प्रौद्योगिकी
मंत्रिमंडल ने बांध सुरक्षा विधेयक, 2018 को संसद में प्रस्तुत करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी
- 14 Jun 2018
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संदर्भ
देश भर में 5,200 से अधिक बांधों में जल्द ही समान सुरक्षा मानदंड लागू होंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बांध सुरक्षा विधेयक, 2018 को संसद में प्रस्तुत करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। आगामी मानसून सत्र के दौरान बांध सुरक्षा विधेयक, 2018 को संसद में पेश किया जाएगा। अग्रणी भारतीय विशेषज्ञों और अतंर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ व्यापक विचार-विर्मश के बाद विधेयक के प्रारूप को अंतिम रूप दिया गया है।
बांध सुरक्षा विधेयक, 2018
- यह विधेयक राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों को समान बांध सुरक्षा प्रक्रियाओं के मामले में एकरूपता अपनाने में मदद करेगा, जिससे बांधों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और इन बांधों से होने वाले लाभ सुरक्षित रहेंगे। इससे मानव जीवन, पशुधन और संपत्ति की सुरक्षा में भी मदद मिलेगी।
- विधेयक में देश में निर्दिष्ट बांधों की उचित निगरानी, निरीक्षण, संचालन तथा रख-रखाव का प्रावधान है, ताकि उनका सुरक्षित काम-काज सुनिश्चित किया जा सके।
- विधेयक में बांध सुरक्षा पर राष्ट्रीय समिति गठित करने का प्रावधान है। यह समिति बांध सुरक्षा नीतियों को विकसित करेगी और आवश्यक नियमनों की सिफारिश करेगी।
- विधेयक में राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण का गठन नियामक संस्था के रूप में करने का प्रावधान है। यह प्राधिकरण नीति, दिशा-निर्देश और देश में बांध सुरक्षा के लिये मानकों को लागू करेगा।
- विधेयक में राज्य सरकार द्वारा बांध सुरक्षा पर राज्य समिति गठित करने का भी प्रावधान है।
राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण
- यह प्राधिकरण बांध सुरक्षा संबंधी डाटा और व्यवहारों के मानकीकरण के लिये राज्य बांध सुरक्षा संगठनों और बांधों के मालिकों के साथ संपर्क बनाए रखेगा।
- प्राधिकरण राज्यों तथा राज्य बांध सुरक्षा संगठनों को तकनीकी और प्रबंधकीय सहायता उपलब्ध कराएगा।
- प्राधिकरण देश के सभी बांधों का राष्ट्रीय स्तर पर डाटाबेस तथा प्रमुख बांध विफलताओं का रिकॉर्ड रखेगा।
- प्राधिकरण किसी प्रमुख बांध की विफलता के कारणों की जाँच करेगा।
- प्राधिकरण नियमित निरीक्षण तथा बांधों की विस्तृत जाँच के लिये मानक दिशा-निर्देशों और नियंत्रण सूचियों को प्रकाशित करेगा और अद्यतन रखेगा।
- प्राधिकरण उन संगठनों की मान्यता या प्रत्ययन का रिकॉर्ड रखेगा, जिन्हें जांच, नए बांधों की डिजाइन और निर्माण का कार्य सौंपा जा सकता है।
- प्राधिकरण दो राज्यों के राज्य बांध सुरक्षा संगठन के बीच या किसी राज्य बांध सुरक्षा संगठन और उस राज्य के बांध के स्वामी के बीच विवाद का उचित समाधान करेगा।
- कुछ मामलों में जैसे- एक राज्य का बांध दूसरे राज्य के भू-भाग में आता है तो राष्ट्रीय प्राधिकरण राज्य बांध सुरक्षा संगठन की भूमिका भी निभाएगा और इस तरह अंतर-राज्य विवादों के संभावित कारणों को दूर करेगा।
बांध सुरक्षा पर राज्य समिति
- यह समिति राज्य में निर्दिष्ट सभी बांधों की उचित निगरानी, निरीक्षण, संचालन और रख-रखाव सुनिश्चित करेगी।
- समिति यह सुनिश्चित करेगी की बांध सुरक्षा के साथ काम कर रहे हैं। इसमें प्रत्येक राज्य में राज्य बांध सुरक्षा संगठन स्थापित करने का प्रावधान है। यह संगठन फील्ड बांध सुरक्षा के अधिकारियों द्वारा चलाया जाएगा।
- अधिकारियों में प्राथमिक रूप से बांध डिज़ाइन, हाईड्रो-मेकेनिकल इंजीनियरिंग, हाईड्रोलॉजी, भू तकनीकी जाँच और बांध पुनर्वास क्षेत्र के अधिकारी होंगे।
पृष्ठभूमि
- भारत में 5200 से अधिक बड़े बांध हैं और लगभग 450 बांध निर्माणाधीन हैं। इसके अतिरिक्त मझौले और छोटे हजारों बांध हैं।
- भारत में बांध सुरक्षा के लिये कानूनी और संस्थागत व्यवस्था नहीं होने के कारण बांध सुरक्षा चिंता का विषय है।
- असुरक्षित बांधों से खतरा बना रहता है और इनके टूटने से आपदा आ सकती है, परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हो सकता है।
- बांध सुरक्षा विधेयक, 2018 में बांध सुरक्षा संबंधी सभी विषयों को शामिल किया गया है। इसमें बांध का नियमित निरीक्षण, आपात कार्य योजना, विस्तृत सुरक्षा के लिये पर्याप्त मरम्मत और रख-रखाव कोष इंस्ट्रूमेंटेशन तथा सुरक्षा मैनुअल शामिल हैं।
- इसमें बांध सुरक्षा का दायित्व बांध के स्वामी पर है और विफलता के लिये दंड का प्रावधान है।