पोस्‍ता दाना व्‍यापार पर भारत और तुर्की के बीच समझौता | 25 May 2018

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पोस्‍ता दाना व्‍यापार पर भारत और तुर्की के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर को स्‍वीकृति दी है। इसका उद्देश्‍य तुर्की से पोस्‍ता दाना आयात के लिये तेज़ और पारदर्शी प्रोसेसिंग सुनिश्चित करना है।

प्रमुख विशेषताएँ  

  • तुर्की अनाज बोर्ड (Turkish Grain Board - TMO) पोस्‍ता दाना तुर्की से भारत निर्यात करने के नियमों के लिये ऑनलाइन प्रणाली का संचालन करेगा।
  • ऑनलाइन प्रणाली की सदस्‍यता प्राप्‍त करने के लिये निर्यातक कंपनियाँ एजियन एक्‍सपोटर्स एसोसिशएन (Agean Exporters Association) (कानून द्वारा प्रदत्‍त जिम्‍मेदारी) के माध्‍यम से टीएमओ को आवेदन प्रस्‍तुत करेंगी।
  • प्रत्‍येक वर्ष भारत द्वारा आयात किये जाने वाले पोस्‍ता दाना की मात्रा भारत सरकार तुर्की सरकार के साथ विचार-विमर्श करके तय करेगी।
  • इसमें पैदावार वर्ष में तुर्की में पोस्‍ता दाना उत्‍पादन, पिछले पैदावार वर्षों के शेष और तुर्की गणराज्‍य की घरेलू या अन्‍य निर्यात आवश्‍यकता को ध्‍यान में रखा जाएगा।
  • निर्यातक कंपनियाँ टीएमओ से पंजीकृ‍त होंगी। भारतीय आयातक के साथ निर्यातक कंपनी द्वारा किया गया प्रत्‍येक बिक्री करार ऑनलाइन प्रणाली के माध्‍यम से टीएमओ से पंजीकृत होंगे। उपरोक्‍त पैरा-2 में वर्णित मात्रा से अधिक के बिक्री करार को पंजीकृत नहीं करने की ज़िम्‍मेदारी टीएमओ की होगी।
  • केन्‍द्रीय नार्कोटिक्‍स ब्‍यूरो (entral Bureau of Narcotics - CBN) टीएमओ द्वारा पंजीकृत बिक्री करार को पंजीकृत करेगा।
  • यह पंजीकरण टीएमओ द्वारा संचालित ऑनलाइन प्रणाली और भारत सरकार के वित्‍त मंत्रालय द्वारा पंजीकरण के लिये निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुरूप होगा।
  • सीबीएन अपने द्वारा पंजीकृत बिक्री करार ऑनलाइन प्रणाली पर अपलोड करेगा। टीएमओ सीबीएन द्वारा पंजीकृत करारों के संबंध में भी निर्यात की अनुमति देगा।
  • बिक्री करार तथा अन्‍य आवश्‍यक प्रक्रियाएँ पूरी होने के बाद टीएमओ निर्यातकों को पोस्‍ता दाना के लिये कानूनी उत्‍पादन प्रमाण-पत्र उपलब्‍ध कराएगा।
  • यह समझौता ज्ञापन तुर्की से पोस्‍ता दाना आयात के लिये कोटा निर्धारण और पूर्व प्राधिकार प्रोसेसिंग को तेज़ और पारदर्शी बनाएगा।
  • इस तरह उचित आयात करार आसानी से किया जा सकता है और आयात में बाधा डालने वाले अनेक मामले टाले जा सकेंगे।
  • समझौता ज्ञापन भारत के घरेलू बाज़ार में पोस्‍ता दाना की निरंतर उपलब्‍धता सुनिश्चित करेगा और अंतत: इससे भारत के पोस्‍ता दाना उपभोक्‍ता लाभांवित होंगे। 

पृष्‍ठभूमि 

कानूनी विवादों के कारण तुर्की से पोस्‍ता दाना का आयात रोक दिया था। इससे भारत के घरेलू बाज़ार में पोस्‍ता दाना की कीमत में काफी वृद्धि हुई और कुछ आयातकों द्वारा जमाखोरी भी गई। इस कारण अदालत द्वारा अनेक स्‍थगन आदेश जारी किये गए, लेकिन सुनवाई स्‍थगित होने के कारण स्थिति और गंभीर हो गई और देश में पोस्‍ता दाना की उपलब्‍धता में कमी हो गई। ऐसी कानूनी अड़चनों को टालने तथा मूल्‍यवृद्धि और जमाखोरी रोकने के लिये भारत एवं तुर्की के बीच समझौता ज्ञापन के माध्‍यम से एक वैकल्पिक व्‍यवस्‍था बनाने का प्रयास किया गया है। इस निर्णय का उद्देश्य वास्‍तविक समय डाटा का आदान-प्रदान करते हुए यह सुनिश्चित करना है कि तुर्की से आयात किये गए पोस्‍ता दाना की मात्रा उचित है, उत्‍पादन सही है तथा इसे कानूनी रूप से तुर्की में उत्‍पादित किया गया है।