा कई बैंकिंग सुविधाओं, निर्बाध फंड रूटिंग और मर्चेंट भुगतान की शक्ति प्रदान करती है।
  • वर्तमान में UPI नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH), तत्काल भुगतान सेवा (IMPS), आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS), भारत बिल भुगतान प्रणाली (BBPS), RuPay आदि सहित भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा संचालित प्रणालियों में सबसे बड़ा है। 
  • वर्तमान में शीर्ष UPI एप में PhonePe, Paytm, Google Pay, Amazon Pay और BHIM शामिल हैं, 

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (पीवाईक्यू):

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017) 

  1. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) देश में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में मदद करता है।
  2. NPCI ने रुपे कार्ड भुगतान योजना शुरू की है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों  
(d) न तो 1 और न ही 2 

उत्तर: (c) 

  • भारत में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI), खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली के संचालन हेतु एक छत्र संगठन है जो भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के प्रावधानों के तहत RBI तथा भारतीय बैंक संघ (IBA) की एक पहल है। यह भारत में एक मज़बूत भुगतान व निपटान अवसंरचना का निर्माण करता है।
  • NPCI का मुख्य उद्देश्य सभी खुदरा भुगतान प्रणालियों हेतु राष्ट्रव्यापी पहुँचऔर मानक व्यापार प्रक्रिया में विभिन्न सेवा स्तरों के साथ कई प्रणालियों को समेकित एवं एकीकृत करना है। NPCI के अन्य उद्देश्यों में से एक देश भर में आम आदमी को लाभ पहुंँचाने हेतु एक किफायती भुगतान तंत्र की सुविधा प्रदान करना तथा अंततः वित्तीय समावेशन में मदद करना है।
  • NPCI द्वारा लॉन्च किये गए उत्पादों में तत्काल भुगतान सेवा (IMPS), राष्ट्रीय वित्तीय स्विच (NFS) और चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS), यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI), भारत बिल भुगतान प्रणाली (NCMC), रुपे कार्ड, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्डऔर राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (NETC) शामिल हैं। 

प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन भारत में सभी एटीएम को जोड़ता है? (2018) 

(a) भारतीय बैंक संघ
(b) नेशनल सिक्योरिटीज़ डिपॉज़िटरी लिमिटेड
(c) भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम
(d) भारतीय रिज़र्व बैंक

उत्तर: C

  • भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) भारत में सभी खुदरा भुगतानों के लिये एक छत्र संगठन है। इसे भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय बैंक संघ के मार्गदर्शन तथा समर्थन के साथ स्थापित किया गया था।
  • राष्ट्रीय वित्तीय स्विच (एनएफएस) साझा और परस्पर जुड़े एटीएम का भारत का सबसे बड़ा नेटवर्क है तथा इसका प्रबंधन भी NPCI द्वारा किया जाता है। बदले में NPCI बैंकों से अंतर-बैंक एटीएम लेन-देन को संसाधित करने के लिये शुल्क लेता है।

प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन 'एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI)' को लागू करने का सबसे संभावित परिणाम है? (2017) 

(a) ऑनलाइन भुगतान के लिये मोबाइल वॉलेट की आवश्यकता नहीं होगी।
(b) डिजिटल मुद्रा लगभग दो दशकों में भौतिक मुद्रा को पूरी तरह से प्रतिस्थापित कर देगी।
(c) FDI के प्रवाह में भारी वृद्धि होगी।
(d) निर्धन लोगों को सब्सिडी का सीधा हस्तांतरण अधिक प्रभावी हो जाएगा।

उत्तर: (a) 

  • UPI या यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस एक इंस्टेंट रियल टाइम पेमेंट सिस्टम है जो मोबाइल प्लेटफॉर्म के ज़रिये दो बैंक खातों के बीच फंड ट्रांसफर करने में मदद करता है। यह एक अवधारणा है जो एक ही मोबाइल एप्प्लीकेशन में कई बैंक खातों को प्राप्त करने की अनुमति देती है।
  • UPI को भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा विकसित किया गया था और यह भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा विनियमित किया जाता है।
  • यह बैंकों के बीच इंटरऑपरेबिलिटी की सुविधा प्रदान करता है और सीधे खाते से जुड़ा होता है (कोई क्रेडिट/डेबिट कार्ड जानकारी साझा नहीं की जाती है क्योंकि यह बैंक भुगतान के लिये प्राथमिक गेटवे के रूप में कार्य करता है)।
  • साथ ही UPI प्रणाली में नामांकित अधिकांश बैंक लगभग शून्य या शून्य लेन-देन लागत की पेशकश करते हैं, जो बैंकों और व्यापारी के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है।

स्रोत: द हिंदू 

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