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विश्व के बच्चों में कैंसर की स्थिति

  • 30 Jul 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

एक हालिया अध्ययन में यह सामने आया है कि वैश्विक स्तर पर बच्चों में होने वाले कैंसर के 82 प्रतिशत मामले गरीब देशों में सामने आते हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • लांसेट/लैंसेट जर्नल के हाल के एक अध्ययन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर प्रत्येक दिन तकरीबन 700 बच्चों के कैंसर से पीड़ित होने की जानकारी मिलती है।
  • हालाँकि वर्ष 2017 में बच्चों और किशोरों (0-19 वर्ष) में वैश्विक स्तर पर कैंसर के लगभग 4,16,500 नए मामले ही सामने आए। लेकिन खराब स्वास्थ्य, विकलांगता और घातक कैंसर से संबंधित इलाज के चलते वैश्विक स्तर पर अनुमानत: प्रत्येक वर्ष 11.5 मिलियन बच्चों की मृत्यु हो जाती है।
  • संपन्न देशों की अपेक्षा गरीब देशों के बच्चों में कैंसर से मृत्यु की संभावना 4 गुना अधिक होती है।
  • कारणों की व्याख्या करते हुए अध्ययन में कहा गया है कि निदान/डायग्नोसिस तथा स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँच में कमी कई गरीब देशों में कम उम्र में होने वाले कैंसर के प्रमुख कारण हैं।

भारत के संदर्भ में

  • अध्ययन के अनुसार, भारत में 5 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों की मृत्यु के लिये कैंसर 9वाँ सबसे बड़ा कारण है। भारत में कैंसर के कुल पीड़ितों में से तकरीबन 5 प्रतिशत बच्चे हैं।
  • हालाँकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मुंबई का टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल और दिल्ली का एम्स (AIIMS) आदि भारत के कुछ ऐसे स्वास्थ्य संस्थान हैं जहाँ कैंसर से प्रभावित लोगों के जीवित रहने की दर लगभग पश्चिम देशों के बराबर हैं।
  • इसके अतिरिक्त भारतीय बच्चों में होने वाले कैंसर की दर भी पश्चिमी देशों की तुलना में कम है। जहाँ एक ओर भारत में प्रति 1,00,000 बच्चों में से मात्र 80-90 बच्चे ही कैंसर से पीड़ित हैं वहीं दूसरी ओर अमेरिका और यूरोप में यह आँकड़ा 160 के आस-पास है।
  • टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में कैंसर के मामले में भारत विश्व में 5वें स्थान पर है और दुनिया भर के कैंसर से प्रभावित कुल बच्चों में से 20 प्रतिशत भारत में हैं।

कैंसर (CANCER) क्या है?

  • कैंसर से अभिप्राय शरीर के भीतर कुछ कोशिकाओं का अनियंत्रित होकर बढ़ना है।
  • अनुपचारित कैंसर आसपास के सामान्य ऊतकों या शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है तथा इसके कारण बहुत से गंभीर रोग, विकलांगता यहाँ तक की मृत्यु भी हो सकती है।
  • मूलतः कैंसर को प्राथमिक ट्यूमर कहा जाता है।
  • शरीर के दूसरे हिस्से में फैले कैंसर को मेटास्टैटिक या माध्यमिक कैंसर कहा जाता है।
  • मेटास्टैटिक कैंसर में प्राथमिक कैंसर के समान ही कैंसर कोशिकाएँ पाई जाती हैं।
  • आमतौर पर मेटास्टैटिक कैंसर शब्द का प्रयोग ठोस ट्यूमर का वर्णन करने के लिये किया जाता है जो शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलता है।

स्रोत: टाइम्स ऑफ़ इंडिया

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