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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

वर्ष 2018 से दिल्ली में बी.एस. – VI लागू

  • 16 Nov 2017
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत मध्‍यम आय समूह (एमआईजी) के लिये क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्‍कीम (सीएलएसएस) के अंतर्गत ब्‍याज रियायत हेतु पात्र घरों के कारपेट एरिया में बढ़ोतरी करने का निर्णय किया गया है।  

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • इस स्‍कीम का विस्‍तार, कवरेज एवं पहुँच बढ़ाने के लिये मंत्रिमंडल द्वारा निम्‍नलिखित बिन्दुओं को शामिल किये जाने के संबंध में मंज़ूरी दी गई है: 

♦ सी.एल.एस.एस. की एम.आई.जी.-1 श्रेणी में कारपेट एरिया को वर्तमान 90 स्‍क्‍वायर मीटर से बढ़ाकर 120 स्‍कवायर मीटर तक कर दिया है और सी.एल.एस.एस. की एम.आई.जी-2 श्रेणी के संबंध में कारपेट एरिया को वर्तमान 110 स्‍क्‍वायर मीटर से बढ़ाकर 150 स्‍कवायर मीटर तक कर दिया गया है।
♦ यह बदलाव दिनांक 01.01.2017 से लागू होंगे अर्थात् जिस दिन एम.आई.जी. के लिये सी.एल.एस.एस. लागू हुए थे, उसी दिन से इन संशोधनों को भी लागू किया गया है।   

  • यह ब्‍याज रियायत स्‍कीम के लाभों को मध्‍यम आय समूह तक पहुँचाने का एक अग्रणी कदम है।
  • एम.आई.जी.-1 में 9 लाख रुपए के ऋण केन लिये 4 प्रतिशत की ब्‍याज रियायत प्रदान की जाती है, जबकि एम.आई.जी.-2 में 12 लाख रुपए के ऋण के लिये 3 प्रतिशत की ब्‍याज रियायत प्रदान की जाती है। 
  • सी.एल.एस.एस. के लिये एम.आई.जी. वर्तमान में 31 मार्च, 2019 तक लागू है। 

 

प्रभाव 

  • 120 स्क्वायर मी. और 150 स्क्वायर मी. को अच्‍छी वृद्धि के रूप में देखा जा रहा है और यह इस स्‍कीम में निर्धारित दो आय समूहों से संबंधित एम.आई.जी. द्वारा सामान्‍य रूप से विशिष्ट बाज़ार की ज़रूरत को पूरा करेगा।
  • कारपेट एरिया में बढ़ोतरी से डेवेलपर परियोजनाओं में मध्‍यम आय श्रेणी के व्यक्तियों के पास अधिक विकल्‍प मौजूद हो सकेंगे।
  • इसके अलावा बढ़े हुए कारपेट एरिया के परिणामस्वरूप किफायती आवासीय श्रेणी में तैयार फ्लैटों की बिक्री को प्रोत्‍साहन मिलेगा। 

 

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)

  • प्रधानमंत्री आवास योजना को जून 2015 में लॉन्च किया गया था। 
  • इसके अंतर्गत सरकार का लक्ष्य जल की सुविधा, साफ-सफाई और 24 घंटे बिजली की सुविधा युक्त वहनीय पक्के मकानों का निर्माण करना है। 
  • आरंभ में इस योजना के अंतर्गत आर्थिक दृष्टि से कमज़ोर (जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपए से अधिक न हो) और निम्न आय वर्ग (जिनकी वार्षिक आय 6 लाख रुपए से अधिक न हो) वाले लोगों को कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, परंतु अब इसके तहत मध्यम आय वर्ग के लोगों को भी कवर किया जा रहा है।
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